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विश्व के सबसे बड़े बौद्ध स्तूप का होगा कायाकल्प, एक जगह पर देख सकेंगे राज्य के सभी स्तूप - Kesariya Stupa

world largest Buddhist stupa बिहार में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. बिहार सरकार ने पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने के लिए कार्य योजना भी तैयार कर ली है. विश्व के सबसे बड़े स्तूप को ही हाईटेक बनाने की तैयारी है. देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए तमाम स्तूपों की प्रतिकृति बनाने की तैयारी की जा रही है. पढ़ें, विस्तार से.

केसरिया स्तूप
केसरिया स्तूप. (सौ. बिहार पर्यटन विभाग.)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 12, 2024, 6:51 PM IST

पर्यटन विभाग की तैयारी. (ETV Bharat)

पटना: बिहार के पश्चिम चंपारण स्थित केसरिया स्तूप विश्व के सबसे बड़े स्तूप में शुमार है. केसरिया स्तूप को देखने के लिए देश-विदेश से पर्यटक आते हैं. केसरिया स्तूप को आधुनिक रूप देने के लिए सरकार ने योजना तैयार कर ली है. केसरिया स्तूप के चारों ओर 8 बौद्ध स्थल की रिप्लिका बनाने की तैयारी है. केसरिया स्तूप के इर्द-गिर्द पर्यटकों के लिए तमाम तरह की सुविधाओं को बहाल किया जा रहा है.

"केसरिया स्तूप को अंतरराष्ट्रीय साइट के रूप में हम विकसित करने जा रहे हैं. कई तरह की सुविधाओं को वहां बहाल किया जा रहा है. इसके अलावा देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कैफेटेरिया पार्किंग के अलावा तमाम बौद्ध स्थल के रिप्लिका का निर्माण कराया जा रहा है. केसरिया में बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग देश-विदेश से आते हैं, जिस वजह से सरकार ने साइट को डेवलप करने का फैसला लिया है."- नीतीश मिश्रा, पर्यटन मंत्री

केसरिया स्तूप के चारों ओर 8 बौद्ध स्थल की रिप्लिका बनाने की तैयारी. (सौ. बिहार पर्यटन विभाग.)

75 एकड़ में विकसित होगाः पर्यटन विभाग की ओर से विश्व के सबसे बड़े स्तूप केसरिया स्तूप के विकास की योजना तैयार कर ली है. कुल मिलाकर 75 एकड़ भूखंड में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन केंद्र विकसित करने की योजना बनाई गई है. कुल 19 करोड़ 77 लाख की लागत से पर्यटन स्थल को विकसित किया जाएगा. बता दें कि केसरिया स्तूप विश्व के प्राचीनतम स्तूप में है. स्तूप की परिधि लगभग 120 मीटर है और ऊंचाई 32 मीटर है. केसरिया स्तूप विश्व का सबसे बड़ा स्तूप बताया जाता है.

आठ बौद्ध स्थलों की रिप्लिका बनेगीः जिन आठ प्रतिकृतियां बनाई जाएगी उसमें विश्व शांति स्तूप, महाबोधि मंदिर, नालंदा विश्वविद्यालय का भावनावशेष, अशोक स्तंभ वैशाली, विक्रमशिला विश्वविद्यालय, गुरुपा बौद्ध स्थल, बराबर की गुफा और सुजाता स्तूप का निर्माण कराया जाएगा. स्तूप जैसी आकृति के अंदर 45 सीटों वाले सभागार का निर्माण होगा जहां प्रदर्शनी और वृत्त चित्र दिखाए जाएंगे. आधुनिक ऑडियो विजुअल सिस्टम लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा. परिसर के अंदर कैफेटेरिया और पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी.

सम्राट अशोक ने कराया था निर्माणः भगवान बुद्ध जब बिहार के रास्ते कुशीनगर जा रहे थे तो वह एक दिन के लिए केसरिया इलाके में ठहरे थे. जिस स्थान पर महात्मा बुद्ध ठहरे थे उस स्थान पर कुछ समय बाद महान शासक सम्राट अशोक ने महात्मा बुद्ध के स्मरण में स्तूप का निर्माण कराया. कार्बन डेटिंग के अनुसार स्तूप को 200 वर्ष ईपू कराया गया था. स्तूप छोटी पहाड़ी पर स्थित है. बौद्ध धर्म को मानने वाले यहां पूजा करने आते हैं. नेपाल से बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचते हैं.

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