धनबाद:अवैध माइनिंग के खिलाफ शनिवार को ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा. ग्रामीण लगातार पुलिस और सीआईएसएफ से अवैध माइंस को बंद कराने की शिकायत कर रहे थे, लेकिन ना तो पुलिस और ना ही सीआईएसएफ इस मुहाने को बंद कराने की कार्रवाई कर रही थी. शनिवार को महिलाओं का गुस्सा फूटा और उन्होंने सीआईएसएफ के वाहन को घेर लिया. कुछ महिलाएं सीआईएसएफ के वाहन पर बैठ गई. जिसके बाद मजबूर होकर सीआईएसएफ और पुलिस की टीम को अवैध माइंस के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ी.
दरअसल, यह मामला बाघमारा पुलिस अनुमंडल के कतरास थाना क्षेत्र अंतर्गत अंगारपथरा ओपी क्षेत्र की है. क्षेत्र के कांटा पहाड़ी में ईटीवी भारत की टीम ने इस मामले की ग्राउंड जीरो से रिपोर्टिंग की. ग्राउंड रिपोर्टिंग के दौरान जो तथ्य सामने आए, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इलाके में अवैध माइनिंग के जरिए कोयले का उत्खनन किया जा रहा है.
अवैध माइंस के सवालों से भागते अफसर और समस्या बताती महिलाएं (ईटीवी भारत) अवैध माइंस के मुहाने के बाहर कोयले से भरे असंख्य बोरे इस बात की चीख-चीख कर गवाही दे रहे हैं कि बड़े पैमाने पर यहां से कोयले की तस्करी का गोरखधंधा चल रहा है. लेकिन जवाब ना तो स्थानीय पुलिस के पास है और ना ही सीआईएसएफ के पास है. जबकि सीआईएसएफ की कैंप माइंस से महज 300 मीटर की दूरी पर है. मामले को लेकर सवाल पूछने पर पुलिस और सीआईएसएफ के अधिकारी ईटीवी भारत की टीम से भागते रहे.
ग्राउंड जीरो से ईटीवी भारत संवाददाता नरेंद्र निषाद (ईटीवी भारत) इस पूरे मामले को लेकर ईटीवी भारत ने स्थानीय महिलाओं से बातचीत की. जिसमें स्थानीय महिला नीलम देवी ने कहा अवैध माइनिंग के कारण हमारा घर धंसने की कगार पर है. उन्होंने कहा कि हम लोग माइंस के अंदर घुसकर देखे हैं, अंदर जो कंडीशन है, आज नहीं तो कल हमारा घर धंस जाएगा. हम लोग कब मर जाएंगे, हमारी जिंदगी का कोई भरोसा नहीं है. माइंस के अंदर से कोयला काटा जा रहा है. बीसीसीएल की यह पुरानी माइंस है. आबादी वाले क्षेत्र में बीसीसीएल के द्वारा माइनिंग के दौरान पिलर छोड़ा गया है. जिसके ऊपर हमलोगों का घर टीका हुआ है. कोयला तस्करों के द्वारा उसी सेफ्टी पिलर को काटकर कोयला निकाला जा रहा है. पिलर अगर काट दिया जाएगा तो घर भी उसी में समाहित हो जाएगा.
स्थानीय महिला आरती ने बताया कि आसपास इसके छह अवैध माइंस चलाए जा रहे हैं. हम चाहते हैं कि सभी माइंस को बंद कर दिया जाए. अवैध माइंस के चलने से घर के आसपास भू-धंसान होने लगा है. हम लोग अगर मर जाएंगे तो हम लोगों को कोई कुछ देने वाला नहीं है. लगातार शिकायत करने के बाद भी पुलिस और सीआईएसएफ कार्रवाई नहीं करती है.
आज सीआईएसएफ वाहन को रोका और उसका घेराव ही नहीं किया बल्कि उसके वाहन में बैठे, तब जाकर अवैध माइंस की भराई शुरू हुई है. वहीं रिहाना खातून ने कहा कि कोयला निकालने के कारण हमारा घर कभी भी धंस सकता है. हम नहीं चाहते हैं कि यहां कोयले का उत्खनन हो.
मौके पर मौजूद सीआईएसएफ के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर उत्तम चंद अहरिहार से पूछा गया कि यहां क्या कार्रवाई चल रही है, तो वह जवाब देने में आनाकानी करने लगे. उन्होंने कहा हमारे अफसरों से पूछो हम नहीं जानते हैं. घटना को लेकर जब अंगारपथरा ओपी प्रभारी विशाल विधाता से भी पूछने पर वह भी मामले से पीछा छुड़ाते नजर आए. उन्होंने कहा कि हम बताने के लिए ऑथराइज्ड नहीं हैं.
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