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विधायक जुबेर खान हुए सुपुर्द-ए-खाक, जनाजे में उमड़ा जनसैलाब - MLA Zubair khan passes away

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 14, 2024, 7:23 AM IST

Updated : Sep 14, 2024, 12:13 PM IST

MLA Zubair khan Death : विधायक जुबेर खान को उनके कर्मभूमि रामगढ़ में सुपुर्द-ए-खाक किया गया. जुबेर खान को उनके निजी फार्म हाउस पर सुपुर्द-ए-खाक किया गया, जहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत समेत कांग्रेस व भाजपा के दिग्गज नेता मौजूद रहे.

विधायक जुबेर खान का हुआ इंतकाल
विधायक जुबेर खान का हुआ इंतकाल (ETV Bharat (File Photo))
जिला मेव पंचायात के संरक्षक शेर मोहम्मद (ETV Bharat Alwar)

जयपुर/अलवर : जिले के रामगढ़ विधानसभा से चार बार विधायक रहे जुबेर खान के निधन के बाद उन्हें कर्मभूमि रामगढ़ में सुपुर्द-ए-खाक किया गया. शनिवार को दोपहर 3 बजे के करीब जुबेर खान का पार्थिव देह काफिले के साथ रामगढ़ के गुरुद्वारा मोड पहुंचा, जहां से पार्थिव देह को गाड़ी से उतारकर जनाजा निकालते हुए तहसील रंगमंच, मुख्य बाजार से होते हुए बालोतनगर से इंडियन गैस गोदाम के पास पहुंचा. जनाजे में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली व वन व पर्यावरण राज्य मंत्री संजय शर्मा मौजूद रहे.

इंडियन गैस एजेंसी गोदाम के पास जुबेर खान के निजी फार्म हाउस पर उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया, जहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत, करौली सांसद भजनलाल जाटव, भरतपुर सांसद संजना जाटव, पूर्व चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, पूर्व कैबिनेट मंत्री शकुंतला रावत, पूर्व सांसद डॉ. करण सिंह यादव, पूर्व तिजारा विधायक संदीप यादव, प्रदेश कांग्रेस सचिव बलराम यादव समेत कांग्रेस व भाजपा के दिग्गज नेता मौजूद रहे. जुबेर खान के बेटे आदिल खान और आर्यन खान ने पिता को सुपुर्द-ए-खाक किया गया.

पढ़ें. बीजेपी विधायक अमृतलाल मीणा का निधन, सलूंबर से लगातार तीसरी बार बने थे विधायक, CM भजनलाल ने जताया दुख - MLA AMRITLAL DIED IN RAJASTHAN

जुबेर खान की अंतिम यात्रा में हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों के कांग्रेस के दिग्गज नेता शामिल हुए थे. वहीं, अंतिम विदाई की व्यवस्था करने के लिए एडिशनल एसपी तेज सिंह भारी पुलिस बल के साथ अंतिम यात्रा में शामिल हुए. इस मौके पर भाजपा नेता जय आहूजा, जिला प्रमुख बलवीर छिल्लर,नगर निगम मेयर घनश्याम गुर्जर, प्रधान नसरू खान, जयसिंह जाटव, तमाम नेता व पार्टी के पदाधिकारी मौजूद रहे.

डेढ़ साल पहले हुआ था लिवर ट्रांसप्लांट : लंबी बीमारी के बाद अलवर के रामगढ़ से कांग्रेस के विधायक जुबेर खान का निधन हो गया है. शनिवार सुबह 5:50 मिनट पर उन्होंने आखिरी सांस ली. जुबेर खान का डेढ़ साल पहले लिवर ट्रांसप्लांट हुआ था. 15 दिन पहले मेडिकल मुआयने के बाद डॉक्टरों ने उनकी हालत गंभीर बताई थी. खान के निधन से प्रदेश कांग्रेस में शोक की लहर है. उन्होंने चार बार मेवात की रामगढ़ सीट से कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किया था. गौरतलब है कि लंबे समय से जुबेर खान बीमार चल रहे थे. उनके जाने से मेवात में कांग्रेस के एक युग का खत्म हो गया. उनके पैतृक गांव अलवर के पास उमरेड के नजदीक था. उन्हें शनिवार शाम रामगढ़ में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा.

