कुचामन सिटी. महिला सुरक्षा, घरेलू हिंसा, पति-पत्नी में अलगाव, दहेज से जुड़े विवादों को समझाइश के जरिए खत्म कर राजीनामा कराने के मकसद से लगभग एक साल पहले नागौर जिले में 9 महिला सुरक्षा एवं सलाह केंद्र शुरू किए गए थे. ये केंद्र जिस मकसद के साथ शुरू किए गए थे, वो पूरा होता नजर आ रहा है. क्योंकि इन केंद्रों पर आने वाले लगभग 70 फीसदी मामले समझाइश और काउंसलिंग के जरिए सुलझ रहे हैं और कई घर टूटने से बच रहे हैं.
राज्य सरकार के महिला अधिकारिता विभाग की ओर से लगभग एक साल पहले नागौर जिले के नागौर, कुचामन सिटी, डीडवाना, लाडनूं, मकराना, मेड़ता, मूंडवा, डेगाना और जायल के पुलिस थानों में महिला सुरक्षा व सलाह केंद्र शुरू किए थे. कुचामन थानाधिकारी सुरेश कुमार चौधरी ने बताया कि जिले में महिला सुरक्षा एवं सलाह केंद्र नियमन और अनुदान योजना (संशोधित) 2017 के तहत शुरू किए गए थे. इस योजना का उद्देश्य सामाजिक और पारिवारिक स्तर पर किसी भी रूप में हिंसा से उत्पीड़ित महिला की तुरंत सहायता, मार्गदर्शन और उसके संवैधानिक अधिकारों का संरक्षण करना है.
उन्होंने बताया कि कुचामन थाने में भी महिलाओं से जुड़े ऐसे मामले आते हैं तो वे उसे कुचामन थाने में संचालित हो रहे महिला सुरक्षा एवं सलाह केंद्र में भेज देते है. इस केंद्र में एक लीगल एक्सपर्ट और एक मनोविज्ञान में दक्ष सदस्य द्वारा महिलाओं को उनके अधिकारों से संबंधित जानकारी और घरेलू हिंसा के मामले में क्या किया जाए, इसकी जानकारी देने के साथ ही महिला अत्याचार से पीड़ित महिलाओं को कानूनी सलाह उपलब्ध कराई जाती है. साथ ही काउंसलिंग और समझाइश के जरिए मामले को सुलझाने की पूरी कोशिश की जाती है.