विदिशा। लॉकडाउन के बाद से ही पूरे देश से गरीबों और मजदूरों के पलायन की मार्मिक तस्वीरें सामने आ रहीं है. लोगों को दो वक्त की रोटी के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा है. महानगरों से अपने गावों की ओर पैदल जा रहे मजदूरों का राशन और भोजन कुछ ही दिन उनका सहारा बन पाता है. विदिशा के गंजबासौदा की अन्नपूर्णा सेवा समिति लॉकडाउन में डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों को खाना खिला रही है. इसके साथ ही इस संस्था के सदस्य प्रवासी मजदूरों, गरीब परिवारों और ट्रेन यात्रियों को एक फोन पर खाने पीने की चीजें उपलब्ध करा रहे हैं.
लेकिन ऐसा नही है कि संकट के समय में देश के अलग-अलग हिस्सों से केवल यही तस्वीर सामने आ रहीं हैं. कोरोना काल के समय में देश के सैकड़ों सामाजिक और धार्मिक संगठन इन बेसहारा मजदूरों के लिए भोजन और जरूरत की चीजें उपबल्ध करा रहे हैं. इस महामारी के दौरान देश ने जागरूक और जिम्मेदार नागरिकों को भी देखा है जो अपने स्तर पर इन मजदूरों को भोजन कराने ओर उन्हें गंतव्य की ओर पहुंचाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं.