भोपाल : मध्यप्रदेश के बहुचर्चित परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की काली कमाई के मामले में ईओडब्लू एक्शन में है. काली कमाई के 'कुबेर' सौरभ शर्मा के कारोबार की गतिविधियों को संभालने वाला शरद जायसवाल कल लोकायुक्त कार्यालय में अपना जवाब प्रस्तुत करने पहुंचा, लेकिन लोकायुक्त पुलिस ने उसे देर रात गिरफ्तार कर लिया. लोकायुक्त ने बुधवार को उसे मेडिकल कराने के बाद विशेष न्यायाधीश के सामने पेश किया.
शरद जायसवाल भी 4 फरवरी तक हिरासत में
शरद जायसवाल को भी 4 फरवरी तक लोकायुक्त पुलिस की रिमांड में सौंप दिया गया है. अब तीनों आरोपियों को 4 फरवरी को विशेष न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा. बता दें कि परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा, उसके साथी चेतन गौर और शरद जायसवाल को लोकायुक्त बीते 40 दिन से तलाश रही थी. अब तीनों लोकायुक्त की हिरासत में हैं. अब लोकायुक्त इनसे अलग-अलग पूछताछ करेगी और सामने बैठाकर भी क्रॉस इंक्वायरी करेगी.
सौरभ शर्मा से कैसे जुड़े शरद व चेतन
बताया जाता है कि सौरभ शर्मा से शरद की मुलाकात प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त के दौरान हुई थी. इसके बाद शरद ने सौरभ शर्मा के लिए काम करना शुरू कर दिया. सौरभ शर्मा के रेस्टोरेंट और अन्य बिजनेस को वह संभालने लगा. शुरुआती पूछताछ में उसने यही कहा है कि उसका सौरभ के काले धन से कोई लेना-देना नहीं है. वही चेतन गौर ने भी कहा है कि वह केवल एक कोरियर बॉय के तरह काम करता था, उसे जो निर्देश सौरभ द्वारा दिए जाते थे, उनका वह पालन करता था.
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सौरभ के साथी शरद कुछ समय के लिए अस्पताल में भर्ती
लोकायुक्त को ये भी पता चला है कि मंडोरी गांव में जिस वाहन में बड़ी मात्रा में सोना और कैश बरामद हुआ था, वह वाहन भले ही चेतन के नाम पर है. लेकिन इसका उपयोग सौरभ शर्मा ही किया करता था. लोकायुक्त का मुख्य फोकस सौरभ शर्मा पर ही. वहीं शरद के वकील सूर्यकांत बुझाडे ने बताया "लोकायुक्त की हिरासत में कल देर रात शरद की तबीयत बिगड़ गई थी. रात में उसे हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां रात को 2:00 बजे उसे ड्रिप भी लगाई गई. तबीयत सामान्य होने पर उसे वापस लोकायुक्त पुलिस को सौंपा गया."