बरेली: यूसीसी कानून के लागू करने को लेकर बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. कहा है कि अगर यूसीसी में शरीयत के उसूलों का टकराव नहीं होगा, तो मुसलमान उस पर अमल करेगा. इतना ही नहीं मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि मुसलमान को यूसीसी को मानने के लिए बाध्य नहीं है.
बरेली में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने एक बयान जारी करते हुए कहा, भारत का मुसलमान कानून को मानता है और कानून पर अमल करता है. मगर यह नहीं हो सकता की शरीयत का विरोध करें, शरीयत के उसूलों का उल्लंघन करके दूसरे कानून पर अमल करें. जितना सम्मान मुसलमान कानून का करता है, उतना ही सम्मान संविधान का भी करता है. उतनी ही इज्जत शरीयत के उसूलों की करता है.
मौलाना ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने यूसीसी को लागू करने का प्रोग्राम बनाया है. आज उत्तराखंड में यूसीसी को लागू किया जा रहा है. दरअसल, यह यूसीसी अगर पूरा उत्तराखंड में लागू किया जाता है और इसमें कहीं भी शरीयत के उसूलों से कोई टकराव नहीं है. समानता है और कहीं कोई शरीयत का विरोध नहीं होता है, तो मुसलमान इस यूसीसी को मानेगा और अमल करेगा. उन्होंने कहा कि अगर कहीं कुछ ऐसे उसूल हैं जिन पर शरीयत का विरोध हो रहा होगा, तो ऐसी स्थिति में मुसलमान बाध्य नहीं है और उस पर अमल करने के लिए मजबूर नहीं है.
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