जंगलों की आग को शांत करने के लिए मैदान में उतरी सेना, पौड़ी में एयरफोर्स ने MI 17 से बरसाया पानी - Uttarakhand forest fire - UTTARAKHAND FOREST FIRE
Pauri Forest Fire, IAF MI 17 Helicopter उत्तराखंड में वनाग्नि के तांडव को शांत करने के लिए सेना ने मोर्चा संभाल लिया है. सोमवार को पौड़ी में एयरफोर्स ने MI-17 हेलीकॉप्टर से पानी बरसाया, जिसके बाद कुछ इलाकों में जंगल की आग शांत हुई. एयरफोर्स का ऑपरेशन कल भी जारी रहेगा.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : May 6, 2024, 7:34 PM IST
|Updated : May 7, 2024, 4:26 PM IST
पौड़ी: जंगलों का लगी आग शांत होने के बचाए फैलती ही जा रही है. हालात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आग की लपटे पौड़ी जिला मुख्यालय के आसापास तक पहुंच गई है. सोमवार को वनाग्नि ने खिर्सू ब्लॉक के गोड़ख्याखाल, मांडाखाल के पास, ग्वाड़ीगाड, भटीगांव व छानी के जंगलों को भी अपनी चपेट में ले लिया था. वहीं वनाग्नि के तांडव के आगे वन विभाग समेत पूरा सिस्टम बेबस नजर आ रहा है. इसीलिए अब आखिर में प्रशासन को सेना की मदद लेनी पड़ी. एयरफोर्स ने एमआई-17 हेलीकॉप्टर के जरिए शाम को साढ़े चार बजे जंगलों की आग बुझाने का अपना ऑपरेशन शुरू कर दिया है.
एयरफोर्स ने एमआई-17 हेलीकॉप्टर की मदद से श्रीनगर डैम से पानी भरा और फिर उसे वनाग्नि प्रभावित क्षेत्रों में बरसाया, जिससे आग पर काफी हद तक नियंत्रित पाया गया. वायु सेना की 6 सदस्यीय टीम पौड़ी जनपद में आग बुझाने के लिए मैदान में उतरी थी. सोमवार को शाम 6 बजे तक वायुसेना का ऑपरेशन चला. कल भी पौड़ी में वायु सेना का ऑपरेशन जारी रहेगा. सोमवार को जीवीके हेलीपेड से आग बुझाने का कार्य शुरू किया गया था.
पौड़ी जिलाधिकारी आशिष चौहान ने बताया कि वानाग्नि की बढ़ते मामलों को देखते हुए वायुसेना की मदद ली गई है. अब तक कुल चार से पांच जगहों पर आग लगातार धधक रही है. बता दें कि वनाग्नि के कारण आसमान में धुएं का गुब्बार छाया हुआ था, जिस कारण एयरफोर्स के पायलट को एमआई-17 हेलीकॉप्टर उड़ाना भी मुश्किल हो रहा था. क्योंकि धुएं के गुब्बार के कारण विजिबिलिटी बहुत कम थी. इसीलिए सोमवार को एयरफोर्स का ऑपरेशन देर से शुरू हुआ.
वहीं, डीएफओ गढ़वाल वन प्रभाग स्वप्निल अनिरूद्ध ने बताया कि हेलीकॉप्टर संघन आरक्षित क्षेत्रों में वनाग्नि को बझा रहा है. उन्होंने बताया कि 15 फरवरी से शुरू हुए फायर सीजन से लेकर अभीतक आरक्षित व सिविल वनों में 161 घटनांए हो चुकी है. इस अग्निकांड में अभीतक विभाग को करीब चार लाख 70 हजार रुपए का नुकसान हुआ है. विभाग की मानें तो आरक्षित में 54 व सिविल में 107 घटनाएं हुई.
विभाग के मुताबिक गढ़वाल डिविजन की छह रेंजों में से पौड़ी, पोखड़ा और दीवा रेंज में आग की 54 घटनाएं हुई, जबकि पैठाणी, पूर्वी व पश्चिमी अमेली रेंज में आग की एक भी घटनाएं नहीं घटी है. मांडाखाल के समीप के जंगलों में आग फिर से शुरू हो गई है, जो कि धीरे धीरे गोड़ख्याखाल तक पहुंच गई.
डीएफओ गढ़वाल वन प्रभाग स्वप्निल अनिरूद्ध के मुताबिक विभागीय टीमों को वनाग्नि से निपटने के लिए तैनात किया गया है. पौड़ी जिले में वनाग्नि पौड़ी इंडोर स्टेडियम को हॉस्टल को भी अपने चपेट में ले लिया था, जिसका पौड़ी डीएम आशीष चौहान जायजा लिया.
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