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शहर, नंबर और फोन बदला पर हैकर से पीछा ना छूटा, एक परिवार जिसने मोबाइल यूज बंद किया - BHOPAL FAMILY STOP MOBILE PHONE USE

भोपाल में हैकर के खौफ से पूरा परिवार मोबाइल नहीं चलाता. साइबर सेल आरोपी को पकड़ने में नाकाम. भोपाल से बृजेंद्र पटेरिया की रिपोर्ट.

HACKER HACKED IPHONE IN BHOPAL
पीड़ित के आईफोन को हैकर ने किया हैक (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 31, 2024, 5:52 PM IST

Updated : Dec 31, 2024, 6:40 PM IST

भोपाल (बृजेंद्र पटेरिया): मुझे कोई हैकर से बचाओ...यह गुहार है भोपाल के एक युवक की, जो हैकर से इस हद तक परेशान हो चुका है कि उसने अपने पूरे परिवार को दूसरे शहर भेज दिया है. दो माह में तीन मोबाइल, सिम और ई-मेल आईडी भी बदल दी, लेकिन इसके बाद भी साइबर हैकर से पीछा नहीं छूट पाया.

हद तो यह हो गई कि युवक ने हैकिंग से बचने आई फोन लिया, लेकिन जिस युवक ने उसे यह मोबाइल दिलाया. उसे चंद मिनटों के अंदर आईफोन से टेक्स्ट मैसेज से गालियां देते हुआ लिखा कि...तूने उसे मोबाइल दिलाने की हिम्मत कैसे की. एक दवा कंपनी में मेडिकल रिप्रेंजेटिव अनिल कुमार शिवहरे ने पिछले एक माह से पूरे परिवार के मोबाइल बंद करा दिए हैं. उधर इस मामले से साइबर सेल के अधिकारी भी हैरान हैं. आखिर यह पूरा घटनाक्रम कैसे शुरू हुआ सुनिए पीड़ित अनिल कुमार शिवहरे की जुबानी.

हैकर से साइबर सेल के अधिकारी हैरान (ETV Bharat)

'दीपावली से लगातार परेशान हूं'

"मैं भोपाल की एक दवा कंपनी में एरिया मैनेजर हूं. परेशानी की शुरूआत दीपावली के आसपास हुई. दीपावली के बाद गाड़ी से परिवार सहित डबरा से लौट रहा था. रास्ते में था कि मोबाइल में एक कंपनी से मैसेज आया कि आपने सर्विस के लिए रिक्वेस्ट भेजी है. मना करने के बाद भी बार-बार मैसेज और कॉल आना बंद नहीं हुए, तो कंपनी के मैनेजमेंट को शिकायत भेजी. इसके बाद दूसरे दिन मेरा मोबाइल अपने आप ऑपरेट होने लगा. पहले लगा इसमें कोई टेक्नीकल एरर आ गया, लेकिन इसी तरह की समस्या घर के दूसरे नंबर पर भी शुरू हो गई."

Bhopal Family Fear Of Hacker
हैकर से पीछा नहीं छुटा पा रहा परिवार (ETV Bharat)

"हम लोग कुछ समझ पाते कि हमारे नंबर्स से हमारे पड़ोसियों, रिश्तेदारों और हमारी कंपनी के अधिकारियों तक को अश्लील मैसेज भेजे जाने लगे. हमें इसका पता तब लगा जब लोगों के कॉल आना शुरू हुए. हम उन्हें बता-बताकर थक गए कि यह कॉल हमने नहीं किए, बल्कि हमारा मोबाइल हैक हो गया. हमारी कुछ समझ नहीं आ रहा था कि हम क्या करें. हमने मोबाइल के सभी नंबर्स डिलीट किए, लेकिन समझ आया कि उसके पहले ही हैकर ने सभी नंबर्स और मोबाइल का डाटा हैक कर लिया."

family troubled by hacker in Bhopal
हैकर के डर से पड़ोसी नहीं करते मदद (ETV Bharat)

