केवाईसी के लिए ठंड में कंपकपाने को मजबूर महिलाएं, पेंड्रा में बैंक के बाहर कर रहीं रतजगा - महतारी वंदन योजना
Women Spending Night Outside Bank गौरेला पेंड्रा मरवाही में ग्रामीण महिलाएं केवाईसी के लिए रातजगा कर रही हैं. ठंड में सड़क किनारे महिलाएं परिवार के साथ डटी रहती हैं.इस पर भी ये तय नहीं होता कि महिलाओं की केवाईसी हो पाएगी या नहीं.क्योंकि यदि लिंक फेल हुआ तो पूरे दिन और रात की मेहनत बेकार हो जाती है.ऊपर से बैंक कर्मी सिर्फ 50 केवाईसी करके बाकियों को अगले दिन का टोकन थमाकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रहे हैं.Struggle for Mahtari Vandan Yojana
गौरेला पेंड्रा मरवाही : महतारी वंदन योजना में दिए गए खाते को आधार से लिंक कराने के लिए अब महिलाओं के पसीने छूट रहे हैं.ग्रामीण क्षेत्रों में बैंककर्मियों की मनमानी के कारण महिलाओं को बैंक के बार रात काटनी पड़ रही है. बैंककर्मी एक दिन में 50 केवाईसी कर रहे हैं. बाकी हुए बचे हुए लोगों को टोकन जारी कर रहे हैं.जिससे बचे हुए लोग अपनी बारी का इंतजार करते-करते पूरी रात बैंक के बाहर गुजार रहे हैं. इसमें कई लोग ऐसे भी हैं जो सिर्फ टोकन लेने के लिए रात को बैंक के बाहर अपना बिस्तरा लगा रहे हैं.
बैंक सीमित लोगों का ही कर रहा केवाईसी :महतारी वंदन योजना और किसान न्याय योजना में लाभार्थी बने ग्रामीणों को अब पैसे लेने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. बैंक खातों को सक्रिय बनाए रखने के लिए केवाईसी का नियम है.लिहाजा ग्रामीण केवाईसी के लिए बैंक में पहुंच रहे हैं.लेकिन बैंक सीमित लोगों का ही केवाईसी कर रहे हैं.जिसके कारण बचे हुए लोगों को टोकन लेकर वापस लौटना पड़ रहा है.जिन्हें टोकन नहीं मिला,वो टोकन के इंतजार में बैंक में रात में ही लाइन लगा लेते हैं.
50 किलोमीटर दूर से आए हैं ग्रामीण :केवाईसी कराने के लिए आसपास के 50 किलोमीटर दूर के ग्रामीण बैंक आ रहे हैं.इन ग्रामीणों के गांवों में कियोस्क सेंटर की व्यवस्था है.बावजूद इसके कियोस्क सेंटर्स को केवाईसी करने की अनुमति नहीं है.इसलिए सभी लोगों को नजदीकी बैंक आना पड़ रहा है.ऐसे में महिलाएं और पुरुष अपना कामकाज छोड़कर ठंड में रात गुजार रहे हैं.
लिंक फेल होने पर दोगुनी मुसीबत : एक दिन पहले टोकन लेकर रात ठंड में गुजारना यहां तक को ठीक है.लेकिन जिस दिन बैंक का लिंक फेल होता है,उस दिन कोई काम नहीं होता.इसलिए ग्रामीण वापस घर जाने के बजाए एक दिन और ठंड में गुजारने के लिए तैयार रहते हैं.कई ग्रामीण केवाईसी के लिए महीने भर से बैंक के चक्कर काट रहे हैं.लेकिन उनका काम नहीं हो रहा.
किसी अधिकारी जनप्रतिनिधि को नहीं है खबर :इस मामले की बड़ी विडंबना ये है कि शहर के बीच में ग्रामीण सिर्फ केवाईसी के लिए कंपकपाने वाली ठंड में रात सड़क किनारे गुजार रहे हैं.लेकिन इस मामले में ना ही जनप्रतिनिधि और ना ही अधिकारियों का ध्यान गया.मीडिया के दखल के बाद अब प्रशासन को इस बात की जानकारी हुई है. आपको बता दें कि महतारी वंदन योजना में 2 मार्च तक सभी लाभार्थी महिलाओं को बैंक संबंधित अपनी औपचारिकताएं पूरी करनी है.जिनका केवाईसी नहीं होगा उसके खाते में पैसे नहीं आएंगे.इसलिए ग्रामीण महिलाएं सबसे ज्यादा परेशान हैं.