भरतपुर. बहुचर्चित भरतपुर के पूर्व राजपरिवार के पारिवारिक विवाद मामले में सोमवार को एसडीएम ट्रिब्यूनल कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई में पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह और पूर्व सांसद दिव्या सिंह व बेटा अनिरुद्ध सिंह के वकील पहुंचे, जिन्होंने वकालतनामा पेश किया. सुनवाई के दौरान पूर्व सांसद दिव्या सिंह और बेटे अनिरुद्ध सिंह के पक्ष के वकील का कहना था कि ये याचिका इस कोर्ट में चलने योग्य नहीं है, जबकि पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह के वकील का कहना था कि ये इसी कोर्ट में चलने योग्य है. दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद एसडीएम कोर्ट ने डिसीजन को पेंडिंग रखा है. अब 24 मई को निर्णय होगा.
पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह के वकील गुलराज गोपाल खंडेलवाल ने बताया कि हमारा कहना था कि ये याचिका इसी कोर्ट में चलने योग्य है, जबकि दूसरे पक्ष यानी पूर्व सांसद दिव्या सिंह और बेटे अनिरुद्ध सिंह के पक्ष के वकील का कहना था कि ये याचिका इस कोर्ट में चलने योग्य नहीं है, क्योंकि ये याचिका विश्वेंद्र सिंह की पत्नी और पुत्र के विरुद्ध है. फिलहाल, कोर्ट ने डिसीजन पेंडिंग रखा है. अब 24 मई को निर्णय होगा कि ये याचिका एसडीएम कोर्ट में चलने योग्य है या नहीं.
यह है मामला : गौरतलब है कि पूर्व राज परिवार सदस्य एवं पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने अपनी पत्नी पूर्व सांसद दिव्या सिंह और बेटे अनिरुद्ध सिंह पर मारपीट करने, खाना नहीं देने, घर छोड़ने को मजबूर करने के गंभीर आरोप लगाए थे. पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने वरिष्ठ नागरिक के रूप में उपखंड अधिकारी के ट्रिब्यूनल में प्रार्थना पत्र पेश कर ये आरोप लगाए थे.
जबकि पूर्व सांसद दिव्या सिंह और बेटा अनिरुद्ध सिंह ने विश्वेंद्र सिंह पर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने बीते 30 साल में महाराजा सूरजमल की पूरी संपत्ति बेच दी. सिर्फ एक मोती महल बचा है. दिव्या सिंह का कहना है कि मैं मरते दम तक मोती महल को बचाऊंगी. उन्होंने कहा कि 30 साल में मेरे साथ क्या हुआ ? मैंने ये बता दिया तो ऐसा ना हो सुप्रीम कोर्ट तक केस पहुंच जाए.