'फोटो से छेड़खानी शुरू की'

"नंबर्स डिलीट करने के बाद एक दिन तो कुछ नहीं हुआ दूसरे दिन हमारे फेसबुक पर मेरे, पत्नी और बच्चों की तस्वीरों से छेड़खानी की गई. उनके साथ अश्लील तस्वीरें पोस्ट होना शुरू हो गई. परेशान होकर हम डिस्ट्रिक्ट साइबर सेल पहुंचे. साइबर सेल ने साइबर एक्सपर्ट की मदद से हमारे मोबाइल को फैक्ट्री रीसेट करा दिया.

हमें लगा कि अब समस्या से छुटकारा मिल गया, लेकिन यह राहत कुछ घंटे ही मिली. कुछ घंटे बाद ही फिर मोबाइल हैक हो गया और हमारे मोबाइल से फिर हमारे परिचितों को मैसेज जाना शुरू हो गए. परेशान होकर हम फिर साइबर सेल पहुंचे. पुलिस ने हमारे मोबाइल जमा करा लिए."

'आईफोन लेते ही हुआ हैक'

अनिल शिवहरे बताते हैं कि "परेशान होकर वे अभी तक 3 बार फोन बदल चुके हैं. बताया गया कि आईफोन हैक नहीं होता, तो एक दोस्त की मदद से आईफोन खरीदा. यह फोन दोस्त की आईडी से खरीदा गया. उसमें नया ई-मेल अकाउंट और नई सिम यूज की गई. आईफोन खरीदने के कुछ मिनटों बाद ही दोस्त को आईफोन से मदद करने के लिए धमकी भरा मैसेज पहुंच गया."

शिवहरे बताते हैं कि "हालत यह हो गई है कि आस-पड़ोस और दोस्त मदद करने से कतराने लगे हैं. आसपास के लोग तो मेरे पास भी खड़े नहीं होते. परेशान होकर परिवार को उनके नाना के घर भेजा तो उनके नंबर्स पर भी अश्लील मैसेज पहुंचना शुरू हो गए.

'मोबाइल से लगातार निगरानी कर रहा हैकर'

शिवहरे कहते हैं कि "हैकर हमारी लगातार निगरानी कर रहा है. जहां भी हम मदद के लिए जाते इसके कुछ समय बाद ही संबंधित व्यक्ति के लिए मेरे मोबाइल से गालियां लिखकर भेज देता है. व्हॉटस अप बंद किया तो अब टेक्स्ट मैसेज भेजना शुरू हो गए, जिसे मैं डिलीट भी नहीं कर पाता. एक बार मैंने अपने एक पड़ोसी का मोबाइल ऑफिस कॉल करने के लिए यूज किया. इसके कुछ घंटे बाद पड़ोसी के मोबाइल पर भी अश्लील मैसेज पहुंचना शुरू हो गए. उसे मैसेज पहुंचा...अब तुम्हारी भी खैर नहीं...इसके बाद उसने अपना व्हॉट्सअप डिलीट कर दिया."

अब बिना मोबाइल कर रहे काम

शिवहरे कहते हैं कि "परेशान होकर पिछले एक माह से परिवार मोबाइल यूज नहीं कर रहा. मुझे अपना मोबाइल और सिम, ई-मेल बार-बार बदलने पड़ रहे हैं. इसका सबसे ज्यादा असर मेरी जॉब पर पड़ रहा है. डर हैं कहीं जॉब भी हाथ से न चली जाए. उधर इस घटना से साइबर सेल के अधिकारी भी हैरान हैं."

'स्टेट साइबर सेल कर रही मामले की जांच'

भोपाल जिले की साइबर सेल में पदस्थ एसआई प्रमोद शर्मा ने बताया कि "इस मामले में मोबाइल को फैक्ट्री रिसेट करके फिर से पीड़ित को दे दिया गया था लेकिन इसके बाद फिर मोबाइल हैक होने की शिकायत की गई. इसके बाद इस मामले को स्टेट साइबर सेल को सौंप दिया गया है. हमारी जांच में कोई भी बाहरी आईपी ऐड्रेस की जानकारी नहीं लगी है. स्टेट साइबर सेल मामले की जांच कर रही है."

