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रुपौली के बाद फिर बिहार में 4 सीटों पर उपचुनाव, NDA को फिर लगेगा झटका या INDIA का बढ़ेगा रुतबा, जानें पूरा गणित - Bihar Assembly By election - BIHAR ASSEMBLY BY ELECTION

Bihar Assembly By election : फिर से बिहार विधानसभा की 4 सीटों पर उपचुनाव है. एक बार फिर रुपौली के बाद इन चार सीटों को लेकर दलों में माथापच्ची शुरू हो गई है. लेकिन रुपौली में जिस तरीके से जनता ने दलों को नकारकर निर्दलियों पर भरोसा जताया उससे उनकी चिंता बढ़ गई है. इस विजय उपचुनाव में जो भी दल जीतेगा उसके लिए 2025 के विधानसभा चुनाव में नैतिक रूप से बूस्टर का काम करेगा. उपचुनाव को लेकर क्या है गणित समझें-

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 15, 2024, 7:47 PM IST

बिहार विधानसभा की 4 सीटों पर उपचुनाव (Etv Bharat)

पटना : रुपौली विधानसभा उपचुनाव का रिजल्ट एनडीए और इंडिया दोनों गठबंधन के लिए एक झटका साबित हुआ है. दोनों गठबंधन के बड़े दलों को एक निर्दलीय उम्मीदवार ने चुनाव में शिकस्त दिया है. बिहार की विधानसभा सीटों पर बहुत जल्द उपचुनाव होना है. रुपौली कुछ चुनाव के रिजल्ट के बाद अब एक बार फिर से क्या लगने लगा है कि क्या फिर से इन चार सीटों पर कोई चौंकाने वाले परिणाम तो नहीं होंगे.

किन सीटों पर होना है चुनाव : बिहार की चार विधानसभा सीटों तरारी, रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज में उपचुनाव होना है. इन चारों सीट के विधायकों सुदामा प्रसाद सुधाकर सिंह सुरेंद्र यादव और जीतन राम मांझी ने लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की, जिसके कारण उपचुनाव होना है. सूत्रों की मानें तो चार सीटों में से बीजेपी तरारी एवं रामगढ़, जेडीयू बेलागंज और हम इमामगंज सीट पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. चारों सीटों पर एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला होगा.

तरारी विधानसभा उपचुनाव: तरारी विधानसभा सीट भोजपुर जिला में आता है. पिछले दो विधानसभा चुनाव से इस सीट पर सीपीआईएमएल के कब्जे में है. 2015 और 2020 विधानसभा चुनाव में सुदामा प्रसाद ने यहां से जीत दर्ज की थी. 2015 में सुदामा प्रसाद भाकपा (माले) के टिकट पर यहां से जीते थे. उनके और LJP उम्मीदवार गीता पांडे को मात्र 272 वोटों के अंतर से हराया था.

चुनाव लड़ने की तैयारी में सपीआईएम कैंडिडेट : 2020 विधानसभा चुनाव में सुदामा प्रसाद में निर्दलीय प्रत्याशी सुनील पांडे को 11015 मतों से पराजित किया था. वहां से भाजपा प्रत्याशी कौशल किशोर विद्यार्थी तीसरे नंबर पर रहे थे. उन्हें मात्र 13833 वोट ही मिला था. बिहार विधानसभा के उपचुनाव में इस सीट पर फिर से बीजेपी की दावेदारी है. यहां पर सीपीआईएमएल के कैंडिडेट भी चुनाव लड़ेंगे. लेकिन यहां का चुनाव इसलिए दिलचस्प होने की संभावना है क्योंकि एक बार फिर से बाहुबली सुनील पांडे चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं.