पत्नी ने की सोशल मीडिया पोस्ट : जुबेर खान की पत्नी और पूर्व विधायक सफिया जुबेर खान ने सोशल मीडिया पर उनके निधन की जानकारी दी. सफिया खान ने अपने एक्स अकाउंट पर इस बारे में लिखते हुए दुखद सूचना दी. वे लगातार जुबेर खान की सेहत के बारे में इसी अकाउंट के जरिए जानकारी दे रहीं थीं. बता दें कि कांग्रेस के जाने-माने अल्पसंख्यक चेहरे के रूप में जुबेर खान की पहचान रही है. उन्होंने प्रदेश कांग्रेस से लेकर एआईसीसी तक विभिन्न पदों पर काम करते हुए पार्टी का प्रतिनिधित्व किया था. उन्हें प्रियंका गांधी के काफी करीब माना जाता था.

अलवर जिले के उमरैण के पास माचड़ी में एक अगस्त 1962 को जन्मे जुबेर खान AICC सचिव और यूपी कांग्रेस के प्रभारी थे. रामगढ़ विधायक खान कांग्रेस के मजबूत चेहरों में शुमार रहे थे. खान एआईसीसी के सचिव रहने के साथ-साथ प्रियंका गांधी के सात उत्तर प्रदेश में भी जिम्मेदारी संभाल चुके थे. जुबेर खान के पिता बाग सिंह अलवर ग्रामीण में सिलीसेढ़ के पास माचड़ी गांव के रहने वाले थे. वो भी 38 साल सरपंच रहे थे. जामिया मिलिया में पढ़े जुबेर दो बार कॉलेज अध्यक्ष चुने गए थे. वे NSUI के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर भी रहे. जुबेर अलवर के रामगढ़ से चार बार के विधायक रहे थे. जुबेर खान 1990 में देश के सबसे युवा विधायक बने थे. 1993, 2003 और 2023 में भी विधायक चुने गए. साल 2003 और 2008 में वे कांग्रेस के चीफ व्हीप रहे. लोकसभा में 2003 से 2008 तक वह मुख्य सचेतक रहे. वे पीसीसी महासचिव रहने के साथ ही जयपुर और भरतपुर जिला प्रभारी भी रहे थे. जुबेर खान की पत्नी साफिया जुबेर भी रामगढ़ से विधायक और इससे पहले जिला प्रमुख रह चुकी हैं. जुबेर खान 6 भाई हैं. वे अलवर शहर के ढाई पेडी में खुद के मकान में परिवार सहित रहते थे.

जामिया मिलिया विश्वविद्यालय दिल्ली से किया पीजी : जुबेर खान ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अलवर में ही ग्रहण की. वे 8वीं तक अलवर के माचड़ी गांव के पास बगड़ राजपूत स्कूल में पढ़े. बाद में अलवर में नवीन सीनियर सेकेंडरी स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई की. उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन जामिया मिलिया विश्वविद्यालय दिल्ली से किया. जुबेर खान जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी दिल्ली के छात्रसंघ अध्यक्ष भी रहे थे. जुबेर खान के दो बेटे हैं. बड़ा बेटा आदिल (29) और दूसरा आर्यन (26) है. दोनों ने एमबीए किया हुआ है.

गांधी परिवार से रही थी नजदीकी : जुबेर खान की कांग्रेस के सर्वेसर्वा गांधी परिवार से नजदीकियां रही थी. उन्होंने प्रियंका गांधी के साथ लगातार यूपी में भी काम किया था. वे राजस्थान से कांग्रेस के उन चुनिंदा नेताओं में शुमार थे, जिन्होंने राजीव गांधी-संजय गांधी के साथ काम किया था. जुबेर मेवात और मत्स्य क्षेत्र में गंगा जमुनी तहजीब के पैरोकार (एडवोकेट) रहे थे. मौजूदा विधानसभा में विधायक के नाते उनकी प्रभावी मौजूदगी रही थी.

लिवर खराब होने से थे लंबे समय से थे बीमार : विधायक जुबेर खान लिवर खराब होने से डेढ़ साल से बीमार चल रहे थे. एक साल पहले लिवर ट्रांसप्लांट कराया था. पिछले दिनों राजनीति में व्यस्तता के चलते उनकी तबीयत बिगड़ गई. उनका गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में भी भर्ती रहे. उन्होंने जयपुर में भी इलाज कराया. जुबेर खान का ढाई पेडी अलवर निवास पर भी इलाज चल रहा था.