भोपाल (बृजेंद्र पटेरिया): मुझे कोई हैकर से बचाओ...यह गुहार है भोपाल के एक युवक की, जो हैकर से इस हद तक परेशान हो चुका है कि उसने अपने पूरे परिवार को दूसरे शहर भेज दिया है. दो माह में तीन मोबाइल, सिम और ई-मेल आईडी भी बदल दी, लेकिन इसके बाद भी साइबर हैकर से पीछा नहीं छूट पाया.

हद तो यह हो गई कि युवक ने हैकिंग से बचने आई फोन लिया, लेकिन जिस युवक ने उसे यह मोबाइल दिलाया. उसे चंद मिनटों के अंदर आईफोन से टेक्स्ट मैसेज से गालियां देते हुआ लिखा कि...तूने उसे मोबाइल दिलाने की हिम्मत कैसे की. एक दवा कंपनी में मेडिकल रिप्रेंजेटिव अनिल कुमार शिवहरे ने पिछले एक माह से पूरे परिवार के मोबाइल बंद करा दिए हैं. उधर इस मामले से साइबर सेल के अधिकारी भी हैरान हैं. आखिर यह पूरा घटनाक्रम कैसे शुरू हुआ सुनिए पीड़ित अनिल कुमार शिवहरे की जुबानी.

हैकर से साइबर सेल के अधिकारी हैरान (ETV Bharat)

'दीपावली से लगातार परेशान हूं'

"मैं भोपाल की एक दवा कंपनी में एरिया मैनेजर हूं. परेशानी की शुरूआत दीपावली के आसपास हुई. दीपावली के बाद गाड़ी से परिवार सहित डबरा से लौट रहा था. रास्ते में था कि मोबाइल में एक कंपनी से मैसेज आया कि आपने सर्विस के लिए रिक्वेस्ट भेजी है. मना करने के बाद भी बार-बार मैसेज और कॉल आना बंद नहीं हुए, तो कंपनी के मैनेजमेंट को शिकायत भेजी. इसके बाद दूसरे दिन मेरा मोबाइल अपने आप ऑपरेट होने लगा. पहले लगा इसमें कोई टेक्नीकल एरर आ गया, लेकिन इसी तरह की समस्या घर के दूसरे नंबर पर भी शुरू हो गई."

Bhopal Family Fear Of Hacker
हैकर से पीछा नहीं छुटा पा रहा परिवार (ETV Bharat)

"हम लोग कुछ समझ पाते कि हमारे नंबर्स से हमारे पड़ोसियों, रिश्तेदारों और हमारी कंपनी के अधिकारियों तक को अश्लील मैसेज भेजे जाने लगे. हमें इसका पता तब लगा जब लोगों के कॉल आना शुरू हुए. हम उन्हें बता-बताकर थक गए कि यह कॉल हमने नहीं किए, बल्कि हमारा मोबाइल हैक हो गया. हमारी कुछ समझ नहीं आ रहा था कि हम क्या करें. हमने मोबाइल के सभी नंबर्स डिलीट किए, लेकिन समझ आया कि उसके पहले ही हैकर ने सभी नंबर्स और मोबाइल का डाटा हैक कर लिया."

family troubled by hacker in Bhopal
हैकर के डर से पड़ोसी नहीं करते मदद (ETV Bharat)

'फोटो से छेड़खानी शुरू की'

"नंबर्स डिलीट करने के बाद एक दिन तो कुछ नहीं हुआ दूसरे दिन हमारे फेसबुक पर मेरे, पत्नी और बच्चों की तस्वीरों से छेड़खानी की गई. उनके साथ अश्लील तस्वीरें पोस्ट होना शुरू हो गई. परेशान होकर हम डिस्ट्रिक्ट साइबर सेल पहुंचे. साइबर सेल ने साइबर एक्सपर्ट की मदद से हमारे मोबाइल को फैक्ट्री रीसेट करा दिया.

