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अस्थाई बस स्टैंड के नाम पर वसूले गए लाखों रुपए वैध या अवैध? जानें नगर प्रशासक ने क्या कहा - KHUNTI NAGAR PANCHAYAT

खूंटी में नगर पंचायत अस्थायी बस स्टैंड के नाम पर लाखों रुपए का राजस्व वसूल रही है. हर साल बस स्टैंड की नीलामी होती है.

Khunti Nagar Panchayat
अस्थायी बस स्टैंड (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 11, 2025, 9:53 AM IST

खूंटी : जिला गठन के वर्षों बाद भी जिले को स्थायी बस स्टैंड नहीं मिल सका है, लेकिन नगर पंचायत बस स्टैंड के नाम पर लाखों रुपये का राजस्व वसूलने के लिए हर साल बोली लगवाकर बंदोबस्ती करती आई है. गौर करने वाली बात है कि इस बस स्टैंड की नीलामी और उससे आने वाला राजस्व वैध है या अवैध, इस पर नगर प्रशासक ने जवाब दिया है.

दरअसल, सोमवार को भी खूंटी थाना परिसर में बंदोबस्ती के लिए बोली बुलाकर करोड़ों रुपये का राजस्व वसूला गया. नगर पंचायत ने खूंटी थाना परिसर में खुली बोली के माध्यम से शहर के बस स्टैंड, पार्किंग, साप्ताहिक हाट और दैडेली मार्केट की बंदोबस्ती की. नगर पंचायत प्रशासक सृष्टि दीप्रिया मिंज की मौजूदगी में बेहतर बोली लगाने वालों के नाम पर बंदोबस्ती की गयी.

टैक्स दारोगा श्रवण कुमार के अनुसार सबसे अधिक 63.49 लाख की बोली लगाने वाले नंदकिशोर गौंझू को बस स्टैंड आवंटित किया गया. इसमें ओमप्रकाश नाग और शिवकुमार गौंझू भी शामिल हुए. इसी तरह खूंटी साप्ताहिक हाट के लिए ओमप्रकाश नाग ने सबसे अधिक 30.20 लाख की बोली लगाकर जीत हासिल की. ​​इसमें कैलाश नाग, शिवकुमार और रितेश महतो ने भी बोली लगाई. डेली मार्केट के लिए ओमप्रकाश नाग ने सबसे अधिक 20.20 लाख की बोली लगाकर जीत हासिल की. ​​जबकि पार्किंग के लिए ओमप्रकाश नाग ने सबसे अधिक 8.10 लाख की बोली लगाई। इसमें कैलाश नाग ने भी बोली लगाई. टैक्स दारोगा ने बताया कि यह बंदोबस्ती 2025-26 के लिए की गई है.

जिले में ढाई करोड़ की लागत से बना बस स्टैंड अब कोर्ट के अधीन है, जिस कारण नगर पंचायत बस स्टैंड को हैंडओवर नहीं कर पा रही है. इस कारण जिले में अस्थायी बस स्टैंड है. हर साल नगर पंचायत खूंटी थाना के समीप अस्थायी बस स्टैंड के नाम पर राजस्व जुटाने के लिए खुली निविदा के माध्यम से बंदोबस्ती करती रही है.

जानकारी देती नगर प्रशासक सृष्टि दीप्रिया मिंज (ईटीवी भारत)

नगर प्रशासक सृष्टि दीप्रिया मिंज ने बताया कि बस स्टैंड, पार्किंग, बाजार टांड़ स्थित साप्ताहिक हाट के साथ-साथ डेली मार्केट की बंदोबस्ती के लिए डाक के माध्यम से बंदोबस्ती की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. नगर पंचायत को लक्ष्य का मात्र एक प्रतिशत राजस्व प्राप्त हुआ है.

उन्होंने कहा कि अभी जिले में कोई स्थायी बस स्टैंड नहीं है, लेकिन नगर पंचायत मौजूदा व्यवस्था के अनुसार काम करती रही है. बसों को कहीं न कहीं रुकना ही पड़ेगा, इसके लिए उन्हें अस्थायी जगह दी गई है. अगर बसें रुकती हैं तो हमें उन पर नियंत्रण रखना होगा और राजस्व भी वसूलना होगा. यह प्रक्रिया पहले से चल रही है, उसी के अनुसार काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि नगर पंचायत द्वारा बनाया गया बस स्टैंड अभी शुरू नहीं हो पाएगा, क्योंकि जमीन संबंधी कुछ समस्या के कारण मामला कोर्ट में लंबित है.

