आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई 21वीं सदी की सबसे डिफाइनिंग टेक्नोलॉजी के रूप में उभर रही है. यह इंडस्ट्री रिवॉल्यूशन के बाद सबसे बड़ी रिवॉल्यूशन है. आजकल पूरी दुनिया में चल रही एआई की रेस में OpenAI, Google और Meta जैसी कंपनियों के साथ, फिलहाल सबसे आगे अमेरिका है. हालांकि, एआई की रेस में अब चीन ने भी अमेरिका को टक्कर देने की पूरी तैयारी कर ली है. हाल ही में चीन की एक स्टार्टअप एआई कंपनी DeepSeek ने पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया और अमेरिका समेत पूरी दुनिया की एआई कंपनियों को सोचने पर मजबूर कर दिया.
चाइनीज़ स्टार्टअप कंपनी ने एक एआई चैट मॉडल, DeepSeek R1 पेश किया, जिसने एप्पल ऐप स्टोर में उपलब्ध फ्री ऐप्स की लिस्ट में टॉप का स्थान प्राप्त कर लिया और चैटजीपीटी जैसी दिग्गज एआई मॉडल को भी पीछे छोड़ दिया. इस चाइनीज़ एआई मॉडल ने एआई एफिसिएंसी, लागत में कमी और स्केलेबिलिटी में शानदार सफलता प्राप्त की है.
क्या एआई फील्ड में हुआ गेम चेंजिंग इनोवेशन?
अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इसे अपनी घरेलू कंपनियों के लिए एक वेक-अप कॉल कहा है. उन्होंने अपने देश की एआई कंपनियों से कहा कि वो इस वेक-अप कॉल से सीखें और इस प्रतिस्पर्धा में जीत को प्राथमिकता दें. यह शानदार उपलब्धि सिर्फ AI रिसर्च और व्यवसायों के लिए ही नहीं, बल्कि सैन्य रणनीति, वैश्विक आर्थिक प्रतिस्पर्धा, और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी भारी महत्व रखती है. ऐसा हो सकता है कि दुनिया भर के देश चीन के सस्ते और प्रभावी एआई सॉल्यूशन्स को अपनी सरकारों के साथ जोड़ने के लिए आगे बढ़ें. इससे देशों के बीच शक्ति संतुलन में बदलाव हो सकता है. भारत को भी तेजी से बदलते जा रहे, इस एआई लैंडस्केप में मिलने वाले नए अवसरों और खतरों, दोनों का सामना करना पड़ सकता है.
अभी तक पूरी दुनिया के ज्यादातर देशों का ऐसा मानना है कि एआई कंपनियों को GPT-4 जैसे मॉडल्स को ट्रेनिंग के लिए एक बड़े कंप्यूटेशनल पॉवर में इन्वेस्ट करना आवश्यक होता है. OpenAI ने अब तक कंप्यूटिंग खर्चों में कम से कम $100 मिलियन का निवेश किया है. इन एआई मॉडल्स को चलाने के लिए बड़े डेटाबेस की जरूरत होती है और उसे प्रोसेस करने के लिए $30,000 से $40,000 तक की कीमत वाले हजारों हाई-एंड जीपीयू (GPUs) की आवश्यकता होती है.
चीनी कंपनी डीपसीक ने इन ख़र्चों में 94% की कटौती की और सिर्फ $6 मिलियन के ट्रेनिंग खर्च के साथ एक पॉवरफुल एआई मॉडल बना लिया, जो ओपनएआई के चैटजीपीटी की तरह ही काम करता है. एआई मॉडल को बनाने के लिए खर्च को 94% तक कम करना पूरी दुनिया के लिए हैरान करने वाली बात है. डीपसीक ने इसके लिए कई क्रांतिकारी तकनीकों का उपयोग किया है. उदाहरण के लिए, OpenAI 32-बिट फ्लोटिंग पॉइंट्स का उपयोग करता है, जिसमें एक संख्या को स्टोर करने के लिए 4 बाइट्स मेमोरी की आवश्यकता होती है. DeepSeek एआई मॉडल 8-बिट फ्लोटिंग पॉइंट्स का उपयोग करता है, जिससे इसकी मेमोरी की जरूरतें कम हो जाती हैं. इसे सिर्फ 1 बाइट मेमोरी की आवश्यकता होती है.
डीपसीक बाकी एआई मॉडल से अलग कैसे हैं, इसका एक और उदाहरण हम आपको बताते हैं. दुनियाभर के ज्यादातर एआई मॉडल्स एक बार में एक ही शब्द को पढ़ते हैं और प्रोसेस करते हैं, लेकिन डीपसीक एक बार में पूरे वाक्य को पढ़ सकता है और प्रोसेस कर सकता है, जिससे प्रोसेसिंग टाइम भी कम हो जाता है. GPT-4 को एक जवाब देने में दो सेकंड लगते हैं, जबकि DeepSeek के लिए दावा किया गया है कि यह 90% सटीकता के साथ एक सेकंड में जवाब दे सकता है.
यह काफी खास बात है क्योंकि एआई मॉडल ट्रेनिंग साइकिल के दौरान अरबों शब्दों को प्रोसेस करते हैं. ऐसे में प्रोसेसिंग टाइम को कम करना, इस एआई कंपनी के लिए बड़ी सफलता है. OpenAI का GPT-4 हर कैल्कुलेशन के दौरान 1.8 ट्रिलियन पैरामीटर्स को एक्टिव रखता है. वहीं, DeepSeek एक एडवांस एल्गोरिथ्म का उपयोग करके सिर्फ जरूरत पड़ने पर ही होने पर स्पेसिफिक न्यूरल पाथवे को एक्टिव करता है. इससे एक समय में सिर्फ 37 बिलियन सक्रिय पैरामीटर्स होते हैं. इससे हमें यह समझ में आता है कि ओपनएआई की तुलना में डीपसीक के एआई मॉडल्स में किसी क्वेरी के प्रति कैल्कुलेशन्स की संख्या काफी कम हो जाती है. यह मॉडल इतनी अच्छी तरह से काम करता है कि Tesla के पूर्व AI निदेशक Andrej Karpathy ने कहा कि डीपसीक ने कम बजट में एक एआई मॉडल को प्रशिक्षण देना बहुत आसान बना दिया है.
टेक की बड़ी कंपनियों के लिए खतरा
DeepSeek की खासियत Nvidia जैसी बड़ी टेक कंपनियों के लिए परेशानी हो सकती है. Nvidia का बड़ा बिजनेस महंगे और पॉवरफुल AI चिप्स बेचने पर आधारित है, लेकिन डीपसीक के मॉडल कम पावर वाले कंप्यूटरों पर भी चल सकते हैं. जैसे ही DeepSeek ने अपने नए प्रशिक्षण तरीकों की घोषणा की, वैसे ही निवेशकों ने समझ लिया कि अब एआई कंपनियों को Nvidia के महंगे हार्डवेयर की जरूरत नहीं पड़ेगी. इस कारण Nvidia के शेयर की कीमत में एक ही दिन में $589 बिलियन की कमी आ गई.
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