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भगत सिंह कोश्यारी ने अंबानी से ₹15 करोड़ चंदा लेने के आरोपों को नकारा, दर्ज कराएंगे मानहानि केस - allegation on Bhagat Singh Koshyari

RTI activist allegation on Bhagat Singh Koshyari महाराष्ट्र के आरटीआई कार्यकर्ता ने एक गुमनाम पत्र के हवाले से पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पूरा मामला पत्र में लिखे गए अंबानी से मिले 15 करोड़ रुपए चंदे से जुड़ा है. इस पर कोश्यारी ने अब मानहानि का केस करने की बात कही है.

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फाइल फोटो
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 27, 2024, 6:29 PM IST

Updated : Mar 27, 2024, 6:42 PM IST

मुंबई/देहरादूनः महाराष्ट्र के राज्यपाल रहते हुए भगत सिंह कोश्यारी की संस्था को कितना चंदा मिला, यह बात महाराष्ट्र के आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने महाराष्ट्र राजभवन से पूछी थी. हालांकि, राजभवन ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. इस बीच, अनिल गलगली को एक गुमनाम पत्र मिला है जिसमें महाराष्ट्र और उत्तराखंड में हलचल पैदा करने का दावा किया गया है. उस पत्र को लेकर महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने ईटीवी भारत से बात कर प्रतिक्रिया दी और सभी आरोपों को सिरे से नकारा.

पत्र में क्या है: आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को मिले एक गुमनाम पत्र में दावा किया गया है कि जब भगत सिंह कोश्यारी महाराष्ट्र के राज्यपाल थे, तो उनके उत्तराखंड में स्थित शैक्षणिक संस्थान को व्यवसायी अनंत अंबानी से 15 करोड़ रुपये का दान मिला था. इसके बाद अनिल गलगली ने यह गुमनाम पत्र महाराष्ट्र के राज्यपाल और मुख्यमंत्री को भेजा और मामले की जांच की मांग की.

ईटीवी भारत महाराष्ट्र से बात करते हुए अनिल गलगली का कहना है कि इससे पहले भी सूचना के अधिकार के तहत राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के कार्यकाल के दौरान उनके संगठन द्वारा एकत्र किए गए दान की राशि के बारे में जानकारी मांगी थी. लेकिन, उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई. इसलिए इस गुमनाम पत्र के मामले की जांच की जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी. ऐसी मांग गलगली ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री से की है.

मराठी खबर के लिए पढ़ें- अंबानींकडून 15 कोटींची देणगी घेतल्याचे आरोप भगतसिंग कोश्यारींनी फेटाळले, आरटीआय कार्यकर्त्यांविरोधात अब्रुनुकसानीची तक्रार दाखल करणार

पत्र के बारे में बात करते हुए अनिल गलगली ने कहा, राज्यपाल के पद पर बैठे भगत सिंह कोश्यारी जैसे व्यक्ति ने अपने पद का दुरुपयोग किया और उत्तराखंड में एक स्कूल के नाम पर बहुत सारी संपत्ति जमा की. उन्होंने उन स्कूलों के लिए भारी दान एकत्र किया, जहां 100 बच्चे भी पढ़ाई नहीं कर रहे हैं. इस पैसे से दीपेंद्र सिंह कोश्यारी, जो तत्कालीन राज्यपाल कोश्यारी के भतीजे हैं, ने स्कूल के आसपास बड़ी मात्रा में जमीन खरीदी और उस जगह पर एक रिजॉर्ट खोला. इसके लिए उद्योगपति अनंत अंबानी से 15 करोड़ रुपये लिए गए थे.

अनिल गलगली ने बताया कि कोश्यारी के नाम पर शेर सिंह कार्की, सरस्वती विहार, कनालीछीना, चामू, दिगरा मुवानी, पिथौरागढ़ और उत्तराखंड देवस्थली सभी ने खूब धन इकट्ठा किया. इसके अलावा 2019 से पहले इन संस्थानों को मिले दान और 2019 से 2023 तक के दान की तुलना आसानी से की जा सकती है. हालांकि, भगत सिंह कोश्यारी ने गलगली के आरोपों को खारिज किया है.

