पौड़ी:गढ़वाल वन प्रभाग पौड़ी की ओर से वन्यजीवों से संबंधित अपराधों और तस्करी को रोकने के लिये भारतीय वन्य जीव संस्थान की मदद से एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें वन विभाग के कर्मचारियों को वन्यजीव कानून और अदालत में अपनाई जाने वाली प्रक्रियाओं की जानकारी दी. कार्यक्रम में वन्यजीव कानून, वन्यजीव अपराध, तस्करी और अदालत में अपनाई जाने वाली प्रक्रियाओं के बारे में बताया गया.
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उत्तराखंड में वन्यजीव तस्करी के मामले लगातार सामने आते हैं. जिसको देखते हुए पौड़ी में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Oct 28, 2024, 8:24 AM IST
आयुक्त सभागार पौड़ी में गढ़वाल वन प्रभाग पौड़ी की ओर से भारतीय वन्यजीव संस्थान की मदद से फॉरेंसिक कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में वन विभाग पौड़ी के कर्मचारियों को फॉरेंसिक और साक्ष्य संग्रह का प्रशिक्षण दिया गया. कार्यशाला में डॉ. सीपी शर्मा ने वन्यजीव कानून, वन्यजीव अपराध, तस्करी और अदालत में अपनाई जाने वाली विभिन्न प्रक्रियाओं की जानकारी भी दी. कार्यक्रम दौरान क्षेत्र में होने वाली वास्तविक समस्याओं का व्याख्यान व अपराध घटनास्थल जांच के माध्यम से बताने का प्रयास किया गया. कार्यक्रम में बताया गया कि वन विभाग में वन्यजीव फॉरेंसिक बहुत ही महत्वपूर्ण है. यह अवैध वन्यजीव व्यापार, शिकार और तस्करी से निपटने में मदद करता है.
साथ ही यह प्रजातियों की पहचान करना और वन्यजीव उत्पादों के स्रोत का पता लगाकर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने में भी मदद करता है. वहीं गढ़वाल वन विभाग पौड़ी के डीएफओ स्वप्निल अनिरुद्ध ने बताया कि कार्यशाला की मदद से विभागीय कर्मचारियों को अधिक से अधिक जानकारी देना ही मुख्य उद्देश्य था. कहा कि घटना के दौरान विभिन्न पहलू कर्मचारियों के समक्ष आते हैं. इसलिए सभी पहलुओं को कर्मचारियों को समझाया गया, ताकि आने वाले समय में यदि इस तरह की कोई घटना घटती है तो उन्हें किसी प्रकार की कोई समस्या ना हो.
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