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क्या नीतीश कुमार और चिराग पासवान दिल्ली में खाता खोल पाएंगे? आप के 'बुराड़ी-देवली' में होगी सेंधमारी! - DELHI ASSEMBLY ELECTION 2025

दिल्ली में मतदान हो चुके हैं. 8 तारीख को आने वाले रिजल्ट पर सबकी निगाह टिकी है. इसमें नीतीश-चिराग का दांव भी साख पर है.

NITISH KUMAR AND CHIRAG PASWAN
नीतीश कुमार और चिराग पासवान (Etv Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 6, 2025, 6:31 PM IST

पटना : दिल्ली विधानसभा चुनाव के रिजल्ट पर पूरे देश की नजर है. इस बार बीजेपी के साथ नीतीश कुमार और चिराग पासवान की पार्टी का भी तालमेल हुआ है. जहां जदयू को बुराड़ी सीट मिला है तो वहीं एलजेपीआर को देवली सीट. दोनों सीट पर आम आदमी पार्टी (आप) से ही मुकाबला है. दोनों दलों का दावा है कि जीत एनडीए उम्मीदवार की ही होगी. कुल मिलाकर दिल्ली में नीतीश कुमार और चिराग पासवान की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है क्योंकि दोनों सीटों पर आप के उम्मीदवार हैट्रिक लगा चुके हैं और चौथी बार मैदान में है.

दिल्ली की जंग में चिराग और नीतीश : जदयू का दिल्ली में 2015 और 2020 में खाता नहीं खुला था. अब इस बार भी जदयू ने शैलेंद्र कुमार को ही चुनाव मैदान में उतारा है. तो वहीं दूसरी तरफ देवली से चिराग पासवान ने दीपक तंवर को मौका दिया है. जहां चिराग पासवान ने अंतिम दिनों में पूरी ताकत दिल्ली चुनाव में लगाई. वहीं जदयू के वरिष्ठ नेताओं के साथ बिहार के कई मंत्रियों ने भी ताकत झोंकी.

देखें NDA के नेताओं ने दिल्ली परिणाम पर क्या कहा (Etv Bharat)

JDU के शैलेंद्र कुमार का AAP के संजीव झा से मुकाबला :दिल्ली विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार चुनाव प्रचार में तो नहीं गए लेकिन जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह, बिहार के कई मंत्री चुनाव प्रचार में गए थे. ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार सहित पार्टी के कई नेता दिल्ली में बुराड़ी विधानसभा सीट पर अपने उम्मीदवार शैलेंद्र कुमार के पक्ष में प्रचार किया.

बुराड़ी विधानसभा की सीट पर पूर्वांचल के मतदाताओं का दबदबा है. उनकी संख्या काफी है. बुराड़ी विधानसभा सीट पर पूर्वांचल मतदाताओं की संख्या करीब 30 प्रतिशत से अधिक बताई जाती है. इसलिए दूसरे राजनीतिक दल बिहारी मूल के लोगाें को अपना प्रत्याशी बनाते रहे हैें. वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू के शीर्ष नेतृत्व ने भी वहां चुनाव प्रचार किया था. रोड शो भी हुए थे. 2020 में जदयू को बीजेपी से दो सीट मिली था लेकिन किसी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई.

JDU के शैलेंद्र कुमार और नीतीश कुमार (Etv Bharat)

संजीव झा का बुराड़ी में दबदबा : जदयू के शैलेंद्र कुमार इस बार भी बुराड़ी से एनडीए प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं. वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में भी शैलेंद्र कुमार ने जदयू के टिकट पर बुराड़ी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था लेकिन तब आम आदमी पार्टी के संजीव कुमार झा से चुनाव हार गए थे. इस बार भी शैलेंद्र कुमार का आप के संजीव झा से ही सीधा मुकाबला है.

मुकाबला है दिलचस्प : संजीव झा 2013 से आम आदमी पार्टी की टिकट पर बुराड़ी से चुनाव जीतते रहे हैं, हैट्रिक लगा चुके हैं. इस बार चौका लगाते हैं कि नहीं इस पर नजर है. दोनों बिहारी हैं और इसलिए मुकाबला दिलचस्प है. आम आदमी पार्टी के संजीव झा, जदयू के शैलेंद्र कुमार के अलावे कांग्रेस के मंगेश त्यागी भी बुराड़ी की लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है. अब 8 तारीख को पता चलेगा की जीत किसकी होती है.

दिल्ली में प्रचार के दौरान का नजारा (फाइल फोटो) (Etv Bharat)

NDA के पक्ष में हवा- JDU : वैसे जदयू नेताओं का दावा है कि इस बार हवा एनडीए के पक्ष में है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो काम किया है और नीतीश कुमार ने बिहार में जो काम किया है उसके आधार पर जनता एनडीए उम्मीदवार को वोट की है.

