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असम में बीडीआर प्रशासन ने कथित 3,000 करोड़ के घोटाले की सीबीआई या एनआईए जांच की मांग की - BDR Administration in Assam

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 2, 2024, 7:52 PM IST

बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) प्रशासन ने कथित तौर पर हुए 3,000 करोड़ रुपये के घोटाले की सीबीआई या एनआईए से जांच की मांग करेगा. बीटीआर प्रमुख प्रमोद बोरो ने कहा कि हग्रामा महिलारी की पिछली सरकार 3,000 करोड़ रुपये के घोटाले में लिप्त थी, जिसमें 1500 करोड़ रुपये के फर्जी बुनियादी ढांचे और निर्माण आदेश शामिल थे. पढ़ें ईटीवी भारत के संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट...

Rs 3,000 crore scam in Assam
असम में 3,000 करोड़ रुपये का घोटाला (फोटो - ANI Photo)

नई दिल्ली: असम में बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) प्रशासन ने पिछले हाग्रामा महिला प्रशासन के दौरान कथित तौर पर हुए 3,000 करोड़ रुपये के घोटाले की सीबीआई या एनआईए से जांच कराने का फैसला किया है. मंगलवार को ईटीवी भारत से बात करते हुए बीटीआर के मुख्य कार्यकारी सदस्य प्रमोद बोरो ने कहा कि बीटीआर प्रशासन ने हाल ही में इस दिशा में असम सरकार और गृह मंत्रालय को पत्र लिखने का फैसला किया है.

बोरो ने कहा कि 'बीटीआर क्षेत्र में 3,000 करोड़ रुपये का बड़ा घोटाला हुआ था, जो पिछली सरकार के दौरान हुआ था. हमने सीबीआई या एनआईए जांच के लिए असम सरकार और गृह मंत्रालय को पत्र लिखने का फैसला किया है.' गौरतलब है कि हाग्रामा महिलारी ने 2005 से 2020 तक बीटीआर प्रमुख के रूप में शासन किया था.

बोरो के अनुसार, 3,000 करोड़ रुपये के घोटाले में से 1,500 करोड़ रुपये फर्जी बुनियादी ढांचे के आदेशों से जुड़े हैं. उन्होंने कहा कि बीटीआर क्षेत्र में भ्रष्टाचार और विसंगतियां पिछले 17 वर्षों में बीपीएफ शासित परिषद प्रशासन के कार्यकाल के दौरान सभी विभागों में गहरी जड़ें जमा चुकी हैं. बोरो के अनुसार, हाल ही में केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान उन्होंने पिछली सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया.

बोरो, जो भाजपा के नेतृत्व वाली असम सरकार में गठबंधन सहयोगी यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) के अध्यक्ष भी हैं, ने कहा कि पिछली सरकार (कांग्रेस) के पास बीटीआर के लिए कोई योजना या कार्यक्रम नहीं था. बोरो ने कहा कि 'लंबे समय तक (बीटीआर में) अस्थिरता के कारण कोई विकास नहीं हुआ. हालांकि, अब स्थिति बदल गई है. हम मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व में मिलकर काम कर रहे हैं.'

उल्लेखनीय है कि बीटीआर जिसे बोडोलैंड प्रादेशिक परिषद (बीटीसी) के नाम से भी जाना जाता है, इसका गठन भारत के संविधान की छठी अनुसूची के तहत वर्ष 2003 में भारत सरकार, असम सरकार और बोडो लिबरेशन टाइगर्स (हाग्रामा महिलारी के नेतृत्व वाली बीएलटी) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के बाद किया गया था.

यह संगठन एक विघटित बोडो विद्रोही संगठन है, जिसका उद्देश्य बोडो लोगों की आर्थिक, शैक्षिक और भाषाई आकांक्षाओं को पूरा करना और भूमि-अधिकारों, सामाजिक-सांस्कृतिक और जातीय पहचान को संरक्षित करना है और बीटीसी क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को गति देना है.

