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वॉच मेकर से मंत्री बनने वाले बाबा सिद्दीकी का गोपालगंज में है पुश्तैनी घर, 6 साल पहले आए थे अपने गांव

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई. उनका बिहार से गहरा संबंध था. गोपालगंज में उनका पुश्तैनी घर है.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 2 hours ago

Updated : 2 hours ago

Baba Siddique
बाबा सिद्दीकी की हत्या (ETV Bharat)

गोपालगंज: एनसीपी (अजित गुट) नेता और महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात मुंबई के बांद्रा ईस्ट में गोली मारकर हत्या कर दी गई. वह बिहार के ही रहने वाले थे. गोपालगंज जिले के मांझागढ़ प्रखंड के शेखटोली में उनका पैतृक गांव है. उनके निधन से गांव में शोक की लहर है. वह अक्सर अपने गांव भी आया करते थे. उन्होंने खुद बताया था कि वो अपने गांव के लिए कुछ करना चाहते थे. अपने अपने पिता के नाम पर अब्दुल रहीम सिद्दीकी मेमोरियल ट्रस्ट की शुरुआत भी की थी. यह ट्रस्ट मांझा ब्लॉक के सरकारी स्कूलों में 10वीं के टॉपर्स को सम्मानिक करता है.

वॉच मेकर से मंत्री तक का सफर: बाबा सिद्दीकी का जन्म 13 सितंबर 1958 को हुआ था. उनका पूरा नाम बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी था. आखिरी बार वह 6 साल पहले 2018 में अपने गांव शेखटोली आए थे. इसके बाद दो वर्ष पूर्व भी गोपलागंज में खास कार्यक्रम में शामिल होने आए थे. अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि मुंबई के बांद्रा पिता के साथ वॉच मेकर का काम करते-करते अपनी मेहनत के बल पर 1977 में मुंबई युवा कांग्रेस का महासचिव बना. फिर फिल्म अभिनेता और कांग्रेस नेता सुनील दत्त के संपर्क में आए. उसके बाद उन्होंने पीछे मोड़कर नहीं देखा और लगातार मुंबई के बांद्रा पूर्व से तीन बार विधायक बने, इसी दौरान उन्हें राज्यमंत्री भी बनाया गया.

Baba Siddique
पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी (फाइल) (ETV Bharat)

अपने गांव के लिए बड़ा करना चाहते थे सिद्दीकी: जब वे अपने गांव आए थे, तब उन्होंने मेधावी छात्रों काे उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने की बात कही थी. साथ ही उन्होंने कहा था कि गोपालगंज में शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के लिए आया हूं. मेधावी क्षेत्रों काे उच्च शिक्षा के प्रोत्साहित किया जाएगा. इसमें जाति और धर्म आड़े नहीं आएंगे. उन्होंने बताया था कि मुंबई में मेरे वालिद घड़ी बनाने का काम करते थे. फिर भी वे अपने घर को नहीं भुला पाये थे. उन्हीं की तरह मेरा भी अपने गांव से उतना ही लगाव है, जितना मेरे पिता का था. बिहार शिक्षा की धरती है, मेहनत की बदौलत बिहार के लोग देश और दुनिया में झंडा गाड़ते हैं.

Baba Siddique
एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी (फाइल) (ETV Bharat)

शेख टोली गांव में रहता है रिश्तेदार: गोपालगंज के शेख टोली गांव में आज भी बाबा सिद्दीकी के ममेरे भाई मोहम्मद जलालुद्दीन का परिवार रहता है. 2018 में जब वह गोपालगंज पहुंचे थे, तब उन्होंने बताया था कि उन्होंने अपने पिता अब्दुल रहीम सिद्दीकी के नाम पर एक मेमोरियल ट्रस्ट की शुरुआत की है. यह ट्रस्ट हर साल माझा के सरकारी स्कूलों में दसवीं के टॉपर्स को सम्मानित करेगा. उन्होंने तब यह भी बताया था कि इस साल 110 टॉपर विद्यार्थियों को वह स्कॉलरशिप दे रहे हैं.

Baba Siddique
बाबा सिद्दीकी (फाइल) (ETV Bharat)

2022 में आखिरी बार गोपालगंज आए थे: बाबा सिद्दीकी ने बताया था कि यह प्रक्रिया हर साल चलेगी. सरकारी स्कूलों में सभी जाति-धर्म के टॉपर्स को सम्मानित किया जाएगा. बाबा सिद्दीकी 2022 में भी गोपालगंज आए थे. तब उन्होंने सदर प्रखंड के मानिकपुर गांव में बनाये गए एक क्रिकेट अकादमी के आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया था. इस दौरान उन्होंने क्रिकेट अकादमी के छात्रों से मिलकर उनका उत्साह भी बढाया था.