रुपौली जैसा हो सकता है रिजल्ट : पिछले दो विधानसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर उन्हीं का प्रत्याशी रहा था. 2015 में उनकी पत्नी गीता पांडे चुनाव लड़ी थी तो 2020 में वह खुद विधानसभा का चुनाव लड़े थे. यदि सुनील पांडे उपचुनाव में फिर से खड़े होते हैं तो यहां रुपौली जैसा परिणाम देखने को मिल सकता है. इसका कारण यह है कि सुनील पांडे पीरो विधानसभा क्षेत्र से इस क्षेत्र से कई बार विधायक रह चुके हैं. 2008 के परिसीमन में यह क्षेत्र तरारी विधानसभा बना था.

रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव: कैमूर जिला का रामगढ़ सीट जगदानंद सिंह की परंपरागत सीट रही है. 2020 विधानसभा चुनाव में राजद ने जगदानंद सिंह के पुत्र सुधाकर सिंह को यहां से आरजेडी का प्रत्याशी बनाया. 2020 विधानसभा चुनाव में रामगढ़ सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले में आरजेडी प्रत्याशी सुधाकर सिंह को जीत मिली थी. राजद उम्मीदवार सुधाकर सिंह ने अपने प्रतिद्वंदी और बसपा नेता अंबिका यादव को कुल 189 वोटों से हराया था. वहीं तीसरे नंबर पर भाजपा प्रत्याशी रहे थे. बीजेपी के उम्मीदवार अशोक कुमार सिंह को 55 हजार 750 मत प्राप्त हुआ था.

जगदानंद सिंह अपने दूसरे बेटे को उम्मीदवार बनाएंगे : 2015 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में रामगढ़ सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर सेंध लगाई थी. 2015 विधानसभा चुनाव में बीजेपी के अशोक कुमार सिंह ने जीत हासिल की थी. इस बार के चुनाव में फिर से अशोक कुमार सिंह बीजेपी के तरफ से दावेदारी पेश कर रहे हैं. तो उनके खिलाफ राजद ने जगदानंद सिंह के दूसरे पुत्र अजीत कुमार सिंह को अपना उम्मीदवार बनाने का मन बना लिया है. इस उपचुनाव में एक बार फिर से रामगढ़ सीट पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है.

बेलागंज विधानसभा उपचुनाव : बेलागंज विधानसभा क्षेत्र के बारे में कहा जाता है कि यह आरजेडी का सबसे सेफ सीट है. बेलागंज सीट पर लालू प्रसाद यादव के करीबी सुरेंद्र प्रसाद यादव ने 2020 विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी. सुरेंद्र यादव की बेलागंज से यह लगातार 7वीं जीत थी. 2020 विधानसभा चुनाव में सुरेंद्र प्रसाद यादव ने जेडीयू के अभय कुमार सिन्हा को 23963 वोट से हराया था. इस उप चुनाव में आरजेडी के टिकट पर सुरेंद्र यादव के पुत्र विश्वनाथ यादव ने अपने दावेदारी पेश की है. उम्मीद है कि राजद सुरेंद्र यादव के पुत्र विश्वनाथ यादव को टिकट देगी.

इमामगंज विधानसभा उपचुनाव: गया के इमामगंज विधानसभा क्षेत्र से हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के जीतनराम मांझी 2020 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी. जीतनराम मांझी ने राजद के वरिष्ठ नेता उदय नारायण चौधरी को 16000 से ज्यादा मतों से पराजित किया था. इस बार हम (से) से जीतनराम मांझी के दूसरे पुत्र प्रवीण मांझी को उतराने की तैयारी है. उनका मुकाबला फिर से राजद के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी से होने की संभावना है.

उपचुनाव में आरजेडी का जीत का दावा : बिहार विधानसभा की चार सीटों पर होने वाले उप चुनाव को लेकर राजनीतिक दल अभी से दावा करना शुरू कर दिए हैं. वैसे पार्टी की तरफ से रुपौली विधानसभा उपचुनाव में भी जीत का दावा किया गया था. चार सीटों पर जीत का दावा करते हुए राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि रुपौली जदयू की सीटिंग सीट थी.

