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पति के मौत के बाद कर ली दूसरी शादी, फिर भी 9 साल तक लेती रही विधवा पेंशन, होगी 10.89 लाख रुपये की रिकवरी - Widow Pension Fraud in Agra

सरकार की ओर से विधवा, वृद्धा, दिव्यांग समेत विभिन्न प्रकार की पेंशन योजनाएं (Pension fraud in Agra) चलाई जाती हैं. इनका लाभ लेने के लिए अमूमन पात्र भटकते रहते हैं, लेकिन जालसाजी के आंकड़े हैरान करते हैं. ऐसे ही आगरा के कई मामले सामने आए हैं.

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 12, 2024, 4:37 PM IST

जिलाधिकारी कार्यालय आगरा.
जिलाधिकारी कार्यालय आगरा. (Photo Credit-Etv Bharat)

आगरा:जिले में 400 से अधिक ऐसे परिवार हैं जो कई साल से कागजों में हेरफेर करके पारिवारिक पेंशन या अन्य पेंशन ले रहे हैं. जिले में सबसे चर्चित मामला चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के एक कर्मचारी की मौत के बाद पारिवारिक पेंशन का सामने आया. इसमें कर्मचारी की मौत के बाद पत्नी को पारिवारिक पेंशन मिलने लगी. कुछ साल बाद ही कर्मचारी की पत्नी ने दूसरे युवक के साथ अपना घर बसा लिया है, लेकिन पेंशन नहीं छोड़ी. इसकी शिकायत हुई, तो जांच के दौरान मांग में भरे एक चुटकी सिंदूर से सारी चालबाजी की पोल खुल गई. अब जिला प्रशासन ने महिला को 10.89 लाख रुपये की रिकवरी का नोटिस थमाया है. इसके अलावा जिले के 393 केस में भी वसूली की तैयारी है.

बता दें, आवास विकास काॅलोनी निवासी मनीष कुमार की चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग में नौकरी थी. 2008 में मनीष कुमार नहीं रहे तो उनकी पत्नी अलका को परिवारिक पेंशन का लाभ मिलना शुरू हो गया. सात साल बाद 2015 में अलका ने दूसरी शादी कर ली, लेकिन अलका ने खुद को कागजों में विधवा बनाए रखा, जिससे लगातार पेंशन पा रही थी. बीते दिनों अलका के शादी करने और पेंशन लेने की शिकायत हुई. क्योंकि, अलका सुहागन होने के बाद भी विधवा होने का प्रमाण पत्र पेश करके पेंशन ले रही थी. नियमानुसार महिला के दोबारा घर बसा लेने पर पेंशन का लाभ मिलना बंद करने का प्रावधान है.



विधवा बनी अलका के सिंदूर से खुली पोल :सुहागन होकर विधवा पेंशन ले रही अलका के खिलाफ हुई शिकायत की जांच सदर तहसील की टीम ने की थी. टीम जब अलका के घर पहुंची तो उसने खुद को विधवा बताया, मगर टीम के सदस्य उसकी मांग में सिंदूर देखकर जवाब तलब कर लिया. इस पर अलका सकपका गई और टीम को असलियत पता चल गई. टीम ने कोषागार में रिपोर्ट दी कि अलका पुनर्विवाह करने के बाद नौ साल से पारिवारिक पेंशन का लाभ ले रही थीं. इसके अलावा पेंशन अनुभाग में जीवित व विधवा होने के प्रमाण पत्र भी देती रही. जांच टीम की रिपोर्ट पर कोषागार ने अलका को नोटिस जारी करके पेंशन की पूरी धनराशि जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं.

मौत के बाद 393 पेंशनर्स के परिजन लेते रहे पेंशन :दरअसल, नियमानुसार यदि किसी पेंशनर की मृत्यु हो जाती है, तो परिवार इसकी सूचना कोषागार में देगा, जिससे उसकी पेंशन बंद कराई जा सके, लेकिन जिले में कई साल से ऐसा नहीं हो रहा था. इस पर बीते माह कोषागार ने जांच कराई तो शिक्षा विभाग, नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभाग से रिटायर्ड 393 पेंशनर की मौत के बाद भी परिजनों ने कोषागार कार्यालय में सूचना नहीं दी. उन्होंने पेंशन ली, मगर पेंशनर्स के जीवित होने का प्रमाण पत्र देने का समय आया तो पेंशनर्स जब नहीं पहुंचे तो पता चला कि उनकी मृत्यु तो कई माह पहले हो चुकी है. जांच में 393 पेंशनर्स के परिवार इसमें फंसे गए है जो एक महीने से लेकर 11 महीने की पेंशन राशि ले चुके हैं. उन्हें नोटिस दिए गए हैं. जिससे पेंशन राशि की वसूली की जा सके.



608 में से 215 ने लौटाई रकम:जिले में एक अक्टूबर 2023 से 30 जून 2024 तक गलत तरीके से पेंशन लेने वाले 608 परिवार थे. जिसमें से अभी तक सिर्फ 215 परिवार ने पेंशन की धनराशि लौटाई है. जिनसे करीब 1.54 करोड़ रुपये की वसूली हुई है. बाकी के पेंशनर्स के परिजन को वसूली के लगातार नोटिस दिए जा रहे हैं.


जमा करानी होगी पेंशन की धनराशि:आगरा की मुख्य कोषाधिकारी रीता सचान ने बताया कि शादी करने के बाद भी पारिवारिक पेंशन का लाभ ले रही अलका को नोटिस जारी किया जा चुका है. उसने पूरी धनराशि जमा कराने के लिए कहा है. ऐसे ही जिले में गलत तरीके से पेंशन लेने वाले पेंशनर्स के 393 परिजन को को भी नोटिस जारी करके धनराशि जमा कराने के निर्देश दिए हैं.



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