पढ़ें. नहीं रहे शेखावाटी के प्रखर दलित नेता काका सुंदरलाल, कांग्रेस के गढ़ में सात बार लहराया था कमल का निशान - Dalit Leader Sundarlal No More

कांग्रेस नेताओं ने भी जताई संवेदना : पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जुबेर खान के निधन पर संवेदना जताते हुए सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता और विधायक जुबेर खान का इंतकाल हम सभी के लिए गहरा दुख देने वाला है. जुबेर खान अपने क्षेत्र के विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध थे और आखिरी समय तक जनसेवा में लगे रह. उनका जाना एक अपूरणीय क्षति है. वहीं, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी अपनी संवेदनाओं में लिखा कि जुबेर खान का निधन हम सभी के लिए बहुत बड़ी क्षति है. प्रदेश के लिए उनकी वर्षों की सेवा और समर्पण अत्यंत सम्मान के योग्य है.

जुबेर खान ने मेवात का किया नाम रोशन : जिला मेव पंचायात के संरक्षक शेर मोहम्मद ने विधायक जुबेर खान के निधन पर दु:ख जताया और कहा कि उनके निधन से कांग्रेस ही नहीं सम्पूर्ण मेव समाज को बड़ी क्षति हुई है. मेव समाज में कम ही नेता राजनीति के इस मुकाम पर पहुंच सके हैं. उन्होंने पूरे मेव समाज का नाम रोशन किया है. वे केवल मेव समाज के ही नहीं, बल्कि सभी समाजों के चहेते नेता रहे हैं. वे छात्र जीवन से ही संघर्षशील रहे और संघर्ष करते हुए राजनीति के इस मुकाम तक पहुंचे. उनका अंतिम संस्कार उनकी अंतिम इच्छा अनुसार उनके निर्वाचन क्षेत्र रामगढ़ में शनिवार शाम को किया जाएगा.

विधानसभा में 7 सीटें खाली : राजस्थान विधानसभा में लगातार बीते कुछ सालों से 200 विधायकों की संख्या पूरी होने पर किसी न किसी तरह आंकड़ा 200 से नीचे आने की चर्चा रही है. फिलहाल 6 सीटों पर उपचुनाव प्रस्तावित है और सातवीं सीट अलवर के रामगढ़ से भी खाली हो चुकी है. प्रदेश में लोकसभा चुनाव के बाद दौसा, देवली उनियारा, झुंझुनू, खींवसर और चौरासी विधानसभा स्थानीय विधायकों के सांसद बनने के बाद खाली हो चुकी थी. वहीं, बीते दिनों उदयपुर के सलूंबर से विधायक अमृतलाल मीणा के निधन के बाद एक और सीट रिक्त हो गई थी. इन सीटों में पांच पर कांग्रेस और उनके सहयोगी दल काबिज थे, तो सलूंबर में भारतीय जनता पार्टी के विधायक थे. अब अलवर के रामगढ़ से कांग्रेस के विधायक के निधन के बाद कुल 7 सीटों पर उपचुनाव होंगे.

जिला मेव पंचायात के संरक्षक शेर मोहम्मद (ETV Bharat Alwar)

जयपुर/अलवर : जिले के रामगढ़ विधानसभा से चार बार विधायक रहे जुबेर खान के निधन के बाद उन्हें कर्मभूमि रामगढ़ में सुपुर्द-ए-खाक किया गया. शनिवार को दोपहर 3 बजे के करीब जुबेर खान का पार्थिव देह काफिले के साथ रामगढ़ के गुरुद्वारा मोड पहुंचा, जहां से पार्थिव देह को गाड़ी से उतारकर जनाजा निकालते हुए तहसील रंगमंच, मुख्य बाजार से होते हुए बालोतनगर से इंडियन गैस गोदाम के पास पहुंचा. जनाजे में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली व वन व पर्यावरण राज्य मंत्री संजय शर्मा मौजूद रहे.

इंडियन गैस एजेंसी गोदाम के पास जुबेर खान के निजी फार्म हाउस पर उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया, जहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत, करौली सांसद भजनलाल जाटव, भरतपुर सांसद संजना जाटव, पूर्व चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, पूर्व कैबिनेट मंत्री शकुंतला रावत, पूर्व सांसद डॉ. करण सिंह यादव, पूर्व तिजारा विधायक संदीप यादव, प्रदेश कांग्रेस सचिव बलराम यादव समेत कांग्रेस व भाजपा के दिग्गज नेता मौजूद रहे. जुबेर खान के बेटे आदिल खान और आर्यन खान ने पिता को सुपुर्द-ए-खाक किया गया.

पढ़ें. बीजेपी विधायक अमृतलाल मीणा का निधन, सलूंबर से लगातार तीसरी बार बने थे विधायक, CM भजनलाल ने जताया दुख - MLA AMRITLAL DIED IN RAJASTHAN

जुबेर खान की अंतिम यात्रा में हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों के कांग्रेस के दिग्गज नेता शामिल हुए थे. वहीं, अंतिम विदाई की व्यवस्था करने के लिए एडिशनल एसपी तेज सिंह भारी पुलिस बल के साथ अंतिम यात्रा में शामिल हुए. इस मौके पर भाजपा नेता जय आहूजा, जिला प्रमुख बलवीर छिल्लर,नगर निगम मेयर घनश्याम गुर्जर, प्रधान नसरू खान, जयसिंह जाटव, तमाम नेता व पार्टी के पदाधिकारी मौजूद रहे.

डेढ़ साल पहले हुआ था लिवर ट्रांसप्लांट : लंबी बीमारी के बाद अलवर के रामगढ़ से कांग्रेस के विधायक जुबेर खान का निधन हो गया है. शनिवार सुबह 5:50 मिनट पर उन्होंने आखिरी सांस ली. जुबेर खान का डेढ़ साल पहले लिवर ट्रांसप्लांट हुआ था. 15 दिन पहले मेडिकल मुआयने के बाद डॉक्टरों ने उनकी हालत गंभीर बताई थी. खान के निधन से प्रदेश कांग्रेस में शोक की लहर है. उन्होंने चार बार मेवात की रामगढ़ सीट से कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किया था. गौरतलब है कि लंबे समय से जुबेर खान बीमार चल रहे थे. उनके जाने से मेवात में कांग्रेस के एक युग का खत्म हो गया. उनके पैतृक गांव अलवर के पास उमरेड के नजदीक था. उन्हें शनिवार शाम रामगढ़ में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा.

पत्नी ने की सोशल मीडिया पोस्ट : जुबेर खान की पत्नी और पूर्व विधायक सफिया जुबेर खान ने सोशल मीडिया पर उनके निधन की जानकारी दी. सफिया खान ने अपने एक्स अकाउंट पर इस बारे में लिखते हुए दुखद सूचना दी. वे लगातार जुबेर खान की सेहत के बारे में इसी अकाउंट के जरिए जानकारी दे रहीं थीं. बता दें कि कांग्रेस के जाने-माने अल्पसंख्यक चेहरे के रूप में जुबेर खान की पहचान रही है. उन्होंने प्रदेश कांग्रेस से लेकर एआईसीसी तक विभिन्न पदों पर काम करते हुए पार्टी का प्रतिनिधित्व किया था. उन्हें प्रियंका गांधी के काफी करीब माना जाता था.

अलवर जिले के उमरैण के पास माचड़ी में एक अगस्त 1962 को जन्मे जुबेर खान AICC सचिव और यूपी कांग्रेस के प्रभारी थे. रामगढ़ विधायक खान कांग्रेस के मजबूत चेहरों में शुमार रहे थे. खान एआईसीसी के सचिव रहने के साथ-साथ प्रियंका गांधी के सात उत्तर प्रदेश में भी जिम्मेदारी संभाल चुके थे. जुबेर खान के पिता बाग सिंह अलवर ग्रामीण में सिलीसेढ़ के पास माचड़ी गांव के रहने वाले थे. वो भी 38 साल सरपंच रहे थे. जामिया मिलिया में पढ़े जुबेर दो बार कॉलेज अध्यक्ष चुने गए थे. वे NSUI के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर भी रहे. जुबेर अलवर के रामगढ़ से चार बार के विधायक रहे थे. जुबेर खान 1990 में देश के सबसे युवा विधायक बने थे. 1993, 2003 और 2023 में भी विधायक चुने गए. साल 2003 और 2008 में वे कांग्रेस के चीफ व्हीप रहे. लोकसभा में 2003 से 2008 तक वह मुख्य सचेतक रहे. वे पीसीसी महासचिव रहने के साथ ही जयपुर और भरतपुर जिला प्रभारी भी रहे थे. जुबेर खान की पत्नी साफिया जुबेर भी रामगढ़ से विधायक और इससे पहले जिला प्रमुख रह चुकी हैं. जुबेर खान 6 भाई हैं. वे अलवर शहर के ढाई पेडी में खुद के मकान में परिवार सहित रहते थे.

जामिया मिलिया विश्वविद्यालय दिल्ली से किया पीजी : जुबेर खान ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अलवर में ही ग्रहण की. वे 8वीं तक अलवर के माचड़ी गांव के पास बगड़ राजपूत स्कूल में पढ़े. बाद में अलवर में नवीन सीनियर सेकेंडरी स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई की. उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन जामिया मिलिया विश्वविद्यालय दिल्ली से किया. जुबेर खान जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी दिल्ली के छात्रसंघ अध्यक्ष भी रहे थे. जुबेर खान के दो बेटे हैं. बड़ा बेटा आदिल (29) और दूसरा आर्यन (26) है. दोनों ने एमबीए किया हुआ है.

