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अल्मोड़ा बस हादसा: पल भर की चूक और 100 मीटर गहरी खाई में गिर गई बस, क्या ओवरलोड था वाहन?

10 मिनट पहले कुपी गांव से निकली थी बस, आगे की अनहोनी से सब थे अनजान

ALMORA BUS ACCIDENT
अल्मोड़ा बस हादसा (Photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 4, 2024, 12:09 PM IST

Updated : Nov 4, 2024, 12:22 PM IST

अल्मोड़ा: जिले के सल्ट में हुए बस हादसे में 30 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है. ईटीवी भारत संवाददाता कैलाश सुयाल सबसे पहले दुर्घटनास्थल पर पहुंचे. कैलाश ने वहां पर राहत और बचाव कार्यों में लगे स्थानीय लोगों से बातचीत की. लोगों क्या बताया, पढ़िए.

10 मिनट पहले कुपी गांव से निकली थी बस: सुबह 8 बजे बस कुपी गांव से आगे को निकली थी. 8 बजकर 10 मिनट पर गांव वालों को हादसे की खबर मिल गई. हादसे की खबर मिलते ही गांव वाले दौड़ते हुए दुर्घटनास्थल पर पहुंच गए. गांव वालों के अनुसार आपदा राहत टीम हादसे के करीब एक घंटे बाद मौके पर पहुंची.

अल्मोड़ा बस हादसा (PHOTO- ETV BHARAT)

स्थानीय ग्रामीणों ने सबसे पहले शुरू किया राहत और बचाव कार्य: राहत टीम के आने से पहले ही गांव वालों ने जितने लोग बस में घायल पड़े थे उन्हें बाहर निकाला. राहत टीम के आने के बाद राहत और बचाव कार्य में तेजी आई.

बस में क्षमता से ज्यादा यात्री थे: गोपाल सिंह रावत पूर्व प्रधान संगठन सल्ट ने बताया कि बस में सवारी ज्यादा थी. बस हादसे का सही कारण पता नहीं चला है. उन्होंने कहा कि स्थानीय निवासियों ने युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य चलाया.

ईटीवी भारत पहुंचा दुर्घटनास्थल: सबसे पहले दुर्घटनास्थल पर पहुंचे ईटीवी भारत संवाददाता कैलाश सुयाल ने लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि बस जहां पर दुर्घटनाग्रस्त हुई वहां पर खाई बहुत दुर्गम थी. राहत और बचाव कार्य में बहुत परेशानी पेश आई. बस सड़क से लुढ़कर नीचे 100 मीटर गहरी खाई में गिरी और देवता गदेरे के ऊपर जाकर जहां रुकी उसके परखच्चे उड़ चुके थे.
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10 मिनट पहले कुपी गांव से निकली थी बस: सुबह 8 बजे बस कुपी गांव से आगे को निकली थी. 8 बजकर 10 मिनट पर गांव वालों को हादसे की खबर मिल गई. हादसे की खबर मिलते ही गांव वाले दौड़ते हुए दुर्घटनास्थल पर पहुंच गए. गांव वालों के अनुसार आपदा राहत टीम हादसे के करीब एक घंटे बाद मौके पर पहुंची.

अल्मोड़ा बस हादसा (PHOTO- ETV BHARAT)

स्थानीय ग्रामीणों ने सबसे पहले शुरू किया राहत और बचाव कार्य: राहत टीम के आने से पहले ही गांव वालों ने जितने लोग बस में घायल पड़े थे उन्हें बाहर निकाला. राहत टीम के आने के बाद राहत और बचाव कार्य में तेजी आई.

बस में क्षमता से ज्यादा यात्री थे: गोपाल सिंह रावत पूर्व प्रधान संगठन सल्ट ने बताया कि बस में सवारी ज्यादा थी. बस हादसे का सही कारण पता नहीं चला है. उन्होंने कहा कि स्थानीय निवासियों ने युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य चलाया.

ईटीवी भारत पहुंचा दुर्घटनास्थल: सबसे पहले दुर्घटनास्थल पर पहुंचे ईटीवी भारत संवाददाता कैलाश सुयाल ने लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि बस जहां पर दुर्घटनाग्रस्त हुई वहां पर खाई बहुत दुर्गम थी. राहत और बचाव कार्य में बहुत परेशानी पेश आई. बस सड़क से लुढ़कर नीचे 100 मीटर गहरी खाई में गिरी और देवता गदेरे के ऊपर जाकर जहां रुकी उसके परखच्चे उड़ चुके थे.
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Last Updated : Nov 4, 2024, 12:22 PM IST
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