ETV Bharat / bharat

भारत के 'पड़ोसी पहले' विजन के लिए बिम्सटेक महत्वपूर्ण, विदेश मंत्रियों की बैठक में बोले जयशंकर - S Jaishankar - S JAISHANKAR

S Jaishankar Address BIMSTEC Foreign Ministers Retreat in New Delhi: नई दिल्ली में बिम्सटेक के विदेश मंत्रियों के दूसरे रीट्रीट का आयोजन हो रहा है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने समकक्षों की मेजबानी की. ईवीटी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी की रिपोर्ट...

S Jaishankar Address BIMSTEC Foreign Ministers Retreat in New Delhi
नई दिल्ली में बिम्सटेक के विदेश मंत्रियों की बैठक (@DrSJaishankar)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 11, 2024, 6:57 PM IST

नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को नई दिल्ली में बिम्सटेक विदेश मंत्रियों की बैठक में कहा कि बिम्सटेक भारत के 'पड़ोसी पहले' दृष्टिकोण, 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' और 'सागर' विजन के लिए महत्वपूर्ण है. जयशंकर ने कहा कि ये सभी प्रयास बंगाल की खाड़ी पर विशेष ध्यान केंद्रित करके किए जा रहे हैं, जहां एक-दूसरे के साथ सहयोग की क्षमता को लंबे समय से कम आंका गया है.

बिम्सटेक विदेश मंत्रियों की दूसरी बैठक में अपने उद्घाटन भाषण में जयशंकर ने कहा कि हमारी चुनौती इसे बेहतर बनाने की है और इसे तेजी से करना है. इस रीट्रीट का उद्देश्य विचारों का खुले तौर पर, स्पष्ट और लाभकारी ढंग से आदान-प्रदान करना है. बैंकॉक में इस तरह की पिछली बैठक से हम सभी को लाभ हुआ. अब इस बैठक का विशेष महत्व है क्योंकि यह इस साल के अंत में होने वाले शिखर सम्मेलन के लिए मजबूत परिणाम तैयार करने का काम करता है.

उन्होंने दोहराया कि भारत का संदेश स्पष्ट होना चाहिए कि वह बंगाल की खाड़ी के देशों के बीच सहयोग में नई ऊर्जा, नए संसाधन और नई प्रतिबद्धता को शामिल करने के लिए दृढ़ संकल्पित है. उन्होंने आगे कहा कि नई शुरुआत के लिए, बिम्सटेक चार्टर इस वर्ष 20 मई से प्रभावी हो गया है. जयशंकर ने कहा कि वैश्विक और क्षेत्रीय घटनाक्रमों के कारण यह जरूरी हो गया है कि हम आपस में ही अधिक समाधान खोजें.

विदेश मंत्री ने बताया कि क्षमता निर्माण और आर्थिक सहयोग जैसे दीर्घकालिक लक्ष्य हैं, जिन्हें नई अहमियत मिली है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बिम्सटेक के सदस्यों में काफी एकरूपता है, जो निश्चित रूप से उच्च आकांक्षाओं को जन्म देगा. उन्होंने उम्मीद जताई कि इसे साझा और महत्वाकांक्षी बिम्सटेक विजन के रूप में शामिल किया जाएगा.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को नई दिल्ली में बिम्सटेक विदेश मंत्रियों के दूसरे रीट्रीट के लिए अपने समकक्षों की मेजबानी की. दो दिवसीय यह रीट्रीट 11-12 जुलाई तक चलेगी. यह रीट्रीट बिम्सटेक देशों के विदेश मंत्रियों के लिए बंगाल की खाड़ी क्षेत्र और तटीय क्षेत्रों में सुरक्षा, संपर्क, व्यापार और निवेश, लोगों के बीच संपर्क आदि के क्षेत्रों सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को व्यापक और गहरा करने के अवसरों पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करता है.

बिम्सटेक विदेश मंत्रियों की रीट्रीट का पहला संस्करण पिछले साल 17 जुलाई को थाईलैंड के बैंकॉक में आयोजित किया गया था. बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल (बिम्सटेक), बहुआयामी सहयोग के लिए दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के सात देशों को एक साथ लाता है.

यह भी पढ़ें- भारत-चीन के बीच LAC को लेकर बातचीत का निकलेगा हल? वांग यी से हुई मुलाकात, क्या बोले जयशंकर

नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को नई दिल्ली में बिम्सटेक विदेश मंत्रियों की बैठक में कहा कि बिम्सटेक भारत के 'पड़ोसी पहले' दृष्टिकोण, 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' और 'सागर' विजन के लिए महत्वपूर्ण है. जयशंकर ने कहा कि ये सभी प्रयास बंगाल की खाड़ी पर विशेष ध्यान केंद्रित करके किए जा रहे हैं, जहां एक-दूसरे के साथ सहयोग की क्षमता को लंबे समय से कम आंका गया है.

बिम्सटेक विदेश मंत्रियों की दूसरी बैठक में अपने उद्घाटन भाषण में जयशंकर ने कहा कि हमारी चुनौती इसे बेहतर बनाने की है और इसे तेजी से करना है. इस रीट्रीट का उद्देश्य विचारों का खुले तौर पर, स्पष्ट और लाभकारी ढंग से आदान-प्रदान करना है. बैंकॉक में इस तरह की पिछली बैठक से हम सभी को लाभ हुआ. अब इस बैठक का विशेष महत्व है क्योंकि यह इस साल के अंत में होने वाले शिखर सम्मेलन के लिए मजबूत परिणाम तैयार करने का काम करता है.

उन्होंने दोहराया कि भारत का संदेश स्पष्ट होना चाहिए कि वह बंगाल की खाड़ी के देशों के बीच सहयोग में नई ऊर्जा, नए संसाधन और नई प्रतिबद्धता को शामिल करने के लिए दृढ़ संकल्पित है. उन्होंने आगे कहा कि नई शुरुआत के लिए, बिम्सटेक चार्टर इस वर्ष 20 मई से प्रभावी हो गया है. जयशंकर ने कहा कि वैश्विक और क्षेत्रीय घटनाक्रमों के कारण यह जरूरी हो गया है कि हम आपस में ही अधिक समाधान खोजें.

विदेश मंत्री ने बताया कि क्षमता निर्माण और आर्थिक सहयोग जैसे दीर्घकालिक लक्ष्य हैं, जिन्हें नई अहमियत मिली है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बिम्सटेक के सदस्यों में काफी एकरूपता है, जो निश्चित रूप से उच्च आकांक्षाओं को जन्म देगा. उन्होंने उम्मीद जताई कि इसे साझा और महत्वाकांक्षी बिम्सटेक विजन के रूप में शामिल किया जाएगा.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को नई दिल्ली में बिम्सटेक विदेश मंत्रियों के दूसरे रीट्रीट के लिए अपने समकक्षों की मेजबानी की. दो दिवसीय यह रीट्रीट 11-12 जुलाई तक चलेगी. यह रीट्रीट बिम्सटेक देशों के विदेश मंत्रियों के लिए बंगाल की खाड़ी क्षेत्र और तटीय क्षेत्रों में सुरक्षा, संपर्क, व्यापार और निवेश, लोगों के बीच संपर्क आदि के क्षेत्रों सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को व्यापक और गहरा करने के अवसरों पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करता है.

बिम्सटेक विदेश मंत्रियों की रीट्रीट का पहला संस्करण पिछले साल 17 जुलाई को थाईलैंड के बैंकॉक में आयोजित किया गया था. बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल (बिम्सटेक), बहुआयामी सहयोग के लिए दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के सात देशों को एक साथ लाता है.

यह भी पढ़ें- भारत-चीन के बीच LAC को लेकर बातचीत का निकलेगा हल? वांग यी से हुई मुलाकात, क्या बोले जयशंकर

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.