कोश्यारी ने किया आरोपों का खंडन: पूर्व राज्यपाल कोश्यारी ने कहा, 'मैं समाज के लिए काम कर रहा हूं. मीडिया और आरटीआई कार्यकर्ताओं दोनों के खिलाफ अदालत जा रहा हूं. मैं मानहानि का मामला दायर करने जा रहा हूं. मैं उन्हें ऐसे नहीं जाने दूंगा.'

ये भी पढ़ेंः Bageshwar Bye Election: महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी बोले- पब्लिक है सब जानती है

मुंबई/देहरादूनः महाराष्ट्र के राज्यपाल रहते हुए भगत सिंह कोश्यारी की संस्था को कितना चंदा मिला, यह बात महाराष्ट्र के आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने महाराष्ट्र राजभवन से पूछी थी. हालांकि, राजभवन ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. इस बीच, अनिल गलगली को एक गुमनाम पत्र मिला है जिसमें महाराष्ट्र और उत्तराखंड में हलचल पैदा करने का दावा किया गया है. उस पत्र को लेकर महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने ईटीवी भारत से बात कर प्रतिक्रिया दी और सभी आरोपों को सिरे से नकारा.

पत्र में क्या है: आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को मिले एक गुमनाम पत्र में दावा किया गया है कि जब भगत सिंह कोश्यारी महाराष्ट्र के राज्यपाल थे, तो उनके उत्तराखंड में स्थित शैक्षणिक संस्थान को व्यवसायी अनंत अंबानी से 15 करोड़ रुपये का दान मिला था. इसके बाद अनिल गलगली ने यह गुमनाम पत्र महाराष्ट्र के राज्यपाल और मुख्यमंत्री को भेजा और मामले की जांच की मांग की.

ईटीवी भारत महाराष्ट्र से बात करते हुए अनिल गलगली का कहना है कि इससे पहले भी सूचना के अधिकार के तहत राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के कार्यकाल के दौरान उनके संगठन द्वारा एकत्र किए गए दान की राशि के बारे में जानकारी मांगी थी. लेकिन, उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई. इसलिए इस गुमनाम पत्र के मामले की जांच की जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी. ऐसी मांग गलगली ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री से की है.

मराठी खबर के लिए पढ़ें- अंबानींकडून 15 कोटींची देणगी घेतल्याचे आरोप भगतसिंग कोश्यारींनी फेटाळले, आरटीआय कार्यकर्त्यांविरोधात अब्रुनुकसानीची तक्रार दाखल करणार

पत्र के बारे में बात करते हुए अनिल गलगली ने कहा, राज्यपाल के पद पर बैठे भगत सिंह कोश्यारी जैसे व्यक्ति ने अपने पद का दुरुपयोग किया और उत्तराखंड में एक स्कूल के नाम पर बहुत सारी संपत्ति जमा की. उन्होंने उन स्कूलों के लिए भारी दान एकत्र किया, जहां 100 बच्चे भी पढ़ाई नहीं कर रहे हैं. इस पैसे से दीपेंद्र सिंह कोश्यारी, जो तत्कालीन राज्यपाल कोश्यारी के भतीजे हैं, ने स्कूल के आसपास बड़ी मात्रा में जमीन खरीदी और उस जगह पर एक रिजॉर्ट खोला. इसके लिए उद्योगपति अनंत अंबानी से 15 करोड़ रुपये लिए गए थे.

अनिल गलगली ने बताया कि कोश्यारी के नाम पर शेर सिंह कार्की, सरस्वती विहार, कनालीछीना, चामू, दिगरा मुवानी, पिथौरागढ़ और उत्तराखंड देवस्थली सभी ने खूब धन इकट्ठा किया. इसके अलावा 2019 से पहले इन संस्थानों को मिले दान और 2019 से 2023 तक के दान की तुलना आसानी से की जा सकती है. हालांकि, भगत सिंह कोश्यारी ने गलगली के आरोपों को खारिज किया है.

कोश्यारी ने किया आरोपों का खंडन: पूर्व राज्यपाल कोश्यारी ने कहा, 'मैं समाज के लिए काम कर रहा हूं. मीडिया और आरटीआई कार्यकर्ताओं दोनों के खिलाफ अदालत जा रहा हूं. मैं मानहानि का मामला दायर करने जा रहा हूं. मैं उन्हें ऐसे नहीं जाने दूंगा.'

ये भी पढ़ेंः Bageshwar Bye Election: महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी बोले- पब्लिक है सब जानती है

Last Updated : Mar 27, 2024, 6:42 PM IST
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