लखीमपुर खीरी: दुधवा टाइगर रिजर्व का पालतू हाथी गजराज बेड़ियां तोड़कर जंगल में फरार हो गया. अब पार्क प्रशासन गजराज को वापस लाने के लिए जंगल में तलाशी अभियान चला रहा है. लेकिन, जंगल इतना बड़ा है कि गजराज का पता नहीं चल रहा. गजराज पालतू होने के नाते मोटी-मोटी बेड़ियों से बंधा था. रात के अंधेरे में बेड़ियों को तोड़कर जंगल में फरार हो गया.
कहीं नेपाल न चला जाए गजराज: बेड़ियां तोड़कर फरार हुए गजराज को लेकर पार्क प्रशासन को ये चिंता सता रही है कि कहीं गजराज बार्डर पार करके नेपाल न चला जाए. दरअसल दुधवा टाइगर रिजर्व में इन दिनों नेपाल से आए जंगली हाथियों का एक बड़ा दल आया हुआ है. इन हाथियों के दल में एक से एक हट्टी कट्टी मादाएं भी हैं. घुमन्तू जंगली हाथियों का ये झुण्ड अक्सर दुधवा के बेस कैंप के आसपास भी मंडराता रहता है.
987 वर्ग किलोमीटर के जंगल में गजराज किस जगह है अभी पता नहीं चल रहा. पार्क के अफसरों को यही चिंता है कि कहीं गजराज नेपाल की सीमा में न फरार हो जाए. क्योंकि, नेपाल की खुली सीमा दुधवा पार्क से लगी हुई है. करीब छह साल के गजराज को ढूंढ़ने को टीमें लगी हैं.
गजराज को ढूंढ़ने के लिए लगाई गई महावतों की टीम:दुधवा के पालतू हाथी गजराज को जंगल में ढूंढ़ने को पार्क प्रशासन ने टीमों को लगाया है. प्रशिक्षित महावतों को गजराज को ढूंढ़ने के लिए लगाया गया है. एक दर्जन पालतू हाथियों की टीमों को एक्सपर्ट महावतों के साथ गजराज को मनाने के लिए लगाया गया है. दुधवा के डिप्टी डायरेक्टर रंगाराजू टी ने बताया कि जंगल में गजराज को ढूंढ़ा जा रहा. एक बार वो दिखाई भी दिया था पर टीम को गच्चा देकर फिर जंगल में फरार हो गया. गजराज उग्र भी हो गया है.
मस्ती में है गजराज:गजराज को वापस लाने की कवायद पार्क प्रशासन कर रहा है पर गजराज इन दिनों मस्ती में है. हाथियों का इन दिनों मेटिंग पीरियड चल रहा, जिससे नर हाथी मस्ती में आ जाते हैं और वो मादाओं की तलाश कर मेटिंग करते हैं. मस्त हाथी को काबू करने में महावत भी कभी-कभी फेल हो जाते हैं. कभी-कभी तो नर हाथी महावतों तक को पटककर मार डालते हैं. दुधवा के फील्ड डायरेक्टर ललित वर्मा कहते हैं ये नर हाथियों में होने वाली एक प्राकृतिक घटना है. हाथियों को मादा का सानिध्य चाहिए होता है. गजराज को भी जल्द वापस लाया जाएगा.
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