समस्तीपुर:समस्तीपुर मंडल यात्रियों की सेवा के लिए सदैव तत्पर है. किसी यात्री को सहायता की जरूरत पड़ने पर हम उसकी हर संभव सहायता करने को तैयार हैं, रेलवे ने इसी स्लोगन को चरितार्थ किया है. दरअसल जन्माष्टमी के दिन वाणिज्य नियंत्रण कक्ष को 3:40 बजे सूचना प्राप्त हुई कि, ट्रेन नंबर 12554 वैशाली एक्सप्रेस के जनरल कोच में एक महिला कोप्रसव पीड़ा शुरू हो गई है.
ट्रेन में गूंजी किलकारी: जनरल कोच, जो गार्ड कोच से सटा हुआ होता है, उसमें सहरसा निवासी मो. मेराज की गर्भवती पत्नी मुन्नी खातून को बहुत तेज लेबर पेन होने के बाद सभी यात्री काफी डर गए. वहीं रेलवे कंट्रोल रूम ने तत्काल इसकी सूचना मंडलीय चिकित्सालय, समस्तीपुर को दी. सूचना मिलने ही मेडिकल टीम इमरजेंसी डॉक्टर रेखा साहू के नेतृत्व में अन्य मेडिकल स्टाफ के साथ स्टेशन पर पहुंच गई.
जन्माष्टमी के दिन आए कान्हा:जैसे ही ट्रेन समस्तीपुर स्टेशन पर रुकी वैसे ही महिला को अस्पताल ले जाने की कवायद शुरू की गई. हालांकि अधिक समय नहीं रहने के कारण चिकित्सक और अन्य टीम ने बोगी को ही कपड़े से घेरकर वहीं पर प्रसव कराया. ट्रेन के अंदर ही संबंधित बोगी में मेडिकल टीम द्वारा उक्त महिला की सुरक्षित रूप से डिलीवरी करायी गयी. वहीं उचित दवाइयां एवं उपचार देकर मरीज की पूरी तरह से स्वास्थ्य जांच की गई. डिलीवरी करने वाली रेलवे की डॉक्टर रेखा साहू की मानें तो , बच्चा और मां पूर्ण रूप से स्वस्थ होने पर ही उन्हें आगे सहरसा के सफर के लिए रवाना किया गया.
सभी ने रेलवे को दिया धन्यवाद: वैसे इस दौरान बोगी के अंदर यात्रा कर रह यात्रियों के साथ ही बहार प्लेटफॉर्म पर रेल यात्रियों में कौतूहल बना रहा. जन्माष्टमी के दिन ट्रेन में गूंजी किलकारी को लेकर लोगों में तरह-तरह की चर्चा होती रही. सभी खुशी से झूमते नजर आए और जन्माष्टमी के दिन बेटे के जन्म को लेकर कहने लगे कि 'कान्हा आ गए हैं'. गौरतलब है कि , रेलवे मेडिकल टीम द्वारा की गयी सहायता के लिए मरीज के परिजनों व अन्य रेल यात्रियों ने रेलवे को धन्यवाद दिया. वहीं डिवीजन ने अपने स्लोगन , यात्रियों के सेवा में सदैव तत्पर को लेकर एक बेहतर उदाहरण दिया.
लोगों ने किया एक से बढ़कर एक कमेंट: वहीं चलती ट्रेन में किलकारी गूंजने के बाद से सोशल मीडिया पर परिजनों को खूब बधाईयां तो मिल ही रही हैं, साथ ही लोग तरह-तरह के सवाल भी कर रहे हैं. एक यूजर्स वैजनाथ यादव ने रेलवे से पूछा है कि बच्चे के जन्मदिन पर उसको फ्री में यात्रा करने जैसा कोई पास अगर दिया गया तो बहुत अच्छा होगा. रेलवे प्रशासन इस बात पर विचार कर सकते हैं. वहीं एक और यूजर्स विनोद तिवारी ने तो बच्चे का नामकरण ही कर दिया और कहा कि इसका नाम ट्रेन कुमार होना चाहिए. एक अन्य यूजर्स लिखते हैं अति उत्तम बच्ची का नाम भी वैशाली रख दो. लड़की हुई है तो नाम वैशाली होना चाहिए. वहीं नीरज कहते हैं कि लड़का हुआ तो सतीश- समस्तीपुर उर्फ कंट्रोल बाबू नाम होना चाहिए.
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