''अरविंद केजरीवाल जेल से सरकार चलाने के एकमात्र अनुभवी नेता हैं, साथ ही दो बोतल शराब पर एक फ्री. इसबार मुकाबला एनडीए से है. हमारी पार्टी बुराड़ी से चुनाव जीत रही है. हैट्रिक तो लालू प्रसाद यादव भी लगाए थे लेकिन गए कि नहीं? इस बार एनडीए की जीत होगी और हमें भी उम्मीद है कि बुराड़ी से हम जीतेंगे.''- नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता, जदयू

LJPR के दीपक तंवर चिराग के उम्मीदवार :चिराग पासवान की पार्टी को भी दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक सीट मिली है. देवली से दीपक तंवर को पार्टी ने मौका दिया है. चिराग पासवान ने भी चुनाव प्रचार किया है और दीपक तंवर को अपना नजदीकी बताया है. चिराग पासवान के चुनावी कार्यक्रम में भीड़ भी दिखाई दी है. दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से देवली सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है.

देवली सीट 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी. तब से लेकर अब तक इस सीट पर चार बार विधानसभा चुनाव हुए हैं. इनमें से तीन बार आम आदमी पार्टी ने जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस को केवल एक बार 2008 में जीत मिली थी. आम आदमी पार्टी ने 2013 में पहली बार इस सीट पर जीत हासिल की थी और उसके बाद 2015 और 2020 में भी लगातार जीत का सिलसिला जारी रखा, जिससे इस सीट पर आप का दबदबा बना हुआ है.

LJPR के दीपक तंवर के लिए प्रचार करते चिराग पासवान (फाइल फोटो) (Etv Bharat)

कौन-कौन है मैदान में? : देवली सीट पर मुकाबला इसलिए दिलचस्प है क्योंकि दिल्ली विधानसभा चुनाव में अनुसूचित जाति के वोटर्स महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. देवली सीट पर भी इस समुदाय का बड़ा प्रभाव है. देवली से लड़ रहे उम्मीदवारों में आम आदमी पार्टी से प्रेम चौहान, कांग्रेस पार्टी से राजेश चौहान, लोकजनशक्ति पार्टी रामविलास से दीपक तंवर, बीएसपी से स्मिता के बीच ही मुकाबला होने की बात कही जा रही है. अब 8 तारीख को ही पता चलेगा कि यहां चिराग पासवान का जलवा चलता है या नहीं.

''दिल्ली में एनडीए सरकार बनाने जा रहा है. उसमें एलजेपीआर का भी योगदान होगा. दिल्ली की जनता ने देवली में हमारी पार्टी के उम्मीदवार को भरपूर वोट किया है. हमारे नेता और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने दिल्ली में चुनाव प्रचार कर जीत का अंतर और बढ़ा दिया है. यह तय है कि देवली हम जितने जा रहे हैं और दिल्ली भी.''- विनीत सिंह, प्रवक्ता, लोजपा (आर)

LJPR के दीपक तंवर के लिए प्रचार करते चिराग पासवान (फाइल फोटो) (Etv Bharat)

'दिल्ली की जीत में BJP का होगा रोल' :राजनीतिक विशेषज्ञ प्रिय रंजन भारती का कहना है कि दिल्ली में एनडीए की स्थिति बेहतर है. जदयू और लोकजनशक्ति पार्टी रामविलास के उम्मीदवार चुनाव जीतते हैं तो बीजेपी की भूमिका ही उसमें महत्वपूर्ण होगी. बीजेपी ने इस बार दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की मुश्किल बढ़ा दी है. बीजेपी की ओर से जबरदस्त तैयारी की गई थी. इसलिए एनडीए की जीत होती है तो उसमें जदयू और लोजपा रामविलास की भी जीत होगी.

गठबंधन को मजबूत करने में जुटी है BJP : बता दें कि बीजेपी के साथ नीतीश कुमार और चिराग पासवान का बिहार में ही मुख्य रूप से गठबंधन है, लेकिन दूसरे राज्यों के चुनाव में भी भाजपा इन्हें सीट दे रही है. दिल्ली से पहले झारखंड विधानसभा का चुनाव भी हुआ था और वहां भी बीजेपी के साथ जदयू और चिराग पासवान की पार्टी के साथ तालमेल हुआ था. झारखंड विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान की पार्टी को एक सीट मिली था और नीतीश कुमार की पार्टी को दो सीट. चिराग पासवान का वहां 100% स्ट्राइक रेट रहा है जबकि जदयू को दो में से एक सीट पर ही जीत मिली थी. झारखंड में एनडीए को बहुमत नहीं मिला था. झारखंड के बाद अब दिल्ली एनडीए के लिए महत्वपूर्ण है.

नीतीश और चिराग की परीक्षा :दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद एग्जिट पोल में बीजेपी के पक्ष में रिजल्ट जाता दिख रहा है. हालांकि 8 फरवरी को ही यह पता चलेगा कि जीत किसकी होगी लेकिन बुराड़ी और देवली पर बिहार की भी नजर है. नीतीश कुमार और चिराग पासवान की भी परीक्षा होगी. दिल्ली की जनता खासकर बुराड़ी और देवली की जनता दोनों में से किसकी लाज बचाती है यह भी देखना दिलचस्प होगा. नीतीश कुमार और चिराग पासवान आप के किला को ध्वस्त कर पाते हैं कि नहीं यह भी देखना दिलचस्प होगा.

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