अयोध्या: राम नगरी अयोध्या के सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी का निकास मार्ग आगामी 10 जुलाई तक बंद कर दिया गया है. वीआईपी दर्शन पर भी रोक रहेगी. मन्दिर के निकास मार्ग के चौड़ीकरण के चलते हनुमानगढ़ी अखाड़े ने प्रशासन की सहमति के बाद यह निर्णय लिया है. वहीं दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर के मुख्य द्वार से प्रवेश और निकास की सुविधा रहेगी.
प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अयोध्या में राम मंदिर और हनुमानगढ़ी के दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी बढ़ गई है. हनुमान गढ़ी मंदिर में सकरा द्वार है. इसके चलते श्रद्धालुओं को प्रवेश और निकास में दिक्कत होती है. जिसको लेकर अखिल भारतीय पंचायती अखाड़ा परिषद के पंचों की बैठक में मंदिर परिसर के विस्तार करने की योजना पर सहमति बनाई गई थी. जिसका कार्य भी शुरू कर दिया गया था.
श्रद्धालुओं के आवागमन के कारण प्रभावित हो रहे निर्माण को लेकर शनिवार से निकास मार्ग को बंद करने के सहमति के बाद लागू कर दिया गया है. यह प्रतिबंध आगामी 10 जुलाई तक लागू रहेगा. साथ ही हनुमानगढ़ी में वीआईपी दर्शन पर भी रोक रहेगी.
संकटमोचन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत संजय दास ने बताया कि हनुमानगढ़ी में रोजाना एक लाख श्रद्धालु दर्शन करते हैं. ऐसे में श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं विकसित करने का काम सुस्त गति से हो रहा है. निकास मार्ग को 20 फीट चौड़ा किया जा रहा है. यहां अन्य कई काम होने हैं.
इसलिए इस मार्ग को बंद करने की जरूरत है. इसी को देखते हुए 10 जुलाई तक निकास मार्ग को बंद रखा जाएगा. वीआईपी दर्शन पर रोक रहेगी. सभी को मुख्य प्रवेश द्वार से ही प्रवेश करना होगा. एक लेन से प्रवेश दिया जाएगा जबकि दूसरी लेन से श्रद्धालुओं को बाहर निकाला जाएगा.
राम जन्मभूमि के पूर्ण निर्माण के लिए बढ़ाए जाएंगे 1000 मजदूर: राम जन्मभूमि के निर्माण कार्य में तेजी लाने की तैयारी शुरू हो गई है. जल्द ही 1000 मजदूर और निर्माण कार्य में लगाए जाएंगे. जिससे निर्धारित समय में कार्य पूरा हो सके. वर्तमान में एलएंडटी के 2000 मजदूर निर्माण कार्य कर में लगे हुए हैं.
बीते दिनों निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में परिसर में चल रहे मंदिरों के निर्माण को गति दिए जाने को लेकर निर्णय लिया गया था. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा के मुताबिक मंदिर परिसर में निर्माण कार्य अपने निर्धारित समय अनुसार किया जा रहा है.
समय-समय पर निर्माण कार्य की समीक्षा के लिए चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र अयोध्या आते हैं. परिसर में चल रहे निर्माण कार्य अपने समय पर पूरा हो इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है.
जिसके लिए न केवल मजदूर की व्यवस्था बनाई जा रही है बल्कि निर्माण में लगने वाली पत्थरों की आपूर्ति भी समय से हो इस पर मंथन किया जाता है. राजस्थान में चल रही कार्यशाला में भी पत्थरों पर तराशी का कार्य करने के बाद अयोध्या लाया जा रहा है. आने वाले कुछ महीनो में मंदिर परिसर का दृश्य भी भव्य दिखाई देने लगेगा.
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