लखनऊ: सीएमएस स्कूल द्वारा आयोजित, विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25 वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया उद्घाटन. मुख्यमंत्री ने 'वसुधैव कुटुंबकम' के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए, इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है. उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है.
सीएम ने यह बात शुक्रवार को कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही. कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया.
अनुच्छेद 51 की भावनाओं को 'विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक':मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया. उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मान जनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है. उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे. यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है.
युद्ध समस्या का समाधान नहीं है:योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के 'समिट ऑफ दि फ्यूचर' में दिये गये, संबोधन की चर्चा करते हुए कहा, कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है. युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है. उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भय मुक्त समाज का निर्माण करें.