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झारखंड भाजपा में महिला कैडर की अनदेखी! दूसरे दल से आईं अन्नपूर्णा के बाद सीता और गीता को बनाया प्रत्याशी, फैसले पर बहस शुरू - Lok Sabha Election 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

BJP Women candidates. दूसरे दल से बीजेपी में आने वाली अन्नपूर्णा देवी के बाद सीता सोरेन और गीता कोड़ा को बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में अपना प्रत्याशी बनाया है. ऐसे में इस बात की अब चर्चा होने लगी है कि झारखंड बीजेपी में महिला कैडर की अनदेखी हो रही है. इसे लेकर पक्ष और विरोध में क्या दलीलें दी जा रही है, इस रिपोर्ट में पढ़ें.

BJP Women candidates
BJP Women candidates

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 26, 2024, 6:49 PM IST

रांची: भाजपा खुद को आधी आबादी के हक की पक्षधर बताती है. महिलाओं को संसद और विधानसभाओं में 33 फीसदी आरक्षण देने के लिए सितंबर में नारी शक्ति वंदन विधेयक को दोनों सदनों से पारित भी कराया था. हालांकि जनगणना के आंकड़ों और परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही इससे जुड़े प्रावधान लागू होंगे. बावजूद इसके झारखंड के चुनावों में भाजपा को दूसरे दलों से आई महिला नेताओं पर ज्यादा भरोसा करना पड़ रहा है. भाजपा ने झारखंड की कुल 14 लोकसभा सीटों में से 13 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है. इनमें तीन सीटों पर जिन महिला प्रत्याशियों का नाम घोषित किया है, वे सभी दूसरे दलों से आई हैं. विधानसभा में भी भाजपा का यही हाल है.

अन्नपूर्णा के बाद भाजपा को मिला सीता और गीता का सहारा

इस समीकरण को समझने के लिए थोड़ा पीछे जाना होगा. 2019 के लोकसभा चुनाव के वक्त 14 में से 11 सीटें भाजपा ने जीती थी. इसमें बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद की बेहद करीबी और झारखंड राजद की प्रदेश अध्यक्ष रहीं अन्नपूर्णा देवी का नाम शामिल था, जिन्होंने पूरे राज्य में सबसे ज्यादा वोट के अंतर से कोडरमा सीट पर जीत का रिकॉर्ड कायम किया था. इसका उन्हें इनाम भी मिला. मोदी कैबिनेट में राज्य मंत्री बन गईं.

2024 के चुनाव में इस लिस्ट में दो और महिलाओं का नाम जुड़ गया है. झामुमो से आईं शिबू सोरेन की बड़ी बहू और जामा से विधायक रहीं सीता सोरेन को दुमका तो कांग्रेस को सिंहभूम सीट जीताने वाली इकलौती सांसद रहीं गीता कोड़ा को भाजपा ने सिंहभूम का प्रत्याशी बनाकर राजनीतिक समीकरण को बदल दिया है. जाहिर है कि अपने महिला कैडर की अनदेखी कर भाजपा को ऐसा फैसला लेना पड़ा है. लिहाजा, इसपर बहस शुरु हो गई है.

भाजपा और विपक्ष की महिला नेताओं की प्रतिक्रिया

प्रदेश महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष आभा सिन्हा का कहना है कि भाजपा टारगेट करके काम करती है. जो इनके पास नहीं आते हैं तो ईडी और सीबीआई को पीछे लगा दिया जाता है. सीता सोरेन और गीता कोड़ा का भाजपा में जाना इसी ओर इशारा कर रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि कुछ महिला नेत्रियों को लगता है कि भाजपा में जाने से उनको दोतरफा लाभ मिल सकता है. एक तो जीत का स्वार्थ पूरा होने की संभावना बढ़ जाती है और कानूनी पचड़ों से राहत की गारंटी भी मिल जाती है.

आभा सिन्हा ने कहा कि हर पार्टी कैडर के बल पर चलती है. मैं कांग्रेस की सच्ची सिपाही हूं. मुझे कुछ नहीं मिला फिर भी अपनी पार्टी से प्यार है. अगर भाजपा को अपनी महिला कैडर पर भरोसा होता तो दूसरे दल की नेत्रियों को तरजीह नहीं मिलती. आखिर किस आधार पर भाजपा वाले कह रहे हैं कि 400 से ज्यादा सीटें जीतेंगे. पूरा खेल ईवीएम का है. अगर बैलेट से वोटिंग होती तो सच खुद सामने आ जाता.

प्रदेश भाजपा की उपाध्यक्ष आरती कुजूर का कहना है कि भाजपा एक कैडर वाली पार्टी है. यह सही है कि सबको मौका मिलना चाहिए. लेकिन यह पार्टी अनुशासन से चलती है. सीता सोरेन हों या गीता कोड़ा, इस पार्टी में जो भी शामिल होता है, वह परिवार का सदस्य बन जाता है. हमें पार्टी जो भी टास्क देती है, उसको शिद्दत के साथ पूरा करते हैं. यही वजह है कि दूसरी पार्टी के नेता भाजपा में आना चाहते हैं. यहां परिवारवाद नहीं है.

आधी आबादी को हक के मामले में किसका पलड़ा भारी

2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की टिकट पर कोडरमा से सिर्फ अन्नपूर्णा देवी की जीत हुई थी. जबकि कांग्रेस की टिकट पर सिंहभूम से गीता कोड़ा ने बाजी मारी थी. शेष 12 सीटों में से एक पर झामुमो, एक पर आजसू और 10 सीटों पर भाजपा के पुरुष प्रत्याशी जीते थे. लेकिन विधानसभा में आधी आबादी को भागीदारी मामले में भाजपा काफी पीछे है. झारखंड विधानसभा में कुल 12 महिला विधायक हैं. इनमें भाजपा की तीन महिला विधायक हैं जिनमें पुष्पा देवी राजद से तो अपर्णा सेन गुप्ता फॉर्वर्ड ब्लॉक से आकर विजयी हुई हैं. एक मात्र नीरा यादव विधायक हैं जो भाजपा कैडर की हैं.

कांग्रेस की कुल चार महिला विधायक हैं. इनमें अंबा प्रसाद, दीपिका पांडेय सिंह, नेहा शिल्पी तिर्की और पूर्णिमा सिंह के नाम शामिल हैं. सभी कांग्रेस कैडर की हैं. इसके अलावा झामुमो के पास चार महिला विधायक हैं. इनमें बेबी देवी, सबिता महतो, जोबा मांझी और सीता सोरेन का नाम शामिल हैं. इसके अलावा एनडीए की सहयोगी आजसू से गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी की पत्नी सुनीता देवी उपचुनाव जीतकर विधायक बनी हैं. इस लिहाज से एनडीए के पास कुल चार तो इंडिया गठबंधन के पास आठ महिला विधायक हैं. आंकड़े बताते हैं कि विधानसभा में आधी आबादी को प्रतिनिधित्व देने के मामले में भाजपा बहुत पीछे है.

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