लखनऊ: पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस हर साल 28 जुलाई को मनाया जाता है ताकि यह पहचाना जा सके कि एक स्वस्थ पर्यावरण एक स्थिर और उत्पादक समाज और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक आधार है. पर्यावरणविदों के मुताबिक पर्यावरण में उपस्थित प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा, संरक्षण और स्थायी रूप से प्रबंधन करना चाहिए. इस बार की थीम “लोगों और पौधों को जोड़ना, वन्यजीव संरक्षण में डिजिटल नवाचार की खोज करना” रखा गया है.
लखनऊ विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. ध्रुव सेन सिंह ने बताया कि प्रकृति में हो रहे प्रदूषणों के कारण जलवायु परिवर्तन एक बड़ी चुनौती बन गया है. वर्तमान में कोई भी मानसून अपने निर्धारित महीने के हिसाब से नहीं आ रहा है. इसके अलावा बढ़ते प्लास्टिक के इस्तेमाल से प्रकृति को नुकसान पहुंच रहा है. भावी पीढ़ियों के लिए हमारे ग्रह की रक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस बनाया गया है.
आजीविका के लिए वन है जरूरी:विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस मनाने का उद्देश्य इतना है कि हम अपनी प्रकृति को संरक्षित रख सकें. उन्होंने बताया कि प्रकृति है तो हम हैं. प्रकृति से ही हमें भोजन-पानी और हम जीवन है. प्रकृति से हमें जीने के सारे संसाधन प्राप्त हो रहे हैं और अगर प्रकृति जीवित नहीं रहेगी तो हम सभी का जीवन तहस-नहस हो जाएगा. वर्तमान में स्थिति बहुत खराब होती जा रही है.
प्रकृति से हमें जीने की सारी चीज मिल रही है. अगर वह संरक्षित नहीं रहेगा तो जीवन कैसे चलेगा. आज हमारे सामने प्रकृति संरक्षण के संबंध में बहुत से चुनौतियां सामने आ रही हैं. जंगल काटते जा रहे हैं. नदियां सूखती जा रही हैं. वायुमंडल और जल प्रदूषण होता जा रहा है यानी कि जीवन के जितने साधन है, वह या तो समाप्त हो रहे हैं या प्रदूषित हो रहे हैं या फिर उनकी गुणवत्ता खराब हो रही है. प्रकृति को बचाने के लिए हमें इसकी रक्षा करनी होगी.
पर्यावरण संरक्षण के लिए उठाए यह कदम
- पेड़ पौधों को काटने की वजह अधिक संख्या में पेड़ पौधों का रोपण करें.
- प्लास्टिक का इस्तेमाल न करें. और दूसरों को भी मना करें.
- बेवजह जल का दोहन न करें. जल को बचाकर रखें.
- गाड़ी चलाते समय ध्यान दें कि सिग्नल पर गाड़ी बंद कर दें. ताकि, भावी पीढ़ी के लिए स्वच्छ हवा व तेल बच सकें.
- घर के बाहर निकलते समय घरों की बिजली व फैन बंद करें. ताकि, भविष्य के लिए बिजली बचीं रहें.
भूमंडल, जलमंडल व वायुमंडल के बिना जीवन संभव नहीं: उन्होंने कहा कि हम सभी को मालूम है कि प्रकृति के तीन अवयव होते हैं. जिसे घटक के नाम से जाना जाता है. जिसमें भूमंडल, जल मंडल और वायुमंडल शामिल हैं. इन तीनों को बचाने का दायित्व हम सभी का है. भूमंडल से हमें भोजन मिलता है. जलमंडल से हमें पानी मिलता है और वायुमंडल से हमें शुद्ध हवा मिलती है. इन्हीं तीनों घाटक से हमारा जीवन चलता है. इन तीनों चीजों को हमें संजो के चलना है और तीनों की रक्षा करनी है.