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बाबा सिद्दीकी (फाइल) (ETV Bharat)

2018 में पैतृक गांव आए थे: वहीं, 2018 में जब बाबा सिद्दीकी गोपालगंज के अपने पुश्तैनी गांव में आए थे, तब उन्होंने कहा था कि वह अपने गांव और अपनी जमीन को नहीं भूल सकते हैं. उन्होंने ये भी कहा था कि बिहार में जब बाढ़ा आई थी, तब उन्होंने मुंबई से राहत सामग्री को अररिया से लेकर के बिहार के अन्य जिलों में भेजा था.

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पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ बाबा सिद्दीकी (ETV Bharat)

आरजेडी नेताओं से नजदीकी: बाबा सिद्दीकी का आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव और उनके परिवार से करीबी रिश्ता था. अक्सर उनके बीच मुलाकातें होती रहती थी. कई बार आरजेडी कोटे से राज्यसभा या बिहार विधान परिषद जाने की भी चर्चा होती थी. हालांकि कभी ऐसा हो नहीं सका. पिछले दिनों लालू के 76वें जन्मदिन पर 11 जून को सिद्दीकी ने उनको सोशल मीडिया पर बधाई दी थी.

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आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव के साथ बाबा सिद्दीकी (ETV Bharat)

बिहार के तमाम नेताओं से अच्छे रिश्ते: बाबा सिद्दीकी के बिहार के तमाम बड़े नेताओं के साथ अच्छे संंबंध थे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह, कांग्रेस सांसद तारिक अनवर और वाम दलों के नेताओं के साथ भी मधुर रिश्ते थे.

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अन्य जेडीयू नेताओं के साथ बाबा सिद्दीकी (ETV Bharat)

शनिवार रात बाबा सिद्दीकी की हत्या: शनिवार रात 66 वर्षीय बाबा सिद्दीकी पर हमलावरों ने कई राउंड फायरिंग की थी. गंभीर हालत में उनको मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी मौत हो गई. उनको सीने और पेट में 2-3 गोलियां लगीं थी. बताया जाता है कि वह अपने बेटे जीशान सिद्दीकी के दफ्तर आए थे, तभी उनपर गोलीबारी हुई. फिलहाल दो लोगों को हिरासत में लिया गया है.

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केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी के साथ बाबा सिद्दीकी (ETV Bharat)

ये भी पढ़ें: मुंबई के बांद्रा में NCP नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या, दो संदिग्ध हिरासत में

गोपालगंज: एनसीपी (अजित गुट) नेता और महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात मुंबई के बांद्रा ईस्ट में गोली मारकर हत्या कर दी गई. वह बिहार के ही रहने वाले थे. गोपालगंज जिले के मांझागढ़ प्रखंड के शेखटोली में उनका पैतृक गांव है. उनके निधन से गांव में शोक की लहर है. वह अक्सर अपने गांव भी आया करते थे. उन्होंने खुद बताया था कि वो अपने गांव के लिए कुछ करना चाहते थे. अपने अपने पिता के नाम पर अब्दुल रहीम सिद्दीकी मेमोरियल ट्रस्ट की शुरुआत भी की थी. यह ट्रस्ट मांझा ब्लॉक के सरकारी स्कूलों में 10वीं के टॉपर्स को सम्मानिक करता है.

वॉच मेकर से मंत्री तक का सफर: बाबा सिद्दीकी का जन्म 13 सितंबर 1958 को हुआ था. उनका पूरा नाम बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी था. आखिरी बार वह 6 साल पहले 2018 में अपने गांव शेखटोली आए थे. इसके बाद दो वर्ष पूर्व भी गोपलागंज में खास कार्यक्रम में शामिल होने आए थे. अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि मुंबई के बांद्रा पिता के साथ वॉच मेकर का काम करते-करते अपनी मेहनत के बल पर 1977 में मुंबई युवा कांग्रेस का महासचिव बना. फिर फिल्म अभिनेता और कांग्रेस नेता सुनील दत्त के संपर्क में आए. उसके बाद उन्होंने पीछे मोड़कर नहीं देखा और लगातार मुंबई के बांद्रा पूर्व से तीन बार विधायक बने, इसी दौरान उन्हें राज्यमंत्री भी बनाया गया.

Baba Siddique
पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी (फाइल) (ETV Bharat)

अपने गांव के लिए बड़ा करना चाहते थे सिद्दीकी: जब वे अपने गांव आए थे, तब उन्होंने मेधावी छात्रों काे उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने की बात कही थी. साथ ही उन्होंने कहा था कि गोपालगंज में शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के लिए आया हूं. मेधावी क्षेत्रों काे उच्च शिक्षा के प्रोत्साहित किया जाएगा. इसमें जाति और धर्म आड़े नहीं आएंगे. उन्होंने बताया था कि मुंबई में मेरे वालिद घड़ी बनाने का काम करते थे. फिर भी वे अपने घर को नहीं भुला पाये थे. उन्हीं की तरह मेरा भी अपने गांव से उतना ही लगाव है, जितना मेरे पिता का था. बिहार शिक्षा की धरती है, मेहनत की बदौलत बिहार के लोग देश और दुनिया में झंडा गाड़ते हैं.

Baba Siddique
एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी (फाइल) (ETV Bharat)

शेख टोली गांव में रहता है रिश्तेदार: गोपालगंज के शेख टोली गांव में आज भी बाबा सिद्दीकी के ममेरे भाई मोहम्मद जलालुद्दीन का परिवार रहता है. 2018 में जब वह गोपालगंज पहुंचे थे, तब उन्होंने बताया था कि उन्होंने अपने पिता अब्दुल रहीम सिद्दीकी के नाम पर एक मेमोरियल ट्रस्ट की शुरुआत की है. यह ट्रस्ट हर साल माझा के सरकारी स्कूलों में दसवीं के टॉपर्स को सम्मानित करेगा. उन्होंने तब यह भी बताया था कि इस साल 110 टॉपर विद्यार्थियों को वह स्कॉलरशिप दे रहे हैं.

Baba Siddique
बाबा सिद्दीकी (फाइल) (ETV Bharat)

2022 में आखिरी बार गोपालगंज आए थे: बाबा सिद्दीकी ने बताया था कि यह प्रक्रिया हर साल चलेगी. सरकारी स्कूलों में सभी जाति-धर्म के टॉपर्स को सम्मानित किया जाएगा. बाबा सिद्दीकी 2022 में भी गोपालगंज आए थे. तब उन्होंने सदर प्रखंड के मानिकपुर गांव में बनाये गए एक क्रिकेट अकादमी के आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया था. इस दौरान उन्होंने क्रिकेट अकादमी के छात्रों से मिलकर उनका उत्साह भी बढाया था.

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बाबा सिद्दीकी (फाइल) (ETV Bharat)

2018 में पैतृक गांव आए थे: वहीं, 2018 में जब बाबा सिद्दीकी गोपालगंज के अपने पुश्तैनी गांव में आए थे, तब उन्होंने कहा था कि वह अपने गांव और अपनी जमीन को नहीं भूल सकते हैं. उन्होंने ये भी कहा था कि बिहार में जब बाढ़ा आई थी, तब उन्होंने मुंबई से राहत सामग्री को अररिया से लेकर के बिहार के अन्य जिलों में भेजा था.

Baba Siddique
पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ बाबा सिद्दीकी (ETV Bharat)

आरजेडी नेताओं से नजदीकी: बाबा सिद्दीकी का आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव और उनके परिवार से करीबी रिश्ता था. अक्सर उनके बीच मुलाकातें होती रहती थी. कई बार आरजेडी कोटे से राज्यसभा या बिहार विधान परिषद जाने की भी चर्चा होती थी. हालांकि कभी ऐसा हो नहीं सका. पिछले दिनों लालू के 76वें जन्मदिन पर 11 जून को सिद्दीकी ने उनको सोशल मीडिया पर बधाई दी थी.

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आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव के साथ बाबा सिद्दीकी (ETV Bharat)

बिहार के तमाम नेताओं से अच्छे रिश्ते: बाबा सिद्दीकी के बिहार के तमाम बड़े नेताओं के साथ अच्छे संंबंध थे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह, कांग्रेस सांसद तारिक अनवर और वाम दलों के नेताओं के साथ भी मधुर रिश्ते थे.

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अन्य जेडीयू नेताओं के साथ बाबा सिद्दीकी (ETV Bharat)

शनिवार रात बाबा सिद्दीकी की हत्या: शनिवार रात 66 वर्षीय बाबा सिद्दीकी पर हमलावरों ने कई राउंड फायरिंग की थी. गंभीर हालत में उनको मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी मौत हो गई. उनको सीने और पेट में 2-3 गोलियां लगीं थी. बताया जाता है कि वह अपने बेटे जीशान सिद्दीकी के दफ्तर आए थे, तभी उनपर गोलीबारी हुई. फिलहाल दो लोगों को हिरासत में लिया गया है.

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केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी के साथ बाबा सिद्दीकी (ETV Bharat)

ये भी पढ़ें: मुंबई के बांद्रा में NCP नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या, दो संदिग्ध हिरासत में

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