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पटना के होटल में लगी आग से 6 की गई जान, करोड़ों का होटल भी स्वाहा, क्या नहीं थे फायर सेफ्टी के इंतजाम? - Fire In Patna

8 PEOPLE DIED IN FIRE IN PATNA : बिहार के पटना जंक्शन के पास एक होटल में आग लगने से 6 जिंदगियां काल के गाल में समा गई. इस हृदयविदारक घटना पर सीएम नीतीश ने भी दुख जताया है. वहीं होटल में लगी इस आग ने एक बार फिर फायर सेफ्टी पर सवाल खड़े कर दिए हैं. सवाल उठ रहे हैं कि क्या फायर सेफ्टी का ऑडिट किया गया था? आखिर भीड़ भाड़ वाले इलाके में हुई अग्निकांड का जिम्मेदार कौन है? किसकी लापरवाही ने 6 जानों की बलि ले ली?

पटना जंक्शन होटल अग्निकांड में 6 लोगों की मौत, फायर सेफ्टी मानकों की जांच के बाद हो सकती है होटल पर कार्रवाई
पटना जंक्शन होटल अग्निकांड में 6 लोगों की मौत, फायर सेफ्टी मानकों की जांच के बाद हो सकती है होटल पर कार्रवाई
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 25, 2024, 6:00 PM IST

Updated : Apr 27, 2024, 12:22 PM IST

पटना जंक्शन होटल अग्निकांड में 6 लोगों की मौत

पटना: गुरुवार को सुबह 11 बजे पटना जंक्शन के पास स्थित एक होटल में लगी भीषण आग से 6 लोगों की मौत हो गई. खबर के मुताबिक गंभीर रूप से जख्मी दो और लोगों ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है. कुल 45 लोगों का रेस्क्यू किया गया था. करीब 4-5 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद इस भीषण आग पर फायर ब्रिगेड की टीम ने काबू पाया. इस घटना ने एक बार फिर से होटलों की फायर सेफ्टी की पोल खोल कर रख दी है. एफएसएल की टीम और एनडीआरएफ की टीम मामले की जांच में जुटी है.

पटना में आग से 6 लोगों की मौत: राजधानी पटना के स्टेशन के पास स्थित गोलंबर इलाके की इस घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है. 6 लोगों की मौत के बाद एक बार फिर से फायर सेफ्टी के मानकों को देखा जा रहा है. अग्निशमन विभाग की डीजी शोभा अहोतकर ने पूरे मामले में कहा कि प्रथम दृष्ट्या ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सिंलेडर पर खाना पकाने के दरमियान आग लगी होगी. फायर सेफ्टी के मानकों का ख्याल रखा जाता तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती.

फायर सेफ्टी मानकों की जांच
फायर सेफ्टी मानकों की जांच

'फायर सेफ्टी के मानकों का नहीं रखा गया ख्याल': अग्निशमन विभाग की डीजी शोभा अहोतकर ने बताया कि आए दिन होटल को फायर सेफ्टी का निर्देश दिया जाता है, लेकिन इन लोगों के द्वारा ध्यान नहीं दिया जाता है. कहीं ना कहीं कहा जा सकता है कि होटल में फायर सेफ्टी का ख्याल नहीं रखा गया था जिसके कारण इतनी बड़ी घटना हुई है. हालांकि पूरे मामले की जांच फिलहाल चल रही है. साथ ही इस आग के कारण करोड़ों का पाल होटल पूरी तरह से जल चुका है. इस होटल का चेन है, अनुमान के मुताबिक आग की इस घटना में 11 से 12 करोड़ का नुकसान हुआ है. हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की गई है.

"जांच के बाद होटल पर कार्रवाई होगी. हमने सबका ऑडिट किया है. ऐसे कन्जेस्टेड एरिया पर हमारा फोकस रहता है. एसडीओ को हमने कार्रवाई करने को कहा है. इनपर कड़ी कार्रवाई होगी. फायर ब्रिगेड के कर्मियों के द्वारा काफी सराहनीय कार्य किया गया है. वहीं कोतवाली थाने की पुलिस के द्वारा भी काफी अच्छा कार्य किया गया. इन लोगों के नाम गैलेंट्री के लिए भी नामित किए जाएंगे."-शोभा अहोतकर, डीजी, फायर ब्रिगेड

