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अब पेड़ बताएगा-'कहां उगता हूं और क्या फल देता हूं', इस विश्वविद्यालय ने किया अनोखा प्रयोग - Scanners on trees of CSJM Kanpur - SCANNERS ON TREES OF CSJM KANPUR

कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कैंपस में हजारों प्रजातियों के पेड़ पौधे भी लगे हुए हैं. पेड़ों की सबसे खास बात यह है, कि इसमें स्कैनर लगे हुए हैं. जिसको फोन से स्कैन करने के बाद छात्र- छात्राओं के अलावा यहां आने वाले अन्य लोग भी उनके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 1, 2024, 1:01 PM IST



कानपुर: हम सभी जानते है,कि पेड़ पौधों का हमारे जीवन में आखिर कितना बड़ा महत्व है. यह पेड़-पौधे सिर्फ हमें ऑक्सीजन ही नहीं देते. बल्कि कई प्रकार के फल-फूल समेत जड़ी बूटियां भी देते है. पर्यावरण संतुलन को कायम रखने में भी पेड़ पौधों की काफी अहम भूमिका है. इसी कड़ी में कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, जो कि देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में शामिल हो चुका है. शायद यही वजह है, कि काफी बड़ी संख्या में छात्र और छात्राएं इस विश्वविद्यालय को पसंद भी कर रहे है. विश्वविद्यालय के कैंपस में हजारों प्रजातियों के पेड़ पौधे भी लगे हुए हैं. विश्वविद्यालय में लगे पेड़ों की सबसे खास बात यह है, कि इसमें स्कैनर लगे हुए हैं. जिसको फोन से स्कैन करने के बाद छात्र- छात्राओं के अलावा यहां आने वाले अन्य लोग भी उनके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे.

छात्र-छात्राओ को शिक्षित करेंगे यूपी के इस विश्वविद्यालय के पेड़
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छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने बताया, कि इस पर्यावरण में तमाम ऐसे पेड़-पौधे है. जिनके बारे में हर कोई जानता है. लेकिन इसकी पैदावार सबसे ज्यादा कहां पर होती है. वह किस प्रजाति का है. उसमें कौन सा फल-फूल निकलता है. उन पेड़ पौधों के लिए कौन सा कीटनाशक हानिकारक होता है. उन पेड़ पौधों की बायोलॉजिकल आइडेंटिटी क्या है.इसके बारे में हर किसी को जानकारी नहीं होती है. ऐसे में कानपुर विश्वविद्यालय में आने वाले छात्र-छात्राओं और विजिटर के लिए पेड़-पौधों पर स्कैनर लगाए गए हैं. जिन्हें स्कैन करने के बाद छात्र-छात्राओं को पेडों से जुड़ी सारी जानकारी आसानी से मिल सकेगी.
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इसे भी पढ़े-एडु रैंक वर्ल्ड रैंकिंग-2024 में सीएसजेएमयू टॉप-12 में शामिल - CSJM University NEWS

लाइफ साइंस विभाग ने 2500 पेडों पर लगाए क्यूआर स्कैनर: ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान कानपुर विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी विशाल शर्मा ने बताया कि, बायोलॉजिकल आइडेंटिटी की सारी जानकारी देने के लिए कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति के द्वारा लाइफ साइंस विभाग को स्कैनर लगाने के निर्देश दिए गए थे. जिससे यहां पर पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के अलावा आने वाले विजिटर और अतिथियों को भी इन पेड़-पौधों की जानकारी मिल सके. उन्होंने बताया, कि इसके बाद विभाग के शिक्षकों और छात्रों ने मिलकर विश्वविद्यालय के लगभग 2500 पेड़ों में यह क्यूआर स्कैनर लगाए हैं. जिन्हें फोन से स्कैन करते ही यह स्कैनर आपको पेड़ पौधों से जुड़ी सारी जानकारी दे देंगे. इसके अलावा विश्वविद्यालय में करीब 120 से अधिक प्रजाति के पेड़ हैं, जिन पर भी यह क्यूआर स्कैनर लगाए गए हैं.

क्यूआर स्कैनर के जरिए पेड़-पौधों के बारे में अब जानकारी जुटा रहे छात्र-छात्राएं: विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी विशाल शर्मा ने बताया कि, पेड़ पौधों पर क्यूआर कोड लगाकर छात्र-छात्राओं और यहां आने वाले विजिटर को शिक्षित करने का एक माध्यम बनाया गया है. कानपुर विश्वविद्यालय का कैंपस कॉफी हरा भरा है. ऐसे में इन पेड़ पौधों पर लगे स्कैनर अन्य पेड़ पौधों की अपेक्षा काफी अलग दिखाई दे रहे है. छात्र या छात्राएं जब इस क्यूआर स्कैनर को देखेंगे, तो जाहिर सी बात है, कि उनके मन में इसे स्कैन करने की जिज्ञासा जागेगी. जब इसे अपने फोन से स्कैन करेंगे, तो उन्हें पेड़ो के बारे में सारी जानकारी मिल जाएगी. जिससे, उनके जनरल नॉलेज में भी काफी ज्यादा इजाफा होगा.

यह भी पढ़े-दो दिन तक CSJMU में नई शिक्षा नीति पर होगा मंथन, एक्सपर्ट्स करेंगे समस्याओं का समाधान



कानपुर: हम सभी जानते है,कि पेड़ पौधों का हमारे जीवन में आखिर कितना बड़ा महत्व है. यह पेड़-पौधे सिर्फ हमें ऑक्सीजन ही नहीं देते. बल्कि कई प्रकार के फल-फूल समेत जड़ी बूटियां भी देते है. पर्यावरण संतुलन को कायम रखने में भी पेड़ पौधों की काफी अहम भूमिका है. इसी कड़ी में कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, जो कि देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में शामिल हो चुका है. शायद यही वजह है, कि काफी बड़ी संख्या में छात्र और छात्राएं इस विश्वविद्यालय को पसंद भी कर रहे है. विश्वविद्यालय के कैंपस में हजारों प्रजातियों के पेड़ पौधे भी लगे हुए हैं. विश्वविद्यालय में लगे पेड़ों की सबसे खास बात यह है, कि इसमें स्कैनर लगे हुए हैं. जिसको फोन से स्कैन करने के बाद छात्र- छात्राओं के अलावा यहां आने वाले अन्य लोग भी उनके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे.

छात्र-छात्राओ को शिक्षित करेंगे यूपी के इस विश्वविद्यालय के पेड़
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छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने बताया, कि इस पर्यावरण में तमाम ऐसे पेड़-पौधे है. जिनके बारे में हर कोई जानता है. लेकिन इसकी पैदावार सबसे ज्यादा कहां पर होती है. वह किस प्रजाति का है. उसमें कौन सा फल-फूल निकलता है. उन पेड़ पौधों के लिए कौन सा कीटनाशक हानिकारक होता है. उन पेड़ पौधों की बायोलॉजिकल आइडेंटिटी क्या है.इसके बारे में हर किसी को जानकारी नहीं होती है. ऐसे में कानपुर विश्वविद्यालय में आने वाले छात्र-छात्राओं और विजिटर के लिए पेड़-पौधों पर स्कैनर लगाए गए हैं. जिन्हें स्कैन करने के बाद छात्र-छात्राओं को पेडों से जुड़ी सारी जानकारी आसानी से मिल सकेगी.
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लाइफ साइंस विभाग ने 2500 पेडों पर लगाए क्यूआर स्कैनर: ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान कानपुर विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी विशाल शर्मा ने बताया कि, बायोलॉजिकल आइडेंटिटी की सारी जानकारी देने के लिए कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति के द्वारा लाइफ साइंस विभाग को स्कैनर लगाने के निर्देश दिए गए थे. जिससे यहां पर पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के अलावा आने वाले विजिटर और अतिथियों को भी इन पेड़-पौधों की जानकारी मिल सके. उन्होंने बताया, कि इसके बाद विभाग के शिक्षकों और छात्रों ने मिलकर विश्वविद्यालय के लगभग 2500 पेड़ों में यह क्यूआर स्कैनर लगाए हैं. जिन्हें फोन से स्कैन करते ही यह स्कैनर आपको पेड़ पौधों से जुड़ी सारी जानकारी दे देंगे. इसके अलावा विश्वविद्यालय में करीब 120 से अधिक प्रजाति के पेड़ हैं, जिन पर भी यह क्यूआर स्कैनर लगाए गए हैं.

क्यूआर स्कैनर के जरिए पेड़-पौधों के बारे में अब जानकारी जुटा रहे छात्र-छात्राएं: विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी विशाल शर्मा ने बताया कि, पेड़ पौधों पर क्यूआर कोड लगाकर छात्र-छात्राओं और यहां आने वाले विजिटर को शिक्षित करने का एक माध्यम बनाया गया है. कानपुर विश्वविद्यालय का कैंपस कॉफी हरा भरा है. ऐसे में इन पेड़ पौधों पर लगे स्कैनर अन्य पेड़ पौधों की अपेक्षा काफी अलग दिखाई दे रहे है. छात्र या छात्राएं जब इस क्यूआर स्कैनर को देखेंगे, तो जाहिर सी बात है, कि उनके मन में इसे स्कैन करने की जिज्ञासा जागेगी. जब इसे अपने फोन से स्कैन करेंगे, तो उन्हें पेड़ो के बारे में सारी जानकारी मिल जाएगी. जिससे, उनके जनरल नॉलेज में भी काफी ज्यादा इजाफा होगा.

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