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'गवाहों को धमकाने का आरोप', लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा से मांगा जवाब - SUPREME COURT

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में गवाहों को धमकाने के मामले में सुनवाई की.

सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट (IANS)
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By Sumit Saxena

Published : Nov 27, 2024, 1:24 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में गवाहों को धमकाने के आरोप का जवाब देने का निर्देश दिया. बता दें कि 3 अक्टूबर 2021 को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में चार किसानों समेत आठ लोगों की हत्या कर दी गई थी.

यह मामला जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच के सामने आया. सुनवाई की शुरुआत में शिकायतकर्ताओं में से एक का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने बेंच के सामने दलील दी कि मिश्रा ने गवाहों को धमकाया है. वहीं, मिश्रा का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे ने आरोपों से इनकार किया और कहा कि यह एक अंतहीन प्रक्रिया है.

मिश्रा के वकील ने आरोपों का किया खंडन
दवे ने कहा कि तस्वीरों में उनका मुवक्किल नहीं है. पीठ ने दवे के आरोपों का खंडन करने के बाद उनसे अपना रुख स्पष्ट करते हुए हलफनामा दाखिल करने को कहा. इसके लिए बैंच ने मिश्रा को चार सप्ताह का समय भी दिया है.इससे पहले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पहले आशीष मिश्रा को जमानत दे दी थी और उनके दिल्ली या लखनऊ आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था.

इसके अलावा अदालत ने मामले में चार किसानों - गुरुविंदर सिंह, कमलजीत सिंह, गुरुप्रीत सिंह और विचित्र सिंह को भी जमानत दी थी और निचली अदालत को सुनवाई में तेजी लाने का निर्देश दिया था.

वाहन ने चार किसानों को कुचला
बता दें कि लखीमपुर खीरी में उस समय हिंसा भड़की थी, जब किसान उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इलाके के दौरे का विरोध कर रहे थे. तभी एक वाहन ने चार किसानों को कुचल दिया था. इसके बाद गुस्साए किसानों ने एक ड्राइवर और दो भाजपा कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी.

यह भी पढ़ें- शीतकालीन सत्र 2024 में पेश होंगे ये 5 नए बिल, क्या वक्फ संशोधन बिल हो पाएगा पारित?

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में गवाहों को धमकाने के आरोप का जवाब देने का निर्देश दिया. बता दें कि 3 अक्टूबर 2021 को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में चार किसानों समेत आठ लोगों की हत्या कर दी गई थी.

यह मामला जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच के सामने आया. सुनवाई की शुरुआत में शिकायतकर्ताओं में से एक का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने बेंच के सामने दलील दी कि मिश्रा ने गवाहों को धमकाया है. वहीं, मिश्रा का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे ने आरोपों से इनकार किया और कहा कि यह एक अंतहीन प्रक्रिया है.

मिश्रा के वकील ने आरोपों का किया खंडन
दवे ने कहा कि तस्वीरों में उनका मुवक्किल नहीं है. पीठ ने दवे के आरोपों का खंडन करने के बाद उनसे अपना रुख स्पष्ट करते हुए हलफनामा दाखिल करने को कहा. इसके लिए बैंच ने मिश्रा को चार सप्ताह का समय भी दिया है.इससे पहले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पहले आशीष मिश्रा को जमानत दे दी थी और उनके दिल्ली या लखनऊ आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था.

इसके अलावा अदालत ने मामले में चार किसानों - गुरुविंदर सिंह, कमलजीत सिंह, गुरुप्रीत सिंह और विचित्र सिंह को भी जमानत दी थी और निचली अदालत को सुनवाई में तेजी लाने का निर्देश दिया था.

वाहन ने चार किसानों को कुचला
बता दें कि लखीमपुर खीरी में उस समय हिंसा भड़की थी, जब किसान उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इलाके के दौरे का विरोध कर रहे थे. तभी एक वाहन ने चार किसानों को कुचल दिया था. इसके बाद गुस्साए किसानों ने एक ड्राइवर और दो भाजपा कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी.

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