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भारतीय कुश्ती संघ ने कामकाज की देखरेख के लिए तदर्थ समिति के गठन के सिंगल बेंच के आदेश को दी चुनौती - WFI CHALLENGED SINGLE BENCH ORDER

-18 दिसंबर को सुनवाई का आदेश. -कार्यकारी चीफ जस्टिस विभू बाखरु की अध्यक्षता वाली बेंच ने की सुनवाई.

दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट (ETV Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 5, 2024, 9:04 PM IST

नई दिल्ली:भारतीय कुश्ती संघ ने कामकाज की देखरेख के लिए तदर्थ समिति के गठन पर मुहर लगाने के दिल्ली हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के आदेश को डिवीजन बेंच में चुनौती दी है. कार्यकारी चीफ जस्टिस विभू बाखरु की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की सुनवाई 18 दिसंबर को करने का आदेश दिया. दरअसल, यह मामला गुरुवार को सुनवाई के लिए लिस्टेड था, लेकिन पहलवान बजरंग पुनिया की ओर से वकील के उपलब्ध नहीं होने की वजह से 18 दिसंबर को सुनवाई का आदेश दिया गया.

याचिका में 16 अगस्त को हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें बेंच ने भारतीय ओलंपिक संघ की ओर से भारतीय कुश्ती संघ के कामकाज की देखरेख के लिए तदर्थ समिति के गठन पर मुहर लगाई थी. जस्टिस सचिन दत्ता की सिंगल बेंच ने कहा था कि भारतीय ओलंपिक संघ चाहे तो तदर्थ समिति का पुनर्गठन कर सकती है.

समिति भंग करने की जरूरत नहीं:सिंगल बेंच ने कहा था कि अब पेरिस ओलंपिक समाप्त हो गया है, ऐसे में भारतीय ओलंपिक संघ, भारतीय कुश्ती संघ के कामकाज को देखने के लिए जरूरी फैसले कर सकती है. सिंगल बेंच ने कहा था कि भारतीय कुश्ती संघ के कामकाज की देखरेख के लिए गठित तदर्थ समिति को भंग करने की जरूरत नहीं थी. ऐसे में तदर्थ समिति तब तक काम करती रहेगी, जब तक उसमें कोई बदलाव नहीं किया जाए उसे वापस नहीं लिया जाए.

इन्होंने दायर की थी याचिका:सुनवाई के दौरान पहलवान याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने कहा था कि भारतीय कुश्ती संघ के कामकाज को देखने के लिए एक प्रशासक की नियुक्ति की जरूरत है. उन्होंने कहा था कि खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ को दिसंबर 2023 में भंग कर तदर्थ कमेटी का गठन किया गया था और मार्च महीने में इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन ने तदर्थ समिति को भी भंग कर दिया. ऐसे में भारतीय कुश्ती संघ बिना किसी प्रमुख के है. सिंगल बेंच के समक्ष याचिका दायर करने वालों में बजरंग पुनिया के अलावा विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और सत्यव्रत कादियान शामिल थे. याचिका में भारतीय कुश्ती संघ के कामकाज के लिए तदर्थ समिति का गठन करने या सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज को प्रशासक नियुक्त करने की मांग की गई थी.

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