गया:नवरात्रमें माता दुर्गा की आराधना में भक्त जुटे हुए हैं. भक्ति के विविध रूप देखने को मिल रहे हैं. इसी क्रम में बिहार के गया में एक मां ने देवी मां से मन्नत रखी. पूरी हुई तो अपने सीने पर कलश की स्थापना कर नवरात्रि कर रही है.
बेटे की आंखों की चली गई थी रोशनी: बिना अन्न जल के, बिना हिले डुले यह मां नवरात्रा कर रही है. दरअसल, शोभा देवी नाम की महिला के बेटे के आंखों की रोशनी चली गई थी. डॉक्टर ने जवाब दे दिया था, लेकिन माता के दरबार ने शोभा देवी की मन्नत पूरी कर दी और उसके बेटे की आंखों की रोशनी वापस लौट आई.
"बेटे की आंखों की रोशनी के लिए मन्नत मांगी थी कि छाती पर कलश स्थापना करेंगे. मन्नत पूरा कर रही है. अन्न जल ग्रहण नहीं करेंगी."-निशांत गौरव, पुजारी
सीने पर कलश स्थापना कर नवरात्र: जानकारी के अनुसार औरंगाबाद की रहने वाली शोभा देवी उर्फ संध्या वर्तमान में गया के मगध कॉलोनी रोड नंबर 3 में रहती है. उनके पुत्र आदित्य सिंह की कुछ वर्ष पहले आंखों में बीमारी आ गई थी. डॉक्टर के यहां दिखाते-दिखाते वह परेशान हो गई. स्थिति यह हो गई कि आदित्य को आंखों से कुछ दिखने नहीं लगा. डॉक्टर ने भी जवाब दे दिया. हताश परेशान एक मां आखिरकार माता के दरबार में पहुंच गई और मन्नत रख दी.
मां दुर्गा का दिखा चमत्कार: शोभा देवी ने माता से मन्नत रखी थी, कि मेरे बेटे की रोशनी लौटा दो मां. मेरी मन्नत पूरी हो गई तो सीने पर कलश स्थापना कर नवरात्र करूंगी. हर ओर से थक हार चुकी शोभा देवी की माता ने सुन ली और जो असंभव था, वह संभव हो गया. जिसे डॉक्टर ने जवाब दे दिया था कि इसकी आंखों की रोशनी चली गई है. उसकी रोशनी वापस आ गई. माता के दरबार में मन्नत पूरी होते ही शोभा देवी ने इस वर्ष सीने पर कलश स्थापना करने की ठानी और वह पूरा कर रही है.
बिना अन्न जल के बिना हिले डुले सीने पर कलश स्थापना: शोभा देवी नवरात्रि कर रही है. महावीर मंदिर के पुजारी निशांत गौरव ने बताया कि शोभा देवी ने माता से मन्नत रखी थी. उनकी मन्नत पूरी हो गई, तो वह इस बार नवरात्र कर रही है. उन्होंने सीने पर कलश स्थापना किया है. नवरात्र के नौ दिनों के अलावे दशमी तक वह इसी रूप में रहेगी. बिना अन्न जल के, बिना हिले डुले शोभा देवी माता की आराधना कर रही है. माता की भक्ति के अलग-अलग रूप है, जिसमें एक यह रूप भी है, जिसमें अनोखी भक्ति देखने को मिल रही है.