वाराणसी:कांग्रेस नेता राहुल गांधी की बनारस यात्रा संपन्न हो गई. भारत जोड़ो न्याय यात्रा जब आज बनारस में निकली तो जिस भीड़ का अंदाजा लगाया गया था वो दिखा नहीं. जहां कांग्रेस का दावा था कि लाखों की संख्या में लोग सड़कों पर पैदल चलेंगे. वहीं उसके मुकाबले कांग्रेस भीड़ जुटाने के मामले में कुछ खास नहीं कर सकी. अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या राहुल गांधी की इस यात्रा का कुछ असर बनारस में दिखने वाला है? क्योंकि सैलाब तो दिखा नहीं. अब आने वाले लोकसभा चुनाव में किस तरह का कारनामा कांग्रेस की ये रैली कर सकती है. ये कांग्रेस के लिए भी बड़ा सवाल है. एक खास बात ये भी रही है कि राहुल ने अपने कुछ पुराने आरोप ही दोहराए हैं.
राहुल गांधी की रैली में नहीं उमड़ा हुजूम बनारस में भारत जोड़ो न्याय यात्रा: गोलगड्डा से बाबा के धाम और फिर वहां से गोदौलिया. इतनी दूरी में राहुल गांधी की इस रैली का न तो कोई बड़ा तामझाम दिखा और न ही दिखी कोई खास तैयारी. ये रैली एक तरह से कांग्रेस का शक्ति प्रदर्शन ही मानी जा रही थी. क्योंकि राहुल भले ही इसे मोहब्बत की दुकान कहते हैं, मगर यह एक तरीके से राजनैतिक रैली ही है. उनकी हर रैली और हर जनसभा में सत्ता पर हमला ही होता है. ऐसे में जब बनारस में भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकली तो जितना असर सोचा गया था उतना देखने को नहीं मिला. अगर ये शक्ति प्रदर्शन माना जाए को कांग्रेस इसमें नाकामयाब दिखी. ऐसा इललिए भी है क्योंकि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आने वाले हैं और फिर माहौल बदल जाएगा.
राहुल गांधी की मौजूदगी का कुछ खास असर नहीं दिखा 4 लाख वोट्स के अंतर से जीते थे नरेंद्र मोदी: सबसे पहले बात करते हैं कि राहुल के बनारस आने का असर कितना होता है. अगर हम तुलना करें उनके पिछले रिकॉर्ड का कांग्रेस कुछ खासा प्रदर्शन नहीं कर सकी थी. राहुल गांधी ने अपनी बहन प्रियंका के साथ मिलकर बनारस का मोर्चा साल 2019 में संभाला था. तब भीड़ और माहौल देखकर लगा था कि कांग्रेस कुछ तो बड़ा करेगी. मगर परिणाम जब आया तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6,74,664 लाख वोट पाकर जीत दर्ज कर ली. उन्होंने करीब 4 लाख से ज्यादा के अंतर से दूसरे प्रतिद्वंदी को हराया था. समाजवादी पार्टी की शालिनी यादव 1,95,159 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहीं, जबकि कांग्रेस के अजय राय 1,52,548 वोट पाकर तीसरे स्थान पर आए थे.
वाराणसी में भारत जोड़ो न्याय यात्रा दो चुनावों में तीसरे नंबर की पार्टी रही कांग्रेस:अब बात करते हैं साल 2014 के लोकसभा चुनाव परिणाम की. भारतीय जनता पार्टी से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार रहे नरेंद्र मोदी को कुल 5,81,022 वोट मिले. वहीं, दूसरे स्थान पर आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल को 2,09,238 वोट मिले, कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय 75,614 वोटों के साथ तीसरे स्थान थे. वो जमानत नहीं बचा सके. इसके साथ ही बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार भी अपनी जमानत नहीं बचा सके थे. ऐसे में अगर साल 2014 और 2019 के चुनाव परिणामों को देखा जाए तो कांग्रेस पार्टी का ग्राफ ऊपर तो उठा है मगर वो दोनों ही चुनावों पर तीसरे नंबर की पार्टी रही है.
राहुल के स्वागत के मूड में नहीं था बनारस: शनिवार (17 फरवरी 2024) को जब भारत जोड़ो न्याय यात्रा बनारस में निकली तो ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी कि अच्छा खासा जनसमर्थन इस यात्रा में देखने को मिलेगा. मगर राहुल गांधी की मौजूदगी कुछ खास असर नहीं दिखा सकी. इनके साथ ही बनारस के ही स्थानीय और यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय भी कहीं न कहीं जनता को अपनी तरफ आकर्षित करने में नाकामयाब रहे. जब गोदौलिया में खुली जीप पर बैठकर राहुल गांधी जनसभा कर रहे थे तब उस समय की भीड़ यह बता रही थी कि बनारस अभी इस मूड में नहीं है कि राहुल गांधी का स्वागत करे. कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने जरूर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी. ऐसे में अगर आज की यात्रा को देखें तो कांग्रेस से उम्मीदें कम हो जाती हैं.
राहुल ने अपने संबोधन में ये बातें बार-बार दोहराईं:
- मोदी मीडिया आपको अमिताभ बच्चन दिखा देंगे, ऐश्वर्या राय दिखा देंगे, पाकिस्तान के लेक्चर दे देंगे.
- अरबपतियों के लिए काम किया जा रहा है, किसानों और गरीबों की जमीन छीनी जा रही है, महंगाई और बेरोजगारी बढ़ती जा रही है.
- इस देश में जो नफरत और हिंसा फैल रही है. उसका कारण अन्याय है.
- जहां भी देखो आपको दो हिंदुस्तान दिखेंगे. एक अरबपति वाला और दूसरा गरीबों का हिंदुस्तान.
- देश में दो सबसे बड़े मुद्दे हैं. पहला बेरोजगारी और दूसरा महंगाई.
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