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BPSC PT रीएग्जाम शांतिपूर्वक संपन्न, अभ्यर्थियों ने कहा- 'परीक्षा रद्द करने की जरूरत नहीं' - BPSC PT RE EXAM

बीपीएससी पीटी का रीएग्जाम संपन्न हो गया. परीक्षा देने आए अभ्यर्थी काफी संतुष्ट थे. उनका कहना था कि परीक्षा रद्द नहीं होनी चाहिए.

BPSC PT re exam
BPSC PT रिएग्जाम. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 4, 2025, 9:06 PM IST

पटना: "पिछली बार जब एग्जाम हुआ था तो मैं रोते हुए घर चली गई थी, क्योंकि एग्जाम पूरा हुआ ही नहीं था. हंगामा हो गया था. परीक्षा रद्द नहीं होनी चाहिए." यह कहना है नीतू कुशवाहा का. वहीं शुभम कहते हैं कि "बार-बार एग्जाम क्यों होना चाहिए? एक बार एग्जाम देने में 5-6 हजार खर्च हो जाते हैं. कहां से यह पैसे लाएंगे हम लोग. पिछली बार भी कोई कोई पेपर लीक नहीं हुआ था."

रिजल्ट का इंतजारः यह सिर्फ शुभम और नीतू की जुबान नहीं है. शनिवार को 12 हजार छात्रों ने बीपीएससी की जो परीक्षा दी है उन तमाम छात्रों का दर्द है. पटना में एग्जाम देने के बाद छात्रों के चेहरे पर एक सुकून देखने को मिला. वह अब नहीं चाहते हैं कि बीपीएससी का एग्जाम रद्द हो. वह चाहते हैं कि जो हो गया उसका अब रिजल्ट आ जाए. दूसरी तरफ कुछ बीपीएससी अभ्यर्थी चाहते हैं कि परीक्षा रद्द फिर से परीक्षा कराई जाए.

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राजनेताओं की इंट्रीः अब उनके इस आंदोलन में राजनेता भी आ गए हैं और अलग-अलग संस्थाओं के शिक्षक भी शामिल हो गए हैं लेकिन, जो परीक्षा छात्र दे रहे हैं वह इससे बिल्कुल अलग राय रखते हैं. बीपीएससी ने भी बार-बार यही कहा कि परीक्षा कराने में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है फिर से परीक्षा नहीं कराई जा सकती है. जिस सेंटर पर हंगामा हुआ वहां के छात्रों का एग्जाम 4 जनवरी को लिया गया.

बीपीएससी पर कोई असर नहींः जिन छात्रों ने बापू परीक्षा केंद्र पर हंगामा किया था, वो 18 दिसंबर 2024 को पटना के गर्दनीबाग में धरना देने बैठ गए. वह मांग करने लगे की सभी केंद्रों की परीक्षा रद्द करायी जाए और फिर से एग्जाम लिया जाए. परीक्षार्थी अभी धरना देना शुरू ही किए थे कि 19 दिसंबर को बीपीएससी ने बीपीएससी ने बापू परीक्षा परिसर में रद्द हुए परीक्षा को फिर से लेने का ऐलान कर दिया.

अभ्यर्थी उग्र हो गएः बीपीएससी के इस एक्शन के बाद अभ्यर्थी और उग्र हो गए. अपनी मांगों को लेकर लगातार एकजुट होने लगे. इन अभ्यर्थियों को पटना के सिविल सर्विस की पढ़ाई कराने वाले बड़े नामी शिक्षकों का साथ मिलना शुरू हो गया. जिसमें खान सर, गुरु रहमान जैसे शिक्षक शामिल हो गए. मामला हाई प्रोफाइल होने लगा तो राजनेताओं ने भी बीपीएससी परीक्षा को फिर से कराने की मांग कर दी.

राजनेताओं के लिए कैश क्रॉपः शुरुआत विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने की, पहले तो अभ्यर्थियों से उन्होंने वीडियो कॉल पर बात किया और 21 दिसंबर को वह रात में गर्दनीबाग धरना स्थल पर अभ्यर्थियों से मिलने पहुंच गए. तेजस्वी यादव ने अभ्यर्थियों के आंदोलन को समर्थन दिया. 22 तारीख को उन्होंने मुख्यमंत्री को एक चिट्ठी लिखी जिसमें फिर से परीक्षा कराने और अभ्यर्थियों का धरना खत्म करने की मांग की. जिसका असर सरकार पर बिल्कुल नहीं हुआ.

छात्र और उग्र होते गएः गर्दनीबाग धरना स्थल पर लगातार हंगामा बढ़ता गया. उधर, बापू परीक्षा परिसर में हुए हंगामा की जांच में लगातार गिरफ्तारयां होती गई, तीन लोगों को चिन्हित करके गिरफ्तार कर लिया गया. छात्रों ने हंगामा और भी उग्र कर दिया. इसके बावजूद बीपीएससी अपने फैसले अडिग रही. बीपीएससी के अध्यक्ष मनु परमार ने साफ किया कि बीपीएससी पीटी की परीक्षा रद्द नहीं होगी. केवल पटना के बापू परीक्षा केंद्र की परीक्षा का री एग्जाम लिया जाएगा.

पीके को मौकाः तेजस्वी यादव के धरना स्थल पर पहुंचने के बाद बिहार के दूसरे नेताओं को यह लगा की राजनीति का कैश क्रॉप है. इसको भुना लेना चाहिए. पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव धरना स्थल पर पहुंचे और लगातार छात्रों के साथ धरना दिया और लगे हाथों उन्होंने बिहार बंद का ऐलान भी कर दिया. पहले पप्पू यादव ने 1 जनवरी को बिहार बंद का ऐलान किया था लेकिन, बाद में 3 जनवरी को बिहार बंद किया गया. प्रशांत किशोर भी इस मामले में कूद गए.

छात्र संसद लगायीः प्रशांत किशोर ने पटना के गांधी मैदान में छात्र सांसद लगाने की बात कही. 29 दिसंबर को प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज को छात्र सांसद लगाने की अनुमति नहीं मिली. 29 दिसंबर को प्रशांत किशोर के नेतृत्व में गांधी मैदान में अभ्यर्थियों का जुटान शुरू हो गया. प्रशांत किशोर के साथ हजारों अभ्यर्थी मुख्यमंत्री आवास के घेराव के लिए गांधी मैदान से निकले तो, प्रशासन ने उनको रोकने की कोशिश की. वाटर कैनन चले, लाठीचार्ज हुआ, कई छात्र घायल हो गए.

नॉर्मलाइजेशन की मांग पर अड़ेः इसी रात प्रशांत किशोर का एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हुआ. प्रशांत किशोर जब दोबारा गर्दनीबाग गए तो अभ्यर्थी उनसे नाराज दिखे, कंबल पर विवाद हुआ और अभ्यर्थियों ने प्रशांत किशोर को गो बैक कहा. हालांकि प्रशांत किशोर इस पूरे मामले को अपने हाथ से जाने देना नहीं चाहते हैं. 2 जनवरी की शाम से वह पटना के गांधी मैदान के महात्मा गांधी प्रतिमा के नीचे आमरण अनशन पर बैठ गए हैं.

बीपीएससी मनमानी कर रही हैः इसके बावजूद 4 जनवरी 2025 को पटना के 22 सेंटरों पर 12000 छात्रों कार्य एग्जाम लिया गया. परीक्षा देने वाले छात्र खुश दिखे लेकिन, छात्र नेता इसको लेकर नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं. बीपीएससी परीक्षा के अभ्यर्थी और छात्र नेता गौरव कुमार कहते हैं कि बीपीएससी मनमानी कर रही है. एक ही शिफ्ट में एग्जाम लेना चाहिए. सामान्यी करण लागू हो. सिविल सर्विस की परीक्षा एक शिफ्ट में आयोजित होनी चाहिए.

स्तरहीन सवाल पूछे गए: परीक्षा हो जाने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले शिक्षक गुरु रहमान ने कहा कि "बीपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षाओं के साथ खिलवाड़ कर रहा है. आज की परीक्षा में भी जो प्रश्न पूछे गए थे वह निश्चित रूप से स्तरहीन प्रश्न थे. इतनी आसान प्रश्न सिपाही बहाली में भी नहीं पूछे जाते हैं कि किस नदी को बिहार की शोक कहते हैं और बिहार में लीची सबसे अधिक किस जिले में पैदा होती है." इस परीक्षा के माध्यम से डीएसपी और एडीएम चुने जाएंगे, यह निश्चित रूप से अधिकारी चुनने वाला प्रश्न नहीं था.

री एग्जाम का समर्थनः गुरु रहमान ने कहा कि ऐसे स्तरहीन प्रश्न की ना तो कोई शिक्षकों ने कल्पना की थी ना छात्रों ने कल्पना की थी. आज 22 केंद्रों पर परीक्षा आयोजित कराकर बीपीएससी ने सिविल सर्विसेज परीक्षा का मजाक बनाया है. इस स्थिति में एकमात्र विकल्प बचता है कि पूरी परीक्षा कैंसिल करके री एग्जाम कंडक्ट कराई जाए. आज भी वह यही डिमांड कर रहे हैं कि री एग्जाम हो और स्तरीय प्रश्न पूछा जाए जिस प्रकार यूपीएससी प्रीलिम्स में प्रश्न पूछे जाते हैं. सभी शिक्षक एकजुट है और छात्रों के री एग्जाम के डिमांड को समर्थन कर रहे हैं.

