ग्वालियर। ऐसा लग रहा है मानो इन दिनों प्रशासनिक अधिकारियों-कर्मचारियों का समय अच्छा नहीं चल रहा है. कभी किसी अधिकारी के पिटने की खबर आती है तो कभी किसी को धमकाने की क्योंकि बदमाशों को शायद किसी भी प्रशासनिक अधिकारी या कर्मचारी का खौफ ही नहीं रहा है. ग्वालियर के पॉश इलाके सिटी सेंटर के महाराणा प्रताप नगर में गुरुवार को अतिक्रमण विरोधी अमला जब सड़क किनारे अवैध कब्जे हटाने उतरा तो वहां मौजूद अतिक्रमणकारियों ने नगर निगम अमले पर ही हमला कर दिया.
निगम कर्मचारी को जड़े थप्पड़
एमपी नगर में संचालित रेस्टोरेंट और डांस क्लब के संचालकों ने मुख्य मार्ग को सीढ़ियां गुमठियां बनाकर सड़क पर कब्जा कर लिया था. गुरुवार को नगर निगम का अमला अतिक्रमण हटाने पहुंचा था और जैसे ही कर्मचारियों ने इस अतिक्रमण को हटाने का प्रयास किया तो यहां मौजूद रेस्टोरेंट संचालकों ने सीढ़ियों पर बैठकर विरोध किया और जेसीबी को भी रोकने का प्रयास किया. जब कर्मचारियों ने उन्हें हटाने का प्रयास किया तो एक रेस्टोरेंट और क्लब संचालक इतना गुस्से में आ गया कि उसने नगर निगम के अतिक्रमण विरोधी अमले के एक कर्मचारी को ही थप्पड़ जड़ दिये और मारपीट कर दी.
स्टेडियम के रास्ते पर था अवैध कब्जा
हालात बेकाबू होते देख निगम के आला अधिकारी बीच में आये और स्थिति को नियंत्रित किया तब जाकर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा सकी. मामले को लेकर नगर निगम के डिप्टी कमिश्नर अतिबल सिंह यादव का कहना है कि "सूचना मिली थी कि एमपी नगर का वह रास्ता जो कि रूप सिंह स्टेडियम के प्रैक्टिस ग्राउंड तक जाता है उसे पर कुछ लोगों द्वारा अतिक्रमण कर रास्ते को 10-10 फुट अवैध कब्जा कर बेहद छोटा कर दिया गया है. ऐसे में लोगों को आने जाने में परेशानी हो रही थी जिसे हटाने के लिए पूरे दलबल के साथ निगम की टीम मौके पर पहुंची थी और अभी फिलहाल अतिक्रमण को हटा दिया गया है. आने वाले समय अगर दोबारा इस तरह की स्थिति बनी तो फिर इसी प्रकार अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई की जाएगी."
4 दिन में तीसरी घटना
आपको बता दें कि सोमवार को भी ग्वालियर के भितरवार में ग्रामीणों ने आरआई और पटवारी से मारपीट की थी. इसके बाद बुधवार को एक अवैध रेत माफिया पर कार्रवाई के लिए एक ट्रक को रोका गया था लेकिन डंपर चालक ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारियों और अधिकारियों को धमकाकर अपनी रेत से भारी गाड़ी लेकर निकल गया था और अब गुरुवार को अतिक्रमण हटाने के दौरान निगम अमले से मारपीट की गई. कहीं न कहीं असामाजिक तत्वों में पुलिस प्रशासन को लेकर खत्म होते डर को उजागर कर दिया है.