गांधी परिवार से रही थी नजदीकी : जुबेर खान की कांग्रेस के सर्वेसर्वा गांधी परिवार से नजदीकियां रही थी. उन्होंने प्रियंका गांधी के साथ लगातार यूपी में भी काम किया था. वे राजस्थान से कांग्रेस के उन चुनिंदा नेताओं में शुमार थे, जिन्होंने राजीव गांधी-संजय गांधी के साथ काम किया था. जुबेर मेवात और मत्स्य क्षेत्र में गंगा जमुनी तहजीब के पैरोकार (एडवोकेट) रहे थे. मौजूदा विधानसभा में विधायक के नाते उनकी प्रभावी मौजूदगी रही थी.

लिवर खराब होने से थे लंबे समय से थे बीमार : विधायक जुबेर खान लिवर खराब होने से डेढ़ साल से बीमार चल रहे थे. एक साल पहले लिवर ट्रांसप्लांट कराया था. पिछले दिनों राजनीति में व्यस्तता के चलते उनकी तबीयत बिगड़ गई. उनका गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में भी भर्ती रहे. उन्होंने जयपुर में भी इलाज कराया. जुबेर खान का ढाई पेडी अलवर निवास पर भी इलाज चल रहा था.

पढ़ें. नहीं रहे शेखावाटी के प्रखर दलित नेता काका सुंदरलाल, कांग्रेस के गढ़ में सात बार लहराया था कमल का निशान - Dalit Leader Sundarlal No More

कांग्रेस नेताओं ने भी जताई संवेदना : पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जुबेर खान के निधन पर संवेदना जताते हुए सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता और विधायक जुबेर खान का इंतकाल हम सभी के लिए गहरा दुख देने वाला है. जुबेर खान अपने क्षेत्र के विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध थे और आखिरी समय तक जनसेवा में लगे रह. उनका जाना एक अपूरणीय क्षति है. वहीं, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी अपनी संवेदनाओं में लिखा कि जुबेर खान का निधन हम सभी के लिए बहुत बड़ी क्षति है. प्रदेश के लिए उनकी वर्षों की सेवा और समर्पण अत्यंत सम्मान के योग्य है.

जुबेर खान ने मेवात का किया नाम रोशन : जिला मेव पंचायात के संरक्षक शेर मोहम्मद ने विधायक जुबेर खान के निधन पर दु:ख जताया और कहा कि उनके निधन से कांग्रेस ही नहीं सम्पूर्ण मेव समाज को बड़ी क्षति हुई है. मेव समाज में कम ही नेता राजनीति के इस मुकाम पर पहुंच सके हैं. उन्होंने पूरे मेव समाज का नाम रोशन किया है. वे केवल मेव समाज के ही नहीं, बल्कि सभी समाजों के चहेते नेता रहे हैं. वे छात्र जीवन से ही संघर्षशील रहे और संघर्ष करते हुए राजनीति के इस मुकाम तक पहुंचे. उनका अंतिम संस्कार उनकी अंतिम इच्छा अनुसार उनके निर्वाचन क्षेत्र रामगढ़ में शनिवार शाम को किया जाएगा.

विधानसभा में 7 सीटें खाली : राजस्थान विधानसभा में लगातार बीते कुछ सालों से 200 विधायकों की संख्या पूरी होने पर किसी न किसी तरह आंकड़ा 200 से नीचे आने की चर्चा रही है. फिलहाल 6 सीटों पर उपचुनाव प्रस्तावित है और सातवीं सीट अलवर के रामगढ़ से भी खाली हो चुकी है. प्रदेश में लोकसभा चुनाव के बाद दौसा, देवली उनियारा, झुंझुनू, खींवसर और चौरासी विधानसभा स्थानीय विधायकों के सांसद बनने के बाद खाली हो चुकी थी. वहीं, बीते दिनों उदयपुर के सलूंबर से विधायक अमृतलाल मीणा के निधन के बाद एक और सीट रिक्त हो गई थी. इन सीटों में पांच पर कांग्रेस और उनके सहयोगी दल काबिज थे, तो सलूंबर में भारतीय जनता पार्टी के विधायक थे. अब अलवर के रामगढ़ से कांग्रेस के विधायक के निधन के बाद कुल 7 सीटों पर उपचुनाव होंगे.

Last Updated : Sep 14, 2024, 12:13 PM IST
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