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महिला सुरक्षा एवं सलाह केंद्र हो रहे अपने मकसद में कामयाब, कई घरों को टूटने से बचाया - Women safety and advice centers

राज्य सरकार के महिला अधिकारिता विभाग की ओर से लगभग एक साल पहले नागौर जिले के नागौर, कुचामन सिटी, डीडवाना, लाडनूं, मकराना, मेड़ता, मूंडवा, डेगाना और जायल के पुलिस थानों में महिला सुरक्षा व सलाह केंद्र शुरू किए थे, जो अब अपने मकसद को पूरा करते नजर भी आ रहे हैं. इनके प्रयास से कई घर टूटने से बच रहे हैं.

WOMEN SAFETY AND ADVICE CENTERS
महिला सुरक्षा एवं सलाह केंद्र हो रहे अपने मकसद में कामयाब (Etv Bharat)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 28, 2024, 8:55 AM IST

महिला सुरक्षा एवं सलाह केंद्र हो रहे अपने मकसद में कामयाब (Etv Bharat)

कुचामन सिटी. महिला सुरक्षा, घरेलू हिंसा, पति-पत्नी में अलगाव, दहेज से जुड़े विवादों को समझाइश के जरिए खत्म कर राजीनामा कराने के मकसद से लगभग एक साल पहले नागौर जिले में 9 महिला सुरक्षा एवं सलाह केंद्र शुरू किए गए थे. ये केंद्र जिस मकसद के साथ शुरू किए गए थे, वो पूरा होता नजर आ रहा है. क्योंकि इन केंद्रों पर आने वाले लगभग 70 फीसदी मामले समझाइश और काउंसलिंग के जरिए सुलझ रहे हैं और कई घर टूटने से बच रहे हैं.

राज्य सरकार के महिला अधिकारिता विभाग की ओर से लगभग एक साल पहले नागौर जिले के नागौर, कुचामन सिटी, डीडवाना, लाडनूं, मकराना, मेड़ता, मूंडवा, डेगाना और जायल के पुलिस थानों में महिला सुरक्षा व सलाह केंद्र शुरू किए थे. कुचामन थानाधिकारी सुरेश कुमार चौधरी ने बताया कि जिले में महिला सुरक्षा एवं सलाह केंद्र नियमन और अनुदान योजना (संशोधित) 2017 के तहत शुरू किए गए थे. इस योजना का उद्देश्य सामाजिक और पारिवारिक स्तर पर किसी भी रूप में हिंसा से उत्पीड़ित महिला की तुरंत सहायता, मार्गदर्शन और उसके संवैधानिक अधिकारों का संरक्षण करना है.

उन्होंने बताया कि कुचामन थाने में भी महिलाओं से जुड़े ऐसे मामले आते हैं तो वे उसे कुचामन थाने में संचालित हो रहे महिला सुरक्षा एवं सलाह केंद्र में भेज देते है. इस केंद्र में एक लीगल एक्सपर्ट और एक मनोविज्ञान में दक्ष सदस्य द्वारा महिलाओं को उनके अधिकारों से संबंधित जानकारी और घरेलू हिंसा के मामले में क्या किया जाए, इसकी जानकारी देने के साथ ही महिला अत्याचार से पीड़ित महिलाओं को कानूनी सलाह उपलब्ध कराई जाती है. साथ ही काउंसलिंग और समझाइश के जरिए मामले को सुलझाने की पूरी कोशिश की जाती है.

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महिला सुरक्षा और सलाह केंद्र, महिलाओं के साथ हुए डोमेस्टिक वायलेंस, उत्पीड़न या अन्य किसी भी तरीके के उत्पीड़न मामले में महिलाओं को सलाह देने के लिए उपयोगी साबित हो रहा है. पुलिस अधिकारी मानते हैं कि रिश्तों में दरार पिछले पांच साल में बढ़ी है. संयुक्त परिवार टूट रहे हैं, एकाकी परिवार में इस तरह की नकारात्मक मानसिकता आ रही है. नवविवाहित पति-पत्नी के बीच भी विवाद के मामले थाने में आ रहे हैं. नागौर जिले में स्थापित 9 सलाह केंद्रों पर साल 2024 में कुल 129 मामले आए, जिनमें से से 91 परिवादों में सलाह समझाइश कर मामला सुलझाया गया. बाकी मामलों में परिवाद की सलाह दी गई.

महिला अधिकारिता विभाग नागौर द्वारा कुचामन थाने में संचालित हो रहे महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र में लीगल एक्सपर्ट एडवोकेट मोनिका चौधरी व एनजीओ की संतोष कंवर ने बताया ने कि हमारा पूरा प्रयास रहता है कि घर परिवार बना रहे. काउंसलिंग के बाद भी मामला नहीं सुलझता है तो फिर आगे की कानूनी कार्रवाई की सलाह दी जाती है. उन्होंने बताया की ज्यादातर प्रकरण घरेलू हिंसा और आपसी मनमुटाव के आते हैं.

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