पटनाः फोर व्हीलर रखने वाले लोग अपनी गाड़ी की सर्विसिंग तो हर बार कर लेते हैं लेकिन इतना ही काफी नहीं होता है. फोर व्हीलर में मेंटेनेंस के लिए और भी बहुत सारी चीज हैं. हम बात कर रहे हैं फोर व्हीलर के व्हील एलाइमेंट और व्हील बैलेंसिंग की. समय पर इनका केयर नहीं करने पर हजारों रुपए का नुकसान हो जाता है. व्हील एलाइमेंट थोड़ा भी खराब हो तो आपकी नई नवेली हाईटेक गाड़ी क्रूज मोड पर काम नहीं करेगी.
व्हील एलाइनमेंट होना जरूरीः व्हील एलाइनमेंट मेंटेनेंस सेंटर के ऑनर अजय कुमार बताते हैं कि व्हील एलाइमेंट गाड़ी का सही होना बेहद जरूरी होता है. यदि थोड़ा भी खराब हुआ तो गाड़ी एवरेज कम कर देती है. गाड़ी के एक तरफ का टायर अधिक घीस जाता है. ऐसे में टायर मेंटेनेंस कंपनियां मेंटेनेंस फेलियर का हवाला देकर टायर का इंश्योरेंस कवर नहीं करती.
कैसे पता करें गाड़ी का बिगड़ गया है व्हील एलाइमेंट "प्रत्येक 5000 किलोमीटर पर गाड़ी का व्हील एलाइमेंट चेक करना चाहिए. टायर कंपनियों फोर व्हीलर के टायर का 5 साल तक का इंश्योरेंस कवर करती है. यदि खराब व्हील एलाइमेंट पर गाड़ी डेढ़ सौ से 200 किलोमीटर चली गई तो टायर काफी तेजी से घीसकर खराब हो जाता है." -अजय कुमार, व्हील एलाइमेंट मेंटेनेंस सेंटर
व्हील एलाइमेंट से नुकसानः उन्होंने बताया कि गाड़ी का व्हील एलाइमेंट खराब होगा तो स्टेरिंग एक तरफ खींचेगा. सीधी स्टेरिंग कभी बाई की तरफ खींच रही होगी तो कभी दाएं की तरफ खींच रही होगी. जिस तरफ खींचेगी उसे तरफ एक साइड का टायर अधिक घिसेगा. अधिकांश फोर व्हीलर में क्रूज मोड आ रहा है. इसमें एक समय पर स्पीड एक्सीलेटर मेंटेन करके ड्राइवर कुछ समय के लिए स्टेरिंग से हाथ हटाकर रिलैक्स हो सकता है. एलाइमेंट खराब होगा क्रूज मोड काम नहीं करेगा.
व्हील बैलेंसिंग ठीक कराएंः अजय कुमार ने बताया कि व्हील बैलेंसिंग भी गाड़ी में महत्वपूर्ण होता है. यह गाड़ी के पहिए में होती है. व्हील बैलेंसिंग बिगड़ने पर गाड़ी में कंपन अधिक होता है. गाड़ी स्मूथ नहीं चलती और गाड़ी का एवरेज खराब हो जाता है. प्रत्येक 15000 किलोमीटर पर पहिया का व्हील बैलेंसिंग ठीक करा लेना चाहिए. इसमें पहिया को खोलकर एक खांचे में रखकर पहिया को ठीक किया जाता है. पहिया के ऊपर वजन रखकर उसे बराबर किया जाता है.
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