हालांकि, साल 2020 में, भारत सरकार ने असम सरकार और ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन (ABSU) का प्रतिनिधित्व करने वाले बोडो नेताओं के साथ एक और शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए, जो नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ़ बोडोलैंड (NDFB, एक अन्य बोडो विद्रोही संगठन) के सभी गुटों का प्रतिनिधित्व करते हैं, BTC को BTR के रूप में पुनर्गठित करते हैं.

नई दिल्ली: असम में बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) प्रशासन ने पिछले हाग्रामा महिला प्रशासन के दौरान कथित तौर पर हुए 3,000 करोड़ रुपये के घोटाले की सीबीआई या एनआईए से जांच कराने का फैसला किया है. मंगलवार को ईटीवी भारत से बात करते हुए बीटीआर के मुख्य कार्यकारी सदस्य प्रमोद बोरो ने कहा कि बीटीआर प्रशासन ने हाल ही में इस दिशा में असम सरकार और गृह मंत्रालय को पत्र लिखने का फैसला किया है.

बोरो ने कहा कि 'बीटीआर क्षेत्र में 3,000 करोड़ रुपये का बड़ा घोटाला हुआ था, जो पिछली सरकार के दौरान हुआ था. हमने सीबीआई या एनआईए जांच के लिए असम सरकार और गृह मंत्रालय को पत्र लिखने का फैसला किया है.' गौरतलब है कि हाग्रामा महिलारी ने 2005 से 2020 तक बीटीआर प्रमुख के रूप में शासन किया था.

बोरो के अनुसार, 3,000 करोड़ रुपये के घोटाले में से 1,500 करोड़ रुपये फर्जी बुनियादी ढांचे के आदेशों से जुड़े हैं. उन्होंने कहा कि बीटीआर क्षेत्र में भ्रष्टाचार और विसंगतियां पिछले 17 वर्षों में बीपीएफ शासित परिषद प्रशासन के कार्यकाल के दौरान सभी विभागों में गहरी जड़ें जमा चुकी हैं. बोरो के अनुसार, हाल ही में केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान उन्होंने पिछली सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया.

बोरो, जो भाजपा के नेतृत्व वाली असम सरकार में गठबंधन सहयोगी यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) के अध्यक्ष भी हैं, ने कहा कि पिछली सरकार (कांग्रेस) के पास बीटीआर के लिए कोई योजना या कार्यक्रम नहीं था. बोरो ने कहा कि 'लंबे समय तक (बीटीआर में) अस्थिरता के कारण कोई विकास नहीं हुआ. हालांकि, अब स्थिति बदल गई है. हम मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व में मिलकर काम कर रहे हैं.'

उल्लेखनीय है कि बीटीआर जिसे बोडोलैंड प्रादेशिक परिषद (बीटीसी) के नाम से भी जाना जाता है, इसका गठन भारत के संविधान की छठी अनुसूची के तहत वर्ष 2003 में भारत सरकार, असम सरकार और बोडो लिबरेशन टाइगर्स (हाग्रामा महिलारी के नेतृत्व वाली बीएलटी) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के बाद किया गया था.

यह संगठन एक विघटित बोडो विद्रोही संगठन है, जिसका उद्देश्य बोडो लोगों की आर्थिक, शैक्षिक और भाषाई आकांक्षाओं को पूरा करना और भूमि-अधिकारों, सामाजिक-सांस्कृतिक और जातीय पहचान को संरक्षित करना है और बीटीसी क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को गति देना है.

हालांकि, साल 2020 में, भारत सरकार ने असम सरकार और ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन (ABSU) का प्रतिनिधित्व करने वाले बोडो नेताओं के साथ एक और शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए, जो नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ़ बोडोलैंड (NDFB, एक अन्य बोडो विद्रोही संगठन) के सभी गुटों का प्रतिनिधित्व करते हैं, BTC को BTR के रूप में पुनर्गठित करते हैं.

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