जोधपुर: एमबीएम इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी में सोमवार को एमटेक के पेपर के दौरान मोबाइल से नकल कर रहे छात्र को रोकने पर उसने शिक्षक के साथ मारपीट कर दी थी. इस मामले में आरोपी छात्र को विश्वविद्यालय प्रबंधन ने विश्वविद्यालय से स्थाई रूप से निष्कासित कर दिया है. सोमवार देर रात यूनिवर्सिटी के एचओडी के साथ चली बैठक में यह निर्णय लिया गया. जिसके बाद विश्वविद्यालय चीफ प्रॉक्टर डॉ शैलेश चौधरी ने उसके निष्कासन के आदेश जारी किया. इस बीच विश्वविद्यालय की ओर से भी उसके खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया.
आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि जांच कमेटी ने छात्र महेंद्र चौधरी को दोषी माना है. उसने परीक्षा केंद्र अधीक्षक और विभागाध्यक्ष श्रवणराम और वीक्षक सहायक आचार्य अमित मीणा के साथ मारपीट की थी. उसने परीक्षा कार्य भी बाधित किया. छात्र की इस हरकत को अनुशासनहीनता का दुर्लभतम उदाहरण माना गया है. जांच कमेटी ने शिक्षकों को गाली देना सहित अन्य को अपराधिक कृत्य माना.
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विश्वविद्याय के सहायक आचार्य अमित मीणा ने बताया कि इस घटना के बाद सोमवार रात को करीब 6 घंटे तक यूनिवर्सिटी के सभी विभागों के अध्यक्षों और शिक्षकों की मीटिंग हुई. इसमें छात्र के खिलाफ एक्शन लेने का निर्णय किया गया. इसके तहत उसे स्थाई रूप से निष्कासित कर दिया गया . विश्वविद्यालय प्रशासन भी अपनी ओर से छात्र के खिलाफ थाने में मामला दर्ज करवाएगा.
गौरतलब है कि सोमवार को एमटेक प्रथम वर्ष का सुबह दस से एक बजे की पारी में यूनिवर्सिटी में पेपर था. सहायक आचार्य अमित मीणा ने छात्र महेंद्र चौधरी को मोबाइल से नकल करते देख लिया. इस पर वह उठकर बाहर गया और मोबाइल कहीं रख आया. इस दौरान केंद्राधीक्षक श्रवणराम भी वहां आ गए. श्रवण राम ने उससे पूछा कि मोबाइल कहां है? नकल कर रहे थे? इस पर दोनों के बीच बहस हुई तो महेंद्र चौधरी ने श्रवणराम के मुंह पर मुक्का मार दिया. अमित मीणा बीच बचाव में आए तो उनको थप्पड मार दी. उनका चश्मा टूट गया. धक्का मुक्का करते हुए उनको गालियां निकाली. इस दौरान एक शिक्षक ने इसका वीडियो बना लिया. पुलिस मौके से महेंद्र को थाने लेकर गई. कुछ देर बाद उसे शांति भंग के आरोप में हिरासत में लिया और न्यायाधीश के समक्ष पेश किया, जहां से उसे जमानत मिल गई. देर शाम को शिक्षकों की रिपोर्ट पर फिर से मामला दर्ज हुआ था.
पुलिस दबाव में, नहीं कर रही कार्रवाई: सहायक आचार्य अमित मीणा नेइस मामले में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इतनी बड़ी घटना करने वाले छात्र को शांति भंग की धाराओं में गिरफ्तार कर जमानत पर छोड़ना आश्चर्यजनक है. ऐसा लग रहा है कि पुलिस प्रशासन दबाव में है, इसलिए समुचित कार्रवाई नहीं की जा रही. हमारी मांग है कि छात्र को तुरंत दोबारा गिरफ्तार किया जाए और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.