देवघरःयुवाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाने के लिए देवघर के दयानंद मंडल बेहतर प्रयास कर रहे हैं. दयानंद खुद होमगार्ड के जवान हैं. दयानंद बेरोजगारी का दंश झेल रहे युवाओं को ट्रेनिंग के माध्यम से उनमें आत्मविश्वास जगा रहे हैं, ताकि युवा भटक न पाएं और उन्हें नौकरी मिल सके. इस कार्य में दयानंद के साथ उनके सहयोगी लखन मंडल, दरोगा मंडल, कुंदन, शिवा, राजू सिंह, छोटू कुमार और डॉ सुजीत कुमार भरपूर सहयोग करते हैं, ताकि दयानंद के द्वारा किए जा रहे प्रयास को मजबूती मिल सके.
होमगार्ड जवान युवाओं को निशुल्क ट्रेनिंग दे रहे हैं (ETV Bharat) युवाओं को सही राह दिखाने का लिया प्रण
इस संबंध में होमगार्ड जवान दयानंद बताते हैं कि उन्हें आये दिन मीडिया के माध्यम से यह जानकारी मिलती है कि सैकड़ों युवा डिप्रेशन में आकर आत्महत्या कर लेते हैं और कई युवा तो जुर्म की दुनिया का रूख कर लेते हैं. ऐसे मामले आने के बाद उन्होंने प्रण लिया कि युवाओं को वह मजबूत बनाने का काम करेंगे, ताकि युवा अपना जीवन खुशहाली पूर्वक व्यतीत कर सकें.
युवाओं को निशुल्क ट्रेनिंग देते हैं दयानंद
इस सोच को धरातल पर लाने के लिए दयानंद ने देवघर जिले के युवाओं को निशुल्क ट्रेनिंग देने का निर्णय लिया. दयानंद वर्तमान में प्रतिदिन सुबह और शाम युवाओं को पीटी और दौड़ की ट्रेनिंग कराते हैं, ताकि युवाओं को फिजिकली फिट बनाया जा सके. दयानंद बताते हैं कि स्वस्थ शरीर ही स्वस्थ दिमाग का निर्माण कर सकता है, इसलिए यदि युवा शारीरिक रूप से स्वस्थ रहेंगे तो वह अपने मस्तिष्क को भी मजबूत रख सकेंगे.
उन्होंने बताया कि यदि ट्रेनिंग के बाद भी किसी कारणवश युवाओं को सरकारी नौकरी नहीं मिलती है तो वह प्राइवेट नौकरी और बिजनेस कर अपना और परिवार का भरण-पोषण कर सकते हैं. ट्रेनिंग के दौरान युवाओं को हर परिस्थिति से लड़ने के गुर भी सिखाये जाते हैं.
दयानंद के प्रयास की हो रही सराहना
दयानंद के इस सराहनीय प्रयास के बारे में सामाजिक कार्यकर्ता सह देवघर के स्थानीय नेता लखन मंडल बताते हैं कि दयानंद समाज और युवाओं के लिए एक बेहतर कार्य कर रहा है. इसलिए सामाजिक कार्यकर्ता होने के नाते वह उनके साथ युवाओं को ट्रेनिंग देने में मदद करते हैं.
ट्रेनिंग के बाद कई युवा बने फिजिकली फिट
वहीं दयानंद से ट्रेनिंग ले रहे युवा भी बताते हैं कि दयानंद से ट्रेनिंग लेने के बाद जिले के कई युवाओं ने खुद को शारीरिक रूप से मजबूत किया है. ट्रेनिंग के बाद युवा झारखंड पुलिस, बिहार पुलिस, उत्पाद विभाग,आर्मी में सिपाही की नौकरी लायक फिट हो जाते हैं.दयानंद से ट्रेनिंग पा रहे हैं शुभम और पारस ने दावा करते हुए कहा कि यदि कोई युवा दयानंद से छह माह की ट्रेनिंग ले लेता है तो वह निश्चित रूप से पुलिस या आर्मी में नौकरी करने लायक फिजिकल फिट हो जाता है.
ट्रेनिंग प्राप्त कर चार लड़कों ने मारी बाजी
दयानंद के सराहनीय प्रयास को सफल बनाने में उनकी मदद करने वाले कुंदन, विवेक सिंह और छोटू बताते हैं कि उन्होंने भी 25 साल तक की आयु में नौकरी पाने का काफी प्रयास किए थे, लेकिन छोटी-छोटी कमियों के कारण वह नौकरी पाने से चूक गए. इसलिए वे लोग दयानंद के साथ मिलकर युवाओं को उन कमियों के बारे में बताते हैं, ताकि आज के युवा नौकरी से वंचित न रहें.उन्होंने बताया कि हाल फिलहाल चौकीदार और उत्पाद विभाग की नौकरी में दयानंद से प्रशिक्षण प्राप्त चार लड़कों ने दौड़ में बाजी मारी है. इससे उनकी टीम का मनोबल बढ़ा है.
नशे के खिलाफ भी जागरूक करते हैं दयानंद
दयानंद मंडल बताते हैं कि उनकी पूरी टीम युवाओं को हर तरह से मजबूत बनाने में जुटी रहती है. युवाओं में बढ़ रहे नशे की लत के खिलाफ भी उनकी टीम जागरूक बनाती है. इसके अलावा वातावरण को भी स्वच्छ बनाने के लिए पौधरोपण जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को सजग और प्रोत्साहित करते हैं.
गौरतलब हो कि जिस प्रकार से आज के युवा अपने शरीर के प्रति लापरवाह हो रहे हैं, ऐसे में युवाओं को मजबूत बनाने के प्रयास में दयानंद का योगदान काबिल ए तारीफ है. जरूरत है प्रत्येक युवा दयानंद की तरह जिम्मेदार बने, ताकि झारखंड जैसे प्रदेश से बेरोजगारी का अभिशाप हमेशा के लिए समाप्त हो सके.
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