आग के बाद पाल होटल का नजारा
आग के बाद पाल होटल का नजारा

'मृतकों की नहीं हो सकी है पहचान': वहीं सिटी एसपी सेंट्रल चंद्र प्रकाश ने बताया है कि 'इस आग की घटना में छह लोगों की मौत हो गई है. हालांकि अभी उन लोगों की पहचान नहीं हो पाई है. पुलिस पहचान करने में जुटी है. वहीं लगभग 20 लोग जख्मी हुए हैं तथा जो दो लोगों की स्थिति अभी नाजुक बताई जा रही है. सभी को रेस्क्यू करके पीएमसीएच में भर्ती कराया गया है.'

घंटों की मशक्कत के बाद आग पर पाया गया काबू: बता दें कि पाल होटल में जैसे ही आग लगी पूरे आसपास के इलाके में अफरा तफरी का माहौल हो गया. वहीं आसपास के दुकानदार भी काफी भयभीत हो गए. देखते ही देखते भारी संख्या में लोगों की भीड़ जुट गई. लगभग 50 से अधिक दमकल की गाड़ियां लगाई गई जिसके बाद काफी मशक्कत से आग पर काबू पाया गया.

कौन है 6 लोगों की मौत का गुनहगार: वहीं इस अगलगी की घटना में लगभग 45 आदमी को रेस्क्यू करके बाहर निकल गया है. लगभग 20 लोग झुलस गए और इनमें से 6 लोगों की मौत हो गई, जिसमें तीन पुरुष और तीन महिला हैं. वहीं दो गंभीर रूप से झुलसे लोगों का पीएमसीएच में इलाज चल रहा है. अग्निशमन विभाग की तरफ से लगातार आग से बचने के लिए जगह-जगह होर्डिंग पोस्टर भी लगाए गए हैं. जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जाते रहते हैं.

फायर सेफ्टी मानक क्या है?: फायर सेफ्टी मानक के तहत कुछ खास बातों का ध्यान रखना पड़ता है. होटलों, संस्थाओं और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में अग्नि सुरक्षा के उपकरण अवश्य उपलब्ध होने चाहिए. अग्निशमन विभाग से एनओसी भी लेना होता है. बिल्डिंग में स्मोक डिटेक्टर लगा होना बेहद जरूरी है, ताकि खतरे के समय अलार्म बज सके और अलर्ट हो जाएं. बड़ी इमारतों में सतह को गीला करने के लिए शावर और पानी छिड़काव के लिए स्प्रिंकलर होना चाहिए. हर एक फ्लोर पर दो अग्निशामक यंत्र होना चाहिए. सीढ़ी की चौड़ाई 4.5 फीट होनी चाहिए. समय-समय पर इस सारी चीजों की जांच भी जरूरी है.

पटना जंक्शन होटल अग्निकांड में 6 लोगों की मौत

पटना: गुरुवार को सुबह 11 बजे पटना जंक्शन के पास स्थित एक होटल में लगी भीषण आग से 6 लोगों की मौत हो गई. खबर के मुताबिक गंभीर रूप से जख्मी दो और लोगों ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है. कुल 45 लोगों का रेस्क्यू किया गया था. करीब 4-5 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद इस भीषण आग पर फायर ब्रिगेड की टीम ने काबू पाया. इस घटना ने एक बार फिर से होटलों की फायर सेफ्टी की पोल खोल कर रख दी है. एफएसएल की टीम और एनडीआरएफ की टीम मामले की जांच में जुटी है.

पटना में आग से 6 लोगों की मौत: राजधानी पटना के स्टेशन के पास स्थित गोलंबर इलाके की इस घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है. 6 लोगों की मौत के बाद एक बार फिर से फायर सेफ्टी के मानकों को देखा जा रहा है. अग्निशमन विभाग की डीजी शोभा अहोतकर ने पूरे मामले में कहा कि प्रथम दृष्ट्या ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सिंलेडर पर खाना पकाने के दरमियान आग लगी होगी. फायर सेफ्टी के मानकों का ख्याल रखा जाता तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती.