''हमारी पार्टी रुपौली में तीसरे नंबर पर रही लेकिन जेडीयू को जिस तरीके से वहां के जनता ने नकारा है यह बहुत बड़ा संदेश है. उसे सीट पर हमारे उम्मीदवार के तरफ से क्या गलती की गई इसकी समीक्षा की जाएगी.''- मृत्युंजय तिवारी, प्रवक्ता, आरजेडी

'उपचुनाव में जीतेगी आरजेडी' : मृत्युंजय तिवारी ने चार सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर दावा करते हुए कहा कि इन चार में से दो सीट आरजेडी के कोटे में है. लेकिन जिन चार सीटों पर उपचुनाव होना है उन सभी सीटों पर राजद समर्थित गठबंधन का जीत सुनिश्चित है. उन्होंने दावा किया कि न केवल हम यह उपचुनाव जीतेंगे बल्कि आगामी विधानसभा का चुनाव भी राजद जीतने जा रही है.

एनडीए का अलग दावा : बिहार की चार सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर बीजेपी का दावा है कि यह उपचुनाव राजद के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनने जा रहा है. क्योंकि 4 में से तीन सीट पर महागठबंधन का कब्जा है. सिर्फ एक सीट इमामगंज पर एनडीए का कब्जा है. भाजपा प्रवक्ता राकेश सिंह का दावा है कि आगामी विधानसभा उपचुनाव में एनडीए गठबंधन सभी चार सीट पर जीत हासिल करेगी.

''रुपौली विधानसभा का उपचुनाव में विपक्षी दल तीसरे नंबर पर रही है और पूर्णिया के लोकसभा चुनाव में भी राजद तीसरे नंबर पर थी. यहां के मतदाताओं ने तय कर लिया है कि उपचुनाव हो या विधानसभा का चुनाव आरजेडी को बिहार में तीसरे नंबर पर पहुंचना है.''- राकेश सिंह, प्रवक्ता, बीजेपी

उपचुनाव को लेकर समीक्षक की राय : बिहार विधानसभा के होने वाले चार सीटों पर उपचुनाव को लेकर वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि ''बिहार विधानसभा में जिस तरीके से संख्या बल की स्थिति है, उसमें बिहार के दोनों गठबंधनों के लिए यह लिटमस टेस्ट है. रुपौली विधानसभा उपचुनाव ने यह साबित किया कि आप जैसा चाहते हैं, वैसा उम्मीदवार आप नहीं उतार सकते.

''जिन चार सीटों पर चुनाव होना है उसमें तीन पर इंडिया गठबंधन का कब्जा है. इन तीन सीटों पर चुनौती मुख्य रूप से तेजस्वी यादव के लिए है कि वह अपना सीट बचाते हैं या नहीं. विधानसभा में संख्या बल जिस तरीके से स्थित है उसको देखते हुए एनडीए चाहेगी कि इन सभी सीटों पर उनकी जीत हो. बेलागंज विधानसभा की सीट ऐसी है जहां पर पिछले 35 वर्षों से कभी भी एनडीए नहीं जीत सकी है.''- कौशलेन्द्र प्रियदर्शी, वरिष्ठ पत्रकार

जीत दोनों के लिए जरूरी : आने वाले समय में चुनाव परिणाम क्या होगा यह वक्त बताएगा. लेकिन इस उपचुनाव में चुनौती यदि किसी के सामने है तो वह तेजस्वी यादव और लालू यादव हैं. इस उपचुनाव में एनडीए को गेन करने का मौका है. इन चार सीट में से यदि दो-तीन सीट भी एनडीए जीत जाती है तो इसका दूरगामी परिणाम आगामी होने वाले विधानसभा चुनाव में होगा.

