हैदराबाद:एलन मस्क के स्वामित्व वाली कंपनी SpaceX का रॉकेट भारत की स्पेस एजेंसी ISRO का सैटेलाइट लेकर अंतरिक्ष में गया. भारत से हज़ारों किलोमीटर दूर अमेरिका के फ्लोरिडा में इस रॉकेट को प्रक्षेपित किया गया. SpaceX के रॉकेट ने 34 मिनट की यात्रा के बाद ISRO के उपग्रह को सुरक्षित रूप से अंतरिक्ष में पहुंचा दिया. खास बात यह है कि यह स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट की 396वीं उड़ान थी.
स्पेसएक्स इंडिया के लिए यह इस तरह का पहला प्रक्षेपण है. इसे अमेरिका के फ्लोरिडा के केप कैनावेरल से लॉन्च किया गया. सोमवार-मंगलवार की मध्य रात्रि को एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के सबसे शानदार संचार उपग्रह को लॉन्च किया गया. यह उपग्रह दूरदराज के इलाकों में ब्रॉडबैंड सेवाएं और यात्री विमानों में उड़ान के दौरान इंटरनेट सेवा प्रदान करने में मदद करता है.
इसरो की वाणिज्यिक शाखा न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन और एमडी राधाकृष्णन डी. ने कहा कि प्रक्षेपण सफल रहा. उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि जीसैट सही कक्षा में पहुंच गया है. GSAT N-2 या GSAT 20 नाम के इस वाणिज्यिक उपग्रह का वजन 4700 किलोग्राम है. इसे केप कैनावेरल के स्पेस कॉम्प्लेक्स 40 से लॉन्च किया गया. लॉन्च पैड को SpaceX ने यूएस स्पेस फोर्स से लीज पर लिया है. स्पेस फोर्स का गठन 2019 में अमेरिका के अंतरिक्ष हितों की रक्षा के लिए किया गया था.
इसरो के अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ ने कहा कि वे बैंगलोर में यूआर राव सैटेलाइट स्टेशन से मिशन की निगरानी कर रहे थे. उन्होंने बताया कि सैटेलाइट अच्छी तरह काम कर रहा है और सोलर पैनल ने काम करना शुरू कर दिया है.
बैंगलोर यू. आर. राव सैटेलाइट सेंटर के निदेशक डॉ. एम. शंकरन ने कहा कि एक बार जब यह स्वदेशी उपग्रह चालू हो जाएगा, तो यह विश्व इंटरनेट मानचित्र पर भारत में इन-फ्लाइट इंटरनेट कनेक्टिविटी की महत्वपूर्ण कमी को पूरा करेगा. यह भारत का सबसे कुशल उपग्रह है. कहा जाता है कि यह शायद एकमात्र उपग्रह है, जो लंबे समय से प्रतीक्षित का-बैंड में विशेष रूप से संचालित होता है.