फायर सेफ्टी मानकों की जांच
फायर सेफ्टी मानकों की जांच

'फायर सेफ्टी के मानकों का नहीं रखा गया ख्याल': अग्निशमन विभाग की डीजी शोभा अहोतकर ने बताया कि आए दिन होटल को फायर सेफ्टी का निर्देश दिया जाता है, लेकिन इन लोगों के द्वारा ध्यान नहीं दिया जाता है. कहीं ना कहीं कहा जा सकता है कि होटल में फायर सेफ्टी का ख्याल नहीं रखा गया था जिसके कारण इतनी बड़ी घटना हुई है. हालांकि पूरे मामले की जांच फिलहाल चल रही है. साथ ही इस आग के कारण करोड़ों का पाल होटल पूरी तरह से जल चुका है. इस होटल का चेन है, अनुमान के मुताबिक आग की इस घटना में 11 से 12 करोड़ का नुकसान हुआ है. हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की गई है.

"जांच के बाद होटल पर कार्रवाई होगी. हमने सबका ऑडिट किया है. ऐसे कन्जेस्टेड एरिया पर हमारा फोकस रहता है. एसडीओ को हमने कार्रवाई करने को कहा है. इनपर कड़ी कार्रवाई होगी. फायर ब्रिगेड के कर्मियों के द्वारा काफी सराहनीय कार्य किया गया है. वहीं कोतवाली थाने की पुलिस के द्वारा भी काफी अच्छा कार्य किया गया. इन लोगों के नाम गैलेंट्री के लिए भी नामित किए जाएंगे."-शोभा अहोतकर, डीजी, फायर ब्रिगेड

आग के बाद पाल होटल का नजारा
आग के बाद पाल होटल का नजारा

'मृतकों की नहीं हो सकी है पहचान': वहीं सिटी एसपी सेंट्रल चंद्र प्रकाश ने बताया है कि 'इस आग की घटना में छह लोगों की मौत हो गई है. हालांकि अभी उन लोगों की पहचान नहीं हो पाई है. पुलिस पहचान करने में जुटी है. वहीं लगभग 20 लोग जख्मी हुए हैं तथा जो दो लोगों की स्थिति अभी नाजुक बताई जा रही है. सभी को रेस्क्यू करके पीएमसीएच में भर्ती कराया गया है.'

घंटों की मशक्कत के बाद आग पर पाया गया काबू: बता दें कि पाल होटल में जैसे ही आग लगी पूरे आसपास के इलाके में अफरा तफरी का माहौल हो गया. वहीं आसपास के दुकानदार भी काफी भयभीत हो गए. देखते ही देखते भारी संख्या में लोगों की भीड़ जुट गई. लगभग 50 से अधिक दमकल की गाड़ियां लगाई गई जिसके बाद काफी मशक्कत से आग पर काबू पाया गया.

कौन है 6 लोगों की मौत का गुनहगार: वहीं इस अगलगी की घटना में लगभग 45 आदमी को रेस्क्यू करके बाहर निकल गया है. लगभग 20 लोग झुलस गए और इनमें से 6 लोगों की मौत हो गई, जिसमें तीन पुरुष और तीन महिला हैं. वहीं दो गंभीर रूप से झुलसे लोगों का पीएमसीएच में इलाज चल रहा है. अग्निशमन विभाग की तरफ से लगातार आग से बचने के लिए जगह-जगह होर्डिंग पोस्टर भी लगाए गए हैं. जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जाते रहते हैं.

फायर सेफ्टी मानक क्या है?: फायर सेफ्टी मानक के तहत कुछ खास बातों का ध्यान रखना पड़ता है. होटलों, संस्थाओं और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में अग्नि सुरक्षा के उपकरण अवश्य उपलब्ध होने चाहिए. अग्निशमन विभाग से एनओसी भी लेना होता है. बिल्डिंग में स्मोक डिटेक्टर लगा होना बेहद जरूरी है, ताकि खतरे के समय अलार्म बज सके और अलर्ट हो जाएं. बड़ी इमारतों में सतह को गीला करने के लिए शावर और पानी छिड़काव के लिए स्प्रिंकलर होना चाहिए. हर एक फ्लोर पर दो अग्निशामक यंत्र होना चाहिए. सीढ़ी की चौड़ाई 4.5 फीट होनी चाहिए. समय-समय पर इस सारी चीजों की जांच भी जरूरी है.

Last Updated : Apr 27, 2024, 12:22 PM IST
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