हैदराबाद: क्रिसमस का त्योहार कुछ ही समय में आने वाला है. भारत में तो कम, लेकिन अमेरिका जैसे देशों में यह त्योहार सबसे ज्यादा धूमधाम से मनाया जाता है. इसी के चलते Coca-Cola द्वारा छुट्टियों के उत्साह को तकनीक के साथ मिलाने का प्रयास किया गया और कंपनी ने AI-जनरेटेड क्रिसमस विज्ञापन जारी कर दिया. विज्ञापन के ऑनलाइन सामने आते ही लोगों के बीच आक्रोश पैदा हो गया.
जानकारी के अनुसार, 15 सेकंड के इस विज्ञापन में 1995 के प्रतिष्ठित 'हॉलिडेज़ आर कमिंग' अभियान को फिर से दर्शाया गया है, जिसमें बर्फ से ढके शहर में सोडा पहुंचाने वाले उत्सवी कोका-कोला ट्रकों का काफिला दिखाया गया है, लेकिन कई दर्शक इससे बहुत प्रभावित नहीं हुए हैं.
बताया जा रहा है कि Coca-Cola का यह विज्ञापन कंपनी के 'रियल मैजिक AI' सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके बनाया गया है. इस विज्ञापन में पूरी तरह से AI-जनरेटेड दृश्य दिखाए गए हैं, जिसमें पात्र और उत्सव के दृश्य शामिल हैं. वैश्विक पेय दिग्गज का कहना है कि यह विज्ञापन भविष्य की तकनीक के साथ अपनी पारंपरिक ब्रांड विरासत को जोड़ता है.
Coca-Cola के इस विज्ञापन को इसी सप्ताह में प्रसारित किया गया, जिसे तीखी आलोचना सामना करना पड़ा. सोशल मीडिया यूजर्स ने इसे 'डरावना', 'निराशाजनक' और 'आत्महीन' बताया और इस अभियान में मानवीय कलात्मकता की कमी पर सवाल उठाया, जिसने ऐतिहासिक रूप से मजबूत भावनात्मक प्रतिक्रियाएं पैदा की हैं.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर विज्ञापन के एक दर्शक ने दुख जताते हुए कहा कि 'अगर क्रिसमस Coca-Cola का विज्ञापन AI से बनाया गया है, तो दुनिया खत्म हो जाएगी.' एक अन्य यूट्यूब यूजर्स ने कहा कि 'यह देखकर दुख हुआ कि इसे AI से बनाया गया है.' एक्स पर एक वायरल पोस्ट में कहा गया कि 'अभी-अभी टीवी पर AI-जनरेटेड Coca-Cola का विज्ञापन देखा... वाकई, हम ऐसा कैसे होने दे रहे हैं?'
कॉर्पोरेट उत्साह के बावजूद, कई दर्शकों को लगता है कि इस विज्ञापन में मानव निर्मित अपने पूर्ववर्तियों की तरह भावनात्मक प्रतिध्वनि का अभाव है. आलोचकों का तर्क है कि AI की दक्षता प्रामाणिकता और रचनात्मकता की कीमत पर आती है, जिससे उपभोक्ता यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या तकनीक ने त्योहारों के जादू को खत्म कर दिया है. वहीं दूसरी ओर, Coca-Cola ने अपने इस निर्णय को भविष्य की ओर उठाया गया एक कदम बताया है.