अयोध्या: राम जन्मभूमि परिसर में निर्माणाधीन मंदिर की व्यवस्था में 100 पुजारियों को नियुक्त किया जाएगा, जिसके लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट धार्मिक समिति के माध्यम से पुजारियों को प्रशिक्षण दे रहा है.
पहले चरण में प्रशिक्षित किए गए 20 पुजारियों को 7 जुलाई से रामलला की पूजन पद्धति में शामिल कर दिया जाएगा. जो 4 शिफ्टों में मुख्य पुजारी के साथ अपनी सेवा देंगे. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय और व्यवस्था प्रमुख गोपाल राव ने सभी पुजारियों को नियुक्ति पत्र वितरित किया है.
रामलला के भव्य मंदिर के साथ-साथ परकोटे में 6 और राम जन्मभूमि परिसर शेष अवतार मंदिर के साथ सात अन्य मंदिरों का भी निर्माण किया जा रहा है. जिसमें देवी देवताओं को विराजमान कराया जाएगा और उनके पूजन अर्चन के लिए भी पुजारी की नियुक्ति होगी. उसके पहले ट्रस्ट के द्वारा वैदिक वटुकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय ने पुजारी के साथ बैठक कर अलग-अलग शिफ्ट में सेवा का कार्य करने के लिए नियुक्त किया है, जिसमें मुख्य पुजारी के रूप में आचार्य सत्येंद्र दास हैं. चार सहायक पुजारी प्रदीप दास, प्रेमचंद त्रिपाठी, संतोष तिवारी और अशोक उपाध्याय के साथ 5-5 नए पुजारियों को नियुक्ति किया गया है.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय ने बताया कि 6 महीने से जिन वैदिक युवकों को यहां पर प्रशिक्षण दिया जा रहा था, अब उन्हें कार्य शौंपा जाएगा. उसके बाद नए 25 लोगों का दूसरा बैच लेंगे और फिर उन्हें 6 महीने तक मंदिर के पूजा पाठ संबंधित प्रशिक्षण दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि भविष्य में कम से कम 100 अर्चकों की आवश्यकता पड़ेगी, जो दो पालियों में पूजन करेंगे. एक पुजारी कभी भी सुबह से शाम तक नहीं रह सकता है. इसलिए 100 पुजारियों की आवश्यकता पड़ेगी. इसी प्रकार से 6 महीने 5 महीने के प्रशिक्षण के आधार पर अच्छे और योग्य युवाओं को शामिल करेंगे. ये सभी राम मंदिर के पूजन अर्चन में शामिल होंगे.
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