रुपौली के रिजल्ट के बाद दलों की चिंता बढ़ी : बिहार में रूपौली के बाद अब 4 सीटों पर उपचुनाव, एनडीए को फिर लगेगा झटका या इंडिया का बढ़ेगा रुतबा यह चुनाव परिणाम ही बताएगा. लेकिन रुपौली विधानसभा का चुनाव परिणाम जिस तरीके से सामने आया है और आम लोगों ने दलीय प्रत्याशी के बदले निर्दलीय प्रत्याशी पर अपना भरोसा जताया है. यह बिहार के सभी बड़े राजनीतिक दलों के लिए चिंता का कारण बन गया है.

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पटना : रुपौली विधानसभा उपचुनाव का रिजल्ट एनडीए और इंडिया दोनों गठबंधन के लिए एक झटका साबित हुआ है. दोनों गठबंधन के बड़े दलों को एक निर्दलीय उम्मीदवार ने चुनाव में शिकस्त दिया है. बिहार की विधानसभा सीटों पर बहुत जल्द उपचुनाव होना है. रुपौली कुछ चुनाव के रिजल्ट के बाद अब एक बार फिर से क्या लगने लगा है कि क्या फिर से इन चार सीटों पर कोई चौंकाने वाले परिणाम तो नहीं होंगे.

किन सीटों पर होना है चुनाव : बिहार की चार विधानसभा सीटों तरारी, रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज में उपचुनाव होना है. इन चारों सीट के विधायकों सुदामा प्रसाद सुधाकर सिंह सुरेंद्र यादव और जीतन राम मांझी ने लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की, जिसके कारण उपचुनाव होना है. सूत्रों की मानें तो चार सीटों में से बीजेपी तरारी एवं रामगढ़, जेडीयू बेलागंज और हम इमामगंज सीट पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. चारों सीटों पर एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला होगा.

तरारी विधानसभा उपचुनाव: तरारी विधानसभा सीट भोजपुर जिला में आता है. पिछले दो विधानसभा चुनाव से इस सीट पर सीपीआईएमएल के कब्जे में है. 2015 और 2020 विधानसभा चुनाव में सुदामा प्रसाद ने यहां से जीत दर्ज की थी. 2015 में सुदामा प्रसाद भाकपा (माले) के टिकट पर यहां से जीते थे. उनके और LJP उम्मीदवार गीता पांडे को मात्र 272 वोटों के अंतर से हराया था.

चुनाव लड़ने की तैयारी में सपीआईएम कैंडिडेट : 2020 विधानसभा चुनाव में सुदामा प्रसाद में निर्दलीय प्रत्याशी सुनील पांडे को 11015 मतों से पराजित किया था. वहां से भाजपा प्रत्याशी कौशल किशोर विद्यार्थी तीसरे नंबर पर रहे थे. उन्हें मात्र 13833 वोट ही मिला था. बिहार विधानसभा के उपचुनाव में इस सीट पर फिर से बीजेपी की दावेदारी है. यहां पर सीपीआईएमएल के कैंडिडेट भी चुनाव लड़ेंगे. लेकिन यहां का चुनाव इसलिए दिलचस्प होने की संभावना है क्योंकि एक बार फिर से बाहुबली सुनील पांडे चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं.

रुपौली जैसा हो सकता है रिजल्ट : पिछले दो विधानसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर उन्हीं का प्रत्याशी रहा था. 2015 में उनकी पत्नी गीता पांडे चुनाव लड़ी थी तो 2020 में वह खुद विधानसभा का चुनाव लड़े थे. यदि सुनील पांडे उपचुनाव में फिर से खड़े होते हैं तो यहां रुपौली जैसा परिणाम देखने को मिल सकता है. इसका कारण यह है कि सुनील पांडे पीरो विधानसभा क्षेत्र से इस क्षेत्र से कई बार विधायक रह चुके हैं. 2008 के परिसीमन में यह क्षेत्र तरारी विधानसभा बना था.

रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव: कैमूर जिला का रामगढ़ सीट जगदानंद सिंह की परंपरागत सीट रही है. 2020 विधानसभा चुनाव में राजद ने जगदानंद सिंह के पुत्र सुधाकर सिंह को यहां से आरजेडी का प्रत्याशी बनाया. 2020 विधानसभा चुनाव में रामगढ़ सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले में आरजेडी प्रत्याशी सुधाकर सिंह को जीत मिली थी. राजद उम्मीदवार सुधाकर सिंह ने अपने प्रतिद्वंदी और बसपा नेता अंबिका यादव को कुल 189 वोटों से हराया था. वहीं तीसरे नंबर पर भाजपा प्रत्याशी रहे थे. बीजेपी के उम्मीदवार अशोक कुमार सिंह को 55 हजार 750 मत प्राप्त हुआ था.

जगदानंद सिंह अपने दूसरे बेटे को उम्मीदवार बनाएंगे : 2015 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में रामगढ़ सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर सेंध लगाई थी. 2015 विधानसभा चुनाव में बीजेपी के अशोक कुमार सिंह ने जीत हासिल की थी. इस बार के चुनाव में फिर से अशोक कुमार सिंह बीजेपी के तरफ से दावेदारी पेश कर रहे हैं. तो उनके खिलाफ राजद ने जगदानंद सिंह के दूसरे पुत्र अजीत कुमार सिंह को अपना उम्मीदवार बनाने का मन बना लिया है. इस उपचुनाव में एक बार फिर से रामगढ़ सीट पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है.

बेलागंज विधानसभा उपचुनाव : बेलागंज विधानसभा क्षेत्र के बारे में कहा जाता है कि यह आरजेडी का सबसे सेफ सीट है. बेलागंज सीट पर लालू प्रसाद यादव के करीबी सुरेंद्र प्रसाद यादव ने 2020 विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी. सुरेंद्र यादव की बेलागंज से यह लगातार 7वीं जीत थी. 2020 विधानसभा चुनाव में सुरेंद्र प्रसाद यादव ने जेडीयू के अभय कुमार सिन्हा को 23963 वोट से हराया था. इस उप चुनाव में आरजेडी के टिकट पर सुरेंद्र यादव के पुत्र विश्वनाथ यादव ने अपने दावेदारी पेश की है. उम्मीद है कि राजद सुरेंद्र यादव के पुत्र विश्वनाथ यादव को टिकट देगी.

इमामगंज विधानसभा उपचुनाव: गया के इमामगंज विधानसभा क्षेत्र से हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के जीतनराम मांझी 2020 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी. जीतनराम मांझी ने राजद के वरिष्ठ नेता उदय नारायण चौधरी को 16000 से ज्यादा मतों से पराजित किया था. इस बार हम (से) से जीतनराम मांझी के दूसरे पुत्र प्रवीण मांझी को उतराने की तैयारी है. उनका मुकाबला फिर से राजद के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी से होने की संभावना है.

उपचुनाव में आरजेडी का जीत का दावा : बिहार विधानसभा की चार सीटों पर होने वाले उप चुनाव को लेकर राजनीतिक दल अभी से दावा करना शुरू कर दिए हैं. वैसे पार्टी की तरफ से रुपौली विधानसभा उपचुनाव में भी जीत का दावा किया गया था. चार सीटों पर जीत का दावा करते हुए राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि रुपौली जदयू की सीटिंग सीट थी.

''हमारी पार्टी रुपौली में तीसरे नंबर पर रही लेकिन जेडीयू को जिस तरीके से वहां के जनता ने नकारा है यह बहुत बड़ा संदेश है. उसे सीट पर हमारे उम्मीदवार के तरफ से क्या गलती की गई इसकी समीक्षा की जाएगी.''- मृत्युंजय तिवारी, प्रवक्ता, आरजेडी

'उपचुनाव में जीतेगी आरजेडी' : मृत्युंजय तिवारी ने चार सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर दावा करते हुए कहा कि इन चार में से दो सीट आरजेडी के कोटे में है. लेकिन जिन चार सीटों पर उपचुनाव होना है उन सभी सीटों पर राजद समर्थित गठबंधन का जीत सुनिश्चित है. उन्होंने दावा किया कि न केवल हम यह उपचुनाव जीतेंगे बल्कि आगामी विधानसभा का चुनाव भी राजद जीतने जा रही है.

एनडीए का अलग दावा : बिहार की चार सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर बीजेपी का दावा है कि यह उपचुनाव राजद के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनने जा रहा है. क्योंकि 4 में से तीन सीट पर महागठबंधन का कब्जा है. सिर्फ एक सीट इमामगंज पर एनडीए का कब्जा है. भाजपा प्रवक्ता राकेश सिंह का दावा है कि आगामी विधानसभा उपचुनाव में एनडीए गठबंधन सभी चार सीट पर जीत हासिल करेगी.

''रुपौली विधानसभा का उपचुनाव में विपक्षी दल तीसरे नंबर पर रही है और पूर्णिया के लोकसभा चुनाव में भी राजद तीसरे नंबर पर थी. यहां के मतदाताओं ने तय कर लिया है कि उपचुनाव हो या विधानसभा का चुनाव आरजेडी को बिहार में तीसरे नंबर पर पहुंचना है.''- राकेश सिंह, प्रवक्ता, बीजेपी

उपचुनाव को लेकर समीक्षक की राय : बिहार विधानसभा के होने वाले चार सीटों पर उपचुनाव को लेकर वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि ''बिहार विधानसभा में जिस तरीके से संख्या बल की स्थिति है, उसमें बिहार के दोनों गठबंधनों के लिए यह लिटमस टेस्ट है. रुपौली विधानसभा उपचुनाव ने यह साबित किया कि आप जैसा चाहते हैं, वैसा उम्मीदवार आप नहीं उतार सकते.

''जिन चार सीटों पर चुनाव होना है उसमें तीन पर इंडिया गठबंधन का कब्जा है. इन तीन सीटों पर चुनौती मुख्य रूप से तेजस्वी यादव के लिए है कि वह अपना सीट बचाते हैं या नहीं. विधानसभा में संख्या बल जिस तरीके से स्थित है उसको देखते हुए एनडीए चाहेगी कि इन सभी सीटों पर उनकी जीत हो. बेलागंज विधानसभा की सीट ऐसी है जहां पर पिछले 35 वर्षों से कभी भी एनडीए नहीं जीत सकी है.''- कौशलेन्द्र प्रियदर्शी, वरिष्ठ पत्रकार

जीत दोनों के लिए जरूरी : आने वाले समय में चुनाव परिणाम क्या होगा यह वक्त बताएगा. लेकिन इस उपचुनाव में चुनौती यदि किसी के सामने है तो वह तेजस्वी यादव और लालू यादव हैं. इस उपचुनाव में एनडीए को गेन करने का मौका है. इन चार सीट में से यदि दो-तीन सीट भी एनडीए जीत जाती है तो इसका दूरगामी परिणाम आगामी होने वाले विधानसभा चुनाव में होगा.

रुपौली के रिजल्ट के बाद दलों की चिंता बढ़ी : बिहार में रूपौली के बाद अब 4 सीटों पर उपचुनाव, एनडीए को फिर लगेगा झटका या इंडिया का बढ़ेगा रुतबा यह चुनाव परिणाम ही बताएगा. लेकिन रुपौली विधानसभा का चुनाव परिणाम जिस तरीके से सामने आया है और आम लोगों ने दलीय प्रत्याशी के बदले निर्दलीय प्रत्याशी पर अपना भरोसा जताया है. यह बिहार के सभी बड़े राजनीतिक दलों के लिए चिंता का कारण बन गया है.

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