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खूंटी : जिला गठन के वर्षों बाद भी जिले को स्थायी बस स्टैंड नहीं मिल सका है, लेकिन नगर पंचायत बस स्टैंड के नाम पर लाखों रुपये का राजस्व वसूलने के लिए हर साल बोली लगवाकर बंदोबस्ती करती आई है. गौर करने वाली बात है कि इस बस स्टैंड की नीलामी और उससे आने वाला राजस्व वैध है या अवैध, इस पर नगर प्रशासक ने जवाब दिया है.

दरअसल, सोमवार को भी खूंटी थाना परिसर में बंदोबस्ती के लिए बोली बुलाकर करोड़ों रुपये का राजस्व वसूला गया. नगर पंचायत ने खूंटी थाना परिसर में खुली बोली के माध्यम से शहर के बस स्टैंड, पार्किंग, साप्ताहिक हाट और दैडेली मार्केट की बंदोबस्ती की. नगर पंचायत प्रशासक सृष्टि दीप्रिया मिंज की मौजूदगी में बेहतर बोली लगाने वालों के नाम पर बंदोबस्ती की गयी.

टैक्स दारोगा श्रवण कुमार के अनुसार सबसे अधिक 63.49 लाख की बोली लगाने वाले नंदकिशोर गौंझू को बस स्टैंड आवंटित किया गया. इसमें ओमप्रकाश नाग और शिवकुमार गौंझू भी शामिल हुए. इसी तरह खूंटी साप्ताहिक हाट के लिए ओमप्रकाश नाग ने सबसे अधिक 30.20 लाख की बोली लगाकर जीत हासिल की. ​​इसमें कैलाश नाग, शिवकुमार और रितेश महतो ने भी बोली लगाई. डेली मार्केट के लिए ओमप्रकाश नाग ने सबसे अधिक 20.20 लाख की बोली लगाकर जीत हासिल की. ​​जबकि पार्किंग के लिए ओमप्रकाश नाग ने सबसे अधिक 8.10 लाख की बोली लगाई। इसमें कैलाश नाग ने भी बोली लगाई. टैक्स दारोगा ने बताया कि यह बंदोबस्ती 2025-26 के लिए की गई है.

जिले में ढाई करोड़ की लागत से बना बस स्टैंड अब कोर्ट के अधीन है, जिस कारण नगर पंचायत बस स्टैंड को हैंडओवर नहीं कर पा रही है. इस कारण जिले में अस्थायी बस स्टैंड है. हर साल नगर पंचायत खूंटी थाना के समीप अस्थायी बस स्टैंड के नाम पर राजस्व जुटाने के लिए खुली निविदा के माध्यम से बंदोबस्ती करती रही है.

जानकारी देती नगर प्रशासक सृष्टि दीप्रिया मिंज (ईटीवी भारत)

नगर प्रशासक सृष्टि दीप्रिया मिंज ने बताया कि बस स्टैंड, पार्किंग, बाजार टांड़ स्थित साप्ताहिक हाट के साथ-साथ डेली मार्केट की बंदोबस्ती के लिए डाक के माध्यम से बंदोबस्ती की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. नगर पंचायत को लक्ष्य का मात्र एक प्रतिशत राजस्व प्राप्त हुआ है.

उन्होंने कहा कि अभी जिले में कोई स्थायी बस स्टैंड नहीं है, लेकिन नगर पंचायत मौजूदा व्यवस्था के अनुसार काम करती रही है. बसों को कहीं न कहीं रुकना ही पड़ेगा, इसके लिए उन्हें अस्थायी जगह दी गई है. अगर बसें रुकती हैं तो हमें उन पर नियंत्रण रखना होगा और राजस्व भी वसूलना होगा. यह प्रक्रिया पहले से चल रही है, उसी के अनुसार काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि नगर पंचायत द्वारा बनाया गया बस स्टैंड अभी शुरू नहीं हो पाएगा, क्योंकि जमीन संबंधी कुछ समस्या के कारण मामला कोर्ट में लंबित है.

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