अमरावती: आंध्र प्रदेश की चंद्रबाबू नायडू सरकार ने राजधानी को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत के बड़ी जानकारी दी है. सरकार ने कहा कि आंध्र प्रदेश की एकमात्र राजधानी अमरावती ही है और सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए इसको विकसित किया जाएगा. चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि हमारी सरकार इसके लिए शुरू से ही प्रतिबद्ध रही है.
कोर्ट में हलफनामा देते हुए सरकार ने बताया कि वह अमरावती के निर्माण के लिए मास्टर प्लान और भूमि समेकन के तहत जमीन देने वाले किसानों से कानूनी रूप से बाध्यकारी वादे के अनुसार विकसित करने का फैसला किया है.
जानें मुख्य बिंदु
- आंध्र प्रदेश सरकार ने 2014 में आंध्र प्रदेश राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण अधिनियम पारित किया और APCRDA की स्थापना की.
- राज्यपाल की स्वीकृति के साथ 30 दिसंबर 2014 को इस अधिनियम को राजपत्र में प्रकाशित किया गया.
- 30 दिसंबर 2014 को इसने जीओ एमएस नंबर 254 जारी किया, जिसमें विजयवाड़ा और गुंटूर के बीच कृष्णा नदी के किनारे 24 राजस्व गांवों में फैले 53,748 एकड़ क्षेत्र को राजधानी शहर क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया.
- अधिनियम की धारा 3(3) के अनुसार, कुल 122 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को राजधानी शहर क्षेत्र घोषित किया गया था. बाद में, 9 जून 2015 को जारी जीओ एमएस नंबर 141 में इसने राजधानी शहर क्षेत्र को 122 वर्ग किलोमीटर से संशोधित कर 217 वर्ग किलोमीटर कर दिया.
- अधिनियम की धारा 39 के अनुसार 23 फरवरी 2016 को पूर्ण मास्टर प्लान प्रकाशित किया गया.
- अमरावती न केवल प्रशासनिक शहर होगा बल्कि आर्थिक केंद्र भी बनेगा.
- अमरावती को 27 टाउनशिप (प्रत्येक 1,000 एकड़) में विकसित किया जाएगा, जिनकी आबादी 1 लाख से 1.5 लाख होगी.
- नदी के किनारे एक केंद्रीय व्यावसायिक जिला बनाया जाएगा और सभी प्रमुख कॉर्पोरेट और वित्तीय प्रतिष्ठानों को वहां समायोजित किया जाएगा.
- 3,200 किलोमीटर लंबी सड़कों पर पैदल यात्री मार्ग और साइकिल ट्रैक बनाए जाएंगे. सभी उपयोगिता बुनियादी ढांचे को भूमिगत प्रदान किया जाएगा.
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