जयपुर. उत्तर प्रदेश की अमेठी और रायबरेली संसदीय सीट फिर से चर्चा के केंद्र में है. यह दोनों सीट गांधी परिवार की परंपरागत सीट रही हैं. अब रायबरेली से राहुल गांधी चुनावी मैदान में हैं, जबकि अमेठी से कांग्रेस ने पार्टी के पुराने सिपहसालार केएल शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है. इन दोनों सीटों को लेकर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ा दावा किया है.
गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा- ''आज रायबरेली एवं अमेठी में राहुल गांधी और केएल शर्मा के नामांकन के अवसर पर आम जनता एवं कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल देखने का मौका मिला. रायबरेली और अमेठी से गांधी परिवार का दशकों पुराना भावनात्मक रिश्ता है. रायबरेली में राहुल गांधी की उम्मीदवारी ने कांग्रेस में नए जोश का संचार किया है. अमेठी में केएल शर्मा के रूप में एक कार्यकर्ता को टिकट दिया गया है. करीब 40 साल से केएल शर्मा अमेठी एवं रायबरेली की जनता के बीच काम कर रहे थे. उनको मौका मिलने से सभी कार्यकर्ताओं में जोश आ गया है. अमेठी में 5 साल से भाजपा सांसद की गैरमौजूदगी के कारण वहां की जनता भी गांधी परिवार एवं केएल शर्मा के काम को याद करने लग गई थी. मैंने दोनों जगहों पर जनता के बीच महसूस किया कि अमेठी और रायबरेली दोनों सीटों पर कांग्रेस भारी मतों से विजयी होगी.''
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वायनाड से भी चुनाव लड़ रहे हैं राहुल : दरअसल, राहुल गांधी इस बार केरल की वायनाड सीट से भी चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, शुक्रवार को उन्होंने गांधी परिवार की परंपरागत सीट रायबरेली से भी नामांकन किया है. इससे पहले राहुल गांधी उत्तर प्रदेश की ही अमेठी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ते आए हैं. पिछली बार उन्होंने अमेठी और केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ा था. वे वायनाड से जीत गए थे, जबकि अमेठी में भाजपा नेत्री स्मृति ईरानी के सामने उन्हें अपनी सीट गंवानी पड़ी थी. अब उन्होंने रायबरेली सीट से ताल ठोकी है. वायनाड सीट पर मतदान हो चुका है.