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पटना: "पिछली बार जब एग्जाम हुआ था तो मैं रोते हुए घर चली गई थी, क्योंकि एग्जाम पूरा हुआ ही नहीं था. हंगामा हो गया था. परीक्षा रद्द नहीं होनी चाहिए." यह कहना है नीतू कुशवाहा का. वहीं शुभम कहते हैं कि "बार-बार एग्जाम क्यों होना चाहिए? एक बार एग्जाम देने में 5-6 हजार खर्च हो जाते हैं. कहां से यह पैसे लाएंगे हम लोग. पिछली बार भी कोई कोई पेपर लीक नहीं हुआ था."

रिजल्ट का इंतजारः यह सिर्फ शुभम और नीतू की जुबान नहीं है. शनिवार को 12 हजार छात्रों ने बीपीएससी की जो परीक्षा दी है उन तमाम छात्रों का दर्द है. पटना में एग्जाम देने के बाद छात्रों के चेहरे पर एक सुकून देखने को मिला. वह अब नहीं चाहते हैं कि बीपीएससी का एग्जाम रद्द हो. वह चाहते हैं कि जो हो गया उसका अब रिजल्ट आ जाए. दूसरी तरफ कुछ बीपीएससी अभ्यर्थी चाहते हैं कि परीक्षा रद्द फिर से परीक्षा कराई जाए.

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राजनेताओं की इंट्रीः अब उनके इस आंदोलन में राजनेता भी आ गए हैं और अलग-अलग संस्थाओं के शिक्षक भी शामिल हो गए हैं लेकिन, जो परीक्षा छात्र दे रहे हैं वह इससे बिल्कुल अलग राय रखते हैं. बीपीएससी ने भी बार-बार यही कहा कि परीक्षा कराने में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है फिर से परीक्षा नहीं कराई जा सकती है. जिस सेंटर पर हंगामा हुआ वहां के छात्रों का एग्जाम 4 जनवरी को लिया गया.

बीपीएससी पर कोई असर नहींः जिन छात्रों ने बापू परीक्षा केंद्र पर हंगामा किया था, वो 18 दिसंबर 2024 को पटना के गर्दनीबाग में धरना देने बैठ गए. वह मांग करने लगे की सभी केंद्रों की परीक्षा रद्द करायी जाए और फिर से एग्जाम लिया जाए. परीक्षार्थी अभी धरना देना शुरू ही किए थे कि 19 दिसंबर को बीपीएससी ने बीपीएससी ने बापू परीक्षा परिसर में रद्द हुए परीक्षा को फिर से लेने का ऐलान कर दिया.

अभ्यर्थी उग्र हो गएः बीपीएससी के इस एक्शन के बाद अभ्यर्थी और उग्र हो गए. अपनी मांगों को लेकर लगातार एकजुट होने लगे. इन अभ्यर्थियों को पटना के सिविल सर्विस की पढ़ाई कराने वाले बड़े नामी शिक्षकों का साथ मिलना शुरू हो गया. जिसमें खान सर, गुरु रहमान जैसे शिक्षक शामिल हो गए. मामला हाई प्रोफाइल होने लगा तो राजनेताओं ने भी बीपीएससी परीक्षा को फिर से कराने की मांग कर दी.

राजनेताओं के लिए कैश क्रॉपः शुरुआत विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने की, पहले तो अभ्यर्थियों से उन्होंने वीडियो कॉल पर बात किया और 21 दिसंबर को वह रात में गर्दनीबाग धरना स्थल पर अभ्यर्थियों से मिलने पहुंच गए. तेजस्वी यादव ने अभ्यर्थियों के आंदोलन को समर्थन दिया. 22 तारीख को उन्होंने मुख्यमंत्री को एक चिट्ठी लिखी जिसमें फिर से परीक्षा कराने और अभ्यर्थियों का धरना खत्म करने की मांग की. जिसका असर सरकार पर बिल्कुल नहीं हुआ.

छात्र और उग्र होते गएः गर्दनीबाग धरना स्थल पर लगातार हंगामा बढ़ता गया. उधर, बापू परीक्षा परिसर में हुए हंगामा की जांच में लगातार गिरफ्तारयां होती गई, तीन लोगों को चिन्हित करके गिरफ्तार कर लिया गया. छात्रों ने हंगामा और भी उग्र कर दिया. इसके बावजूद बीपीएससी अपने फैसले अडिग रही. बीपीएससी के अध्यक्ष मनु परमार ने साफ किया कि बीपीएससी पीटी की परीक्षा रद्द नहीं होगी. केवल पटना के बापू परीक्षा केंद्र की परीक्षा का री एग्जाम लिया जाएगा.