हमें लगा कि अब समस्या से छुटकारा मिल गया, लेकिन यह राहत कुछ घंटे ही मिली. कुछ घंटे बाद ही फिर मोबाइल हैक हो गया और हमारे मोबाइल से फिर हमारे परिचितों को मैसेज जाना शुरू हो गए. परेशान होकर हम फिर साइबर सेल पहुंचे. पुलिस ने हमारे मोबाइल जमा करा लिए."

'आईफोन लेते ही हुआ हैक'

अनिल शिवहरे बताते हैं कि "परेशान होकर वे अभी तक 3 बार फोन बदल चुके हैं. बताया गया कि आईफोन हैक नहीं होता, तो एक दोस्त की मदद से आईफोन खरीदा. यह फोन दोस्त की आईडी से खरीदा गया. उसमें नया ई-मेल अकाउंट और नई सिम यूज की गई. आईफोन खरीदने के कुछ मिनटों बाद ही दोस्त को आईफोन से मदद करने के लिए धमकी भरा मैसेज पहुंच गया."

शिवहरे बताते हैं कि "हालत यह हो गई है कि आस-पड़ोस और दोस्त मदद करने से कतराने लगे हैं. आसपास के लोग तो मेरे पास भी खड़े नहीं होते. परेशान होकर परिवार को उनके नाना के घर भेजा तो उनके नंबर्स पर भी अश्लील मैसेज पहुंचना शुरू हो गए.

'मोबाइल से लगातार निगरानी कर रहा हैकर'

शिवहरे कहते हैं कि "हैकर हमारी लगातार निगरानी कर रहा है. जहां भी हम मदद के लिए जाते इसके कुछ समय बाद ही संबंधित व्यक्ति के लिए मेरे मोबाइल से गालियां लिखकर भेज देता है. व्हॉटस अप बंद किया तो अब टेक्स्ट मैसेज भेजना शुरू हो गए, जिसे मैं डिलीट भी नहीं कर पाता. एक बार मैंने अपने एक पड़ोसी का मोबाइल ऑफिस कॉल करने के लिए यूज किया. इसके कुछ घंटे बाद पड़ोसी के मोबाइल पर भी अश्लील मैसेज पहुंचना शुरू हो गए. उसे मैसेज पहुंचा...अब तुम्हारी भी खैर नहीं...इसके बाद उसने अपना व्हॉट्सअप डिलीट कर दिया."

अब बिना मोबाइल कर रहे काम

शिवहरे कहते हैं कि "परेशान होकर पिछले एक माह से परिवार मोबाइल यूज नहीं कर रहा. मुझे अपना मोबाइल और सिम, ई-मेल बार-बार बदलने पड़ रहे हैं. इसका सबसे ज्यादा असर मेरी जॉब पर पड़ रहा है. डर हैं कहीं जॉब भी हाथ से न चली जाए. उधर इस घटना से साइबर सेल के अधिकारी भी हैरान हैं."

'स्टेट साइबर सेल कर रही मामले की जांच'

भोपाल जिले की साइबर सेल में पदस्थ एसआई प्रमोद शर्मा ने बताया कि "इस मामले में मोबाइल को फैक्ट्री रिसेट करके फिर से पीड़ित को दे दिया गया था लेकिन इसके बाद फिर मोबाइल हैक होने की शिकायत की गई. इसके बाद इस मामले को स्टेट साइबर सेल को सौंप दिया गया है. हमारी जांच में कोई भी बाहरी आईपी ऐड्रेस की जानकारी नहीं लगी है. स्टेट साइबर सेल मामले की जांच कर रही है."

Last Updated : Dec 31, 2024, 6:40 PM IST
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