भोपाल। महाभारत में कृष्ण की भूमिका निभा चुके नीतीश भारद्वाज के आरोप और फिक्र है कि उनकी बेटियों को उनकी पूर्व पत्नी स्मिता भारद्वाज से जान का खतरा है. उन्होंने कहा कि ''मेरी बच्चियों की लीगल कस्टडी स्मिता के पास नहीं है. लेकिन जिस तरह से उन्होंने जैसे इन बच्चियों के पिता यानि मुझे उनसे दूर किया है, जिस तरह से उनसे मुझे मिलने नहीं दे रही हैं, षडयंत्र कर रही हैं मैं अपनी बच्चियों की जिंदगी को लेकर भी चिंतित हूं और उनकी कस्टडी चाहता हूं.'' ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने खुलासा किया कि ''जब कुछ देर के लिए सालों बाद वो बीती जनवरी में अपनी बेटियों से मिले तो जुड़वा बेटियों में से एक ने कहा कि पापा आपने केवल एक की कस्टडी ही क्यों ली.'' नीतिश बच्चियों की कस्टडी के लिए अब आखिरी अदालती लड़ाई शुरु कर चुके हैं.
स्मिता मेरी बच्चियों की कस्टडी का दुरुपयोग कर रही
नीतिश भारद्वाज ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि ''तलाक होने के बाद से ही मुझे मेरी बच्चियों से मिलने नहीं दिया गया. स्मिता भारद्वाज ने मेरी मैनिपुलेशन करके बच्चियों के मन में गलत बातें डाली. मेरी बच्चियां पहले इंदौर में पढ़ती थी, फिर भोपाल लाया गया उन्हें. फिर ऊटी भेज दिया गया. स्कूल प्रबधन को ये हिदायत दी गई कि बच्चियां अपने पिता से बात न कर पाएं. ये किसलिए मैंने सैकड़ों मेल व्हाट्सअप किए, मेरा नंबर ब्लॉक कर दिया गया. मैंने कितनी बार कि मेरी बच्चियों का दुरुपयोग डिवोर्स केस में न करें.''
स्मिता ने बेटियों को मेरे खिलाफ भड़काया
नीतिश भारद्वाज ने आगे कहा कि ''15 अक्टूबर 2017 को जब डिवोर्स पिटीशन लगाई उस समय से कह रहा हूं कि डिवोर्स को मैच्योरिटी से डील करना चाहिए. कोर्ट के आदेश के बाद जब मुझे मिलने का मौका मिला मेरी बेटियों से तो उनको मेरे बारे में षडयंत्र के तहत झूठ बोला गया. मेरी एक बेटी रोने लगी और बोली कि पापा आपने दूसरे की कस्टडी क्यों मांगी. मैंने उनको बताया कि मैंने दोनों की कस्टडी मांगी है. मेरी बेटी रो रही थी कि आप हम बहनों को अलग क्यों कर रहे हो. उन बच्चियों के दिमाग में पिता का उदाहरण देकर ये बताया जा रहा है कि पुरुष गंदा होता है. पिता के खिलाफ करके स्मिता भारद्वाज पूरे पुरुष समाज के खिलाफ कर रही है उन्हें. जैसे स्मिता का तीसरा विवाह भी टूट गया वैसे ही इन बच्चियों के साथ भी हो.''
स्मिता भारद्वाज को दुर्योधन सिंड्रोम
नीतिश कहते हैं ''आप कह रहे हैं कि कृष्ण घर की महाभारत में उलझ गए. महाभारत हर युग के लिए प्रासंगिक है. स्मिता को इतना अहंकार है कि वो दुर्योधन सिंड्रोम की शिकार हैं.'' इस सवाल पर कि जब आपकी पूर्व पत्नी ने बच्चियों से मिलने आपको घर बुलाया तो आप क्यों नहीं गए. नीतिश कहते हैं ''मैं क्यों जाऊं उनके घर चक्रव्यूह में फंसने के लिए. मेरे पास इस केस में उनके खिलाफ इतने सबूत हैं, मैं तो कस्टडी चाहता हूं अपने बच्चों की.''
Also Read: |
मेरी बच्चियों का अपहरण किया गया है
नीतिश आरोप लगाते हैं कि अपहरण हो चुका है उनकी बच्चियों का. वे कहते हैं, ''किसी व्यक्ति की फिजीकल प्रजेंस पता नहीं है. मेल से लिखकर पूछ रहा हूं तो जवाब नहीं दिया जा रहा. तो क्या मानूं अपहरण नहीं तो क्या है. व्हाट्सअप पर जवाब नहीं नंबर भी ब्लॉक कर दिया गया है. ये अपहरण नहीं है तो क्या है.''
मेरी बच्चियों को जान का भी खतरा
नीतिश भारद्वाज का कहना है कि उन्हें अपनी बच्चियों की जान को लेकर भी चिंता है. वे कहते हैं ''मुझे अपनी बेटियों को बचाना है ये विकल्प में अनदेखा नहीं कर सकता. स्मिता भारद्वाज का जिस तरह का आब्सेसिव बिहेवियर है ये महिला कहां तक जाएगी मैं क्या कह सकता हूं. मैं बस इतना जानता हूं कि ये बच्चों के भविष्य के लिए ठीक नहीं होगा. इसलिए मैं उनकी कस्टडी ले लिए लड़ रहा हूं.''