रायपुर:आषाढ़ माह में योगिनी एकादशी मनाई जाती है. आज योगिनी एकादशी है. आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है. योगिनी एकादशी के बाद देवशयनी एकादशी मनाई जाती है. आषाढ़ माह में आने वाले इन दोनों एकादशी का बड़ा महत्व माना गया है. एकादशी के दिन श्री हरि विष्णु जी की पूजा-आराधना करने से जातक की समस्त मनोकामनाएं पूरी होती है. इस साल योगिनी एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग, त्रिपुष्कर योग सहित कई शुभ संयोग बन रहे हैं. इस दौरान धर्म-कर्म और दान-पुण्य के कार्यों का कई गुना ज्यादा शुभ फल प्राप्त होता है. कहा जाता है कि योगिनी एकादशी का व्रत रखने और विष्णु जी की पूजा करने से घर में सुख शांति और समृद्धि आती है.
क्या कहते हैं पुजारी: इस बारे में ईटीवी भारत ने महामाया मंदिर के पंडित मनोज शुक्ला से बातचीत की. पंडित मनोज शुक्ला ने बताया, "आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की जो एकादशी तिथि होती है, वह योगिनी एकादशी कहलाती है. हर महीने में शास्त्रों के मुताबिक दो एकादशी मनाई जाती है. अलग-अलग मास के अलग-अलग पक्षों में अलग-अलग नाम से जानी जाती है. आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी के नाम से जानी जाती है. इस दिन व्रत करने वाले लोग ब्रह्म मुहूर्त में उठकर अपने दैनिक दिनचर्या से निवृत होकर अपने मन में संकल्प लेकर इस व्रत को करते हैं. इस दिन भगवान विष्णु की सेवा भक्ति करनी चाहिए. यह दिन भगवान विष्णु के लिए समर्पित माना गया है. जो व्रत करने वालों को सुख-शांति और समृद्धि प्रदान करता है."