पटनाः निजी शिक्षण संस्थान सीमेज समूह के बीसीए फाइनल ईयर के छात्रों ने बिहार का पहला ह्यूमनॉइड रोबोट तैयार किया है. सात्विक, श्रेया, उज्जवल समेत 11 छात्र-छात्राओं की टीम ने इस रोबोट को 'सुमेध' नाम दिया है.6 फीट ऊंचा यह ह्यूमनॉइड रोबोट 'सुमेध' ताली बजाकर नाचता भी है और लोगों का मनोरंजन करता है.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की नवीनतम तकनीत से लैसः 'सुमेध'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की नवीनतम तकनीक से लैस है, जो परिचित व्यक्ति से ग्रीटिंग करते हुए उनसे हाथ मिलाता है. सवालों के जवाब भी देता है और योगा इंस्ट्रक्टर की भूमिका भी निभाता है.इसमें फेस रिकॉग्निशन की बेहतर क्षमता है और जिसे यह रिकॉग्नाइज करता है उसे ग्रीटिंग करता है और जिसे रिकॉग्नाइज नहीं करता है अथवा जो अनजान होते हैं उनके सामने आने पर अलार्म देकर अलर्ट करता है.
तैयार करने में लगे डेढ़ साल:'सुमेध' को तैयार करनेवाले छात्रों ने बताया कि "इसकी प्रोग्रामिंग से लेकर इसके लिए सामान इकट्ठा करने में करीब डेढ़ साल का समय लगा और फिर तीन दिन में इसे असेंबल किया गया है. यह रोबोट पूरी तरह मेक इन इंडिया है. सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक चिप्स इटली के लगाए गए हैं और बाकी सभी सामान भारत के हैं. इसकी प्रोग्रामिंग के लिए एड्रेनो आईडी का इस्तेमाल किया गया है."
वाइस कमांड पर रिएक्ट करता हैः छात्रों ने बताया कि "ये रिमोट सेंसर से चलता है और इसमें एंड्रॉयड 11 का वर्जन लगाया गया है. इसमें जो जानकारियां फीड की गई हैं वो तो बताता ही है, नयी जानकारियां भी इकट्ठा करता है.यदि इसके सामने कोई आता है तो आंखों को ब्लिंक कर इसकी जानकारी देता है. इसकी प्रोग्रामिंग ऐसी है कि किसी टॉपिक पर क्लासरूम में पूरा लेक्चर दे सकता है."
'बीएचयू में आयोजित कंपिटीशन से मिली प्रेरणा': सिमेज संस्थान के निदेशक प्रोफेसर नीरज अग्रवाल ने बताया कि "पिछले वर्ष वे अपने 300 छात्रों के साथ आईआईटी, बीएचयू में रोबोटिक कंपटीशन में हिस्सा लेने गए थे. यहां देश के कई शिक्षण संस्थानों के लोग रोबोटिक में एक से एक इनोवेशन के साथ पहुंचे हुए थे. यहीं से रोबोट बनाने की प्रेरणा मिली और बच्चों ने अपनी मेहनत-लगन से इसे साकार कर दिया.
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