नई दिल्ली : केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने मंगलवार को कहा कि फसलों के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी वाला कानून सभी हितधारकों से परामर्श किए बिना जल्दबाजी में नहीं लाया जा सकता है. साथ ही उन्होंने प्रदर्शनकारी किसान समूहों से इस मुद्दे पर सरकार के साथ रचनात्मक चर्चा करने का आग्रह किया. मुंडा ने एक साक्षात्कार में प्रदर्शनकारी किसानों को कुछ तत्वों के बारे में 'जागरूक और सतर्क' रहने के लिए आगाह किया, जो राजनीतिक लाभ के लिए उनके विरोध प्रदर्शन को बदनाम कर सकते हैं.
मुंडा उस मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं, जिसने किसानों की चिंताओं को हल करने के लिए चंडीगढ़ में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक), किसान मजदूर मोर्चा सहित विभिन्न किसान समूहों के साथ दो दौर की चर्चा की. हालांकि, बातचीत बेनतीजा रहने पर किसान समूहों ने मंगलवार को अपना 'दिल्ली चलो' मार्च शुरू कर दिया है. मुंडा ने कहा कि दो दौर की चर्चा में हम उनकी कई मांगों पर सहमत हुए. लेकिन कुछ मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई. बातचीत अभी भी जारी है.
इधर, कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि वह स्वामीनाथन आयोग के सुझाव के अनुसार प्रत्येक किसान को एमएसपी देने करने के लिए एक कानून सुनिश्चित करेगी. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट में कहा, 'यह न्याय के रास्ते पर कांग्रेस की पहली गारंटी है. यह कदम 15 करोड़ किसान परिवारों की भलाई सुनिश्चित करके उनके जीवन को बदल देगा.
पूर्व पार्टी प्रमुख ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर उनकी उचित मांग को स्वीकार करने के बजाय किसानों के खिलाफ आंसू गैस का इस्तेमाल कर रही है और उन्हें जेलों में डाल रही है. अंबिकापुर में अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तहत एक सभा को संबोधित करते हुए राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर देश में छोटे व्यापारियों को बर्बाद करने के लिए जीएसटी और नोटबंदी को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया.