नई दिल्ली : एक शोध में यह बात सामने आई है कि माइक्रोवेव ओवन में भी कुछ विशेष प्रकार के सूक्ष्मजीव मौजूद होते है. यह खोज स्वच्छता और संभावित बायोटेकनोलॉजी एप्लीकेशन के लिए महत्वपूर्ण है. स्पेन के पैटरना में डार्विन बायोप्रोस्पेक्टिंग एक्सीलेंस एसएल के शोधकर्ता डैनियल टोरेंट ने कहा, "हमारे परिणामों से पता चलता है कि घरेलू माइक्रोवेव में 'मानवकृत' माइक्रोबायोम (अन्थ्रोपाइज्ड माइक्रोबायोम) होते है ठीक वैसे जो रसोई की सतहों पर मिलते हैं, जबकि प्रयोगशाला के माइक्रोवेव में ऐसे बैक्टीरिया पनपते हैं जो ज्यादा रेडिएशन प्रतिरोधक होते हैं."
टोरेंट और उनके सहयोगियों ने 30 माइक्रोवेव ओवन से सूक्ष्मजीवों के नमूने लिए़ जिसमें से 10 एकल घरेलू रसोई से, 10 कॉरपोरेट केंद्रों और कैफेटेरिया जैसे साझा घरेलू स्थानों से और 10 आणविक जीव विज्ञान और सूक्ष्म जीव विज्ञान प्रयोगशालाओं से सैंपल लिए गए. शोध का उद्देश्य इस बात का पता लगाना था कि खाद्य संपर्क और उपयोगकर्ता की आदतें कैसे सूक्ष्मजीव समुदायों को प्रभावित करती हैं. शोधकर्ताओं ने अगली-पीढ़ी की अनुक्रमण और पांच अलग-अलग माध्यमों पर 101 स्ट्रेन्स की खेती का उपयोग करके, 25 जीवाणु फाइला में 747 विभिन्न वंशों की खोज की. सबसे आम फाइला फर्मिक्यूट्स, एक्टिनोबैक्टीरिया और प्रोटियोबैक्टीरिया थे.
घरेलू माइक्रोवेव ओवन में विविधता (डाइवर्सिटी) सबसे कम थी, तथा प्रयोगशाला वाले माइक्रोवेव ओवन में यह सबसे अधिक थी. एसीनेटोबैक्टर, भार्गविया, ब्रेवीबैक्टीरियम और राइज़ोबियम जैसे बैक्टीरिया केवल घरेलू माइक्रोवेव में पाए गए जबकि आर्थ्रोबैक्टर, एंटरोबैक्टर, जैनीबैक्टीरिया और प्लेनोकोकस साझा-घरेलू वाले में ही पाए गए. नोनोमुरिया बैक्टीरिया को केवल प्रयोगशाला माइक्रोवेव से अलग किया गया, साथ ही डेल्फ़्टिया, माइक्रोकोकस, डीनोकोकस और साइनोबैक्टीरिया की एक प्रजाति को भी अलग किया गया.