पीके को मौकाः तेजस्वी यादव के धरना स्थल पर पहुंचने के बाद बिहार के दूसरे नेताओं को यह लगा की राजनीति का कैश क्रॉप है. इसको भुना लेना चाहिए. पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव धरना स्थल पर पहुंचे और लगातार छात्रों के साथ धरना दिया और लगे हाथों उन्होंने बिहार बंद का ऐलान भी कर दिया. पहले पप्पू यादव ने 1 जनवरी को बिहार बंद का ऐलान किया था लेकिन, बाद में 3 जनवरी को बिहार बंद किया गया. प्रशांत किशोर भी इस मामले में कूद गए.

छात्र संसद लगायीः प्रशांत किशोर ने पटना के गांधी मैदान में छात्र सांसद लगाने की बात कही. 29 दिसंबर को प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज को छात्र सांसद लगाने की अनुमति नहीं मिली. 29 दिसंबर को प्रशांत किशोर के नेतृत्व में गांधी मैदान में अभ्यर्थियों का जुटान शुरू हो गया. प्रशांत किशोर के साथ हजारों अभ्यर्थी मुख्यमंत्री आवास के घेराव के लिए गांधी मैदान से निकले तो, प्रशासन ने उनको रोकने की कोशिश की. वाटर कैनन चले, लाठीचार्ज हुआ, कई छात्र घायल हो गए.

नॉर्मलाइजेशन की मांग पर अड़ेः इसी रात प्रशांत किशोर का एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हुआ. प्रशांत किशोर जब दोबारा गर्दनीबाग गए तो अभ्यर्थी उनसे नाराज दिखे, कंबल पर विवाद हुआ और अभ्यर्थियों ने प्रशांत किशोर को गो बैक कहा. हालांकि प्रशांत किशोर इस पूरे मामले को अपने हाथ से जाने देना नहीं चाहते हैं. 2 जनवरी की शाम से वह पटना के गांधी मैदान के महात्मा गांधी प्रतिमा के नीचे आमरण अनशन पर बैठ गए हैं.

बीपीएससी मनमानी कर रही हैः इसके बावजूद 4 जनवरी 2025 को पटना के 22 सेंटरों पर 12000 छात्रों कार्य एग्जाम लिया गया. परीक्षा देने वाले छात्र खुश दिखे लेकिन, छात्र नेता इसको लेकर नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं. बीपीएससी परीक्षा के अभ्यर्थी और छात्र नेता गौरव कुमार कहते हैं कि बीपीएससी मनमानी कर रही है. एक ही शिफ्ट में एग्जाम लेना चाहिए. सामान्यी करण लागू हो. सिविल सर्विस की परीक्षा एक शिफ्ट में आयोजित होनी चाहिए.

स्तरहीन सवाल पूछे गए: परीक्षा हो जाने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले शिक्षक गुरु रहमान ने कहा कि "बीपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षाओं के साथ खिलवाड़ कर रहा है. आज की परीक्षा में भी जो प्रश्न पूछे गए थे वह निश्चित रूप से स्तरहीन प्रश्न थे. इतनी आसान प्रश्न सिपाही बहाली में भी नहीं पूछे जाते हैं कि किस नदी को बिहार की शोक कहते हैं और बिहार में लीची सबसे अधिक किस जिले में पैदा होती है." इस परीक्षा के माध्यम से डीएसपी और एडीएम चुने जाएंगे, यह निश्चित रूप से अधिकारी चुनने वाला प्रश्न नहीं था.

री एग्जाम का समर्थनः गुरु रहमान ने कहा कि ऐसे स्तरहीन प्रश्न की ना तो कोई शिक्षकों ने कल्पना की थी ना छात्रों ने कल्पना की थी. आज 22 केंद्रों पर परीक्षा आयोजित कराकर बीपीएससी ने सिविल सर्विसेज परीक्षा का मजाक बनाया है. इस स्थिति में एकमात्र विकल्प बचता है कि पूरी परीक्षा कैंसिल करके री एग्जाम कंडक्ट कराई जाए. आज भी वह यही डिमांड कर रहे हैं कि री एग्जाम हो और स्तरीय प्रश्न पूछा जाए जिस प्रकार यूपीएससी प्रीलिम्स में प्रश्न पूछे जाते हैं. सभी शिक्षक एकजुट है और छात्रों के री एग्जाम के डिमांड को समर्थन कर रहे हैं.

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