कोरबा: निजी बैंकों की ओर से कर्ज की राशि वसूली के लिए महिलाओं पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है. जिससे प्रताड़ित महिलाओं ने शहर के तानसेन चौक पर हल्लाबोल धरना प्रदर्शन के साथ भूख हड़ताल शुरू कर दिया है.
जानिए पूरा मामला: कोरबा जिले मेंफ्लोरा मैक्स नाम की कंपनी साल 2022 में तैयार की गई. मार्ट की तर्ज पर खुली इस कंपनी ने महिलाओं को आजीविका दिलाने के नाम पर झांसे में लिया. महिलाओं को 30-30 हजार रुपये के लोन बैंक सहित 45 निजी फाइनेंस कंपनियों से दिलवाए. जिसकी कुल रकम का आंकलन अब तक 110 करोड़ रुपये है. लोन की रकम कंपनी अपने पास रखती थी, उसके बदले महिलाओं को उतने रुपये का सामान दिया जाता था. महिलाओं को लोन की राशि जमा करने के लिए कंपनी की ओर से 2700 रुपये बतौर सैलरी हर महीने दी जाती थी. कंपनी से 40 हजार से भी अधिक महिलाएं जुड़ी हैं.
स्वरोजगार के बहाने ठगी: कुछ दिनों तक सबकुछ ठीक चला. बाद में व्यापार में घाटा का हवाला देकर कंपनी ने किस्त की राशि देना बंद कर दिया. कंपनी से जुड़े कुछ लोग ढाई करोड़ से भी ज्यादा की राशि लेकर फरार हो गए. जिससे कंपनी बंद हो गई. जिन महिलाओं के नाम पर लोन था, फाइनेंस कंपनियां उन पर वसूली का दबाव बनाना शुरू कर दिया. जिन महिलाओं ने कंपनी पर भरोसा करके पैसा जमा किया था उन पर बैंक से कर्ज वसूली का दबाव बढ़ गया है.
महिलाओं पर वसूली का भारी दबाव: कर्जदार महिलाओं के घर में निजी बैंक कर्मचारी राशि जमा करने के लिए दबाव बना रहे हैं. बैंक के मानसिक प्रताड़ना से परेशान महिलाओं ने प्रशासन से न्याय की